उत्तराखंड: रिश्वत के आरोप में पकड़ा गया इनकम टैक्स अफसर दोषी करार, सीबीआई कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा

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उत्तराखंड में पांच साल पहले रिश्वत लेने के आरोप में पकड़े गए इनकम टैक्स अफसर को सीबीआई स्पेशल कोर्ट ने दोषी करार दिया है। कारोबारी से एक लाख रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार हुए आयकर अधिकारी (निलंबित) को सीबीआई स्पेशल जज सुजाता सिंह की कोर्ट ने 10 साल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने दोषी अधिकारी पर अलग-अलग धाराओं में एक लाख दस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। दोषी को न्यायालय परिसर से गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

सीबीआई के वकील अभिषेक अरोड़ा ने बताया कि नानकमता, ऊधमसिंह नगर निवासी कश्मीर सिंह की शिकायत पर सीबीआई ने मुकदमा दर्ज किया था। कश्मीर सिंह ने वर्ष 2011 में गुरू राम दास नाम का अस्पताल राजेश छाबड़ा को बेचा था। वर्ष 2013 में राजेश छाबड़ा की आयकर विभाग में स्क्रूटनी शुरू हुई। उस वक्त आयकर अधिकारी खटीमा अमरीश कुमार थे।
अमरीश कुमार ने इस स्क्रूटनी के दौरान आयकर अधिनियम की धारा 133(6) का नोटिस कश्मीर सिंह को भेजा। इसके बाद जब छह जनवरी 2015 को कश्मीर सिंह, अमरीश कुमार से मिले तो उन्होंने कश्मीर सिंह से टैक्स बचाने की एवज में दो लाख रुपये रिश्वत की मांग की।
उन्होंने यह रिश्वत दो किश्तों में देने का वादा किया और 13 जनवरी 2015 को अमरीश कुमार के दफ्तर में एक लाख रुपये लेकर पहुंचे। जबकि इससे पहले आठ जनवरी को कश्मीर सिंह सीबीआई को शिकायत कर चुके थे। जैसे ही कश्मीर सिंह ने अमरीश कुमार को रिश्वत दी सीबीआई ने उसे रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया।

इस मामले में सीबीआई ने 12 मार्च 2015 में चार्जशीट दाखिल की। अदालत में 31 अगस्त 2015 को भ्रष्टाचार भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की अलग-अलग धाराओं में आरोप तय किए गए। सीबीआई ने मुकदमे में 11 गवाह पेश किए।

जबकि अमरीश ने कुल चार गवाह अपने बचाव में प्रस्तुत किए। सोमवार को अदालत ने अधिनियम की धारा सात और 13 के तहत दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। दोषी को धारा सात के तहत सात साल की सजा और दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया। जबकि, धारा 13 के तहत दस वर्ष की सजा और एक लाख रुपये जुर्माना लगाया है। दोषी अधिकारी ट्रैप के बाद से निलंबित चल रहा है।

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