Holmark Jewelery : बिना होलमार्क ज्वैलरी कब तक बेच सकेंगे, होलमार्क लाइसेंस के नियम, यहां पढ़ें पूरी डिटेल
होलमार्क ज्वैलरी एक जुलाई से बेचना अनिवार्य कर दिया गया है। इसको लेकर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) गाजियाबाद से आए स्टैंडर्ड प्रमोशन आफिसर(एसपीओ) रोहित राय व हाेलमार्किंग कोआर्डिनेटर नितिन कुमार ने हाेलमार्क ज्वैलरी से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारिया दीं। वहीं स्टाक में रखी बिना हाेलमार्किंग को कब तक ज्वैलर्स बेच सकते हैं? और कैसे उसको होलमार्क करा सकते हैं? ऐसे जिज्ञासा भरे सवाल सराफा कारोबारियों ने पूछे।
एसपीओ रोहित राय ने स्पष्ट किया कि 16 जून 2021 से 90 दिन के अंदर बिना हाेलमार्किंग ज्वैलरी को होलमार्क ज्वैलरी में बदलना होगा। इसके लिए मुरादाबाद के मंडी चौक में स्थित दो होलमार्क सेंटरों पर उसकी शुद्धता के आधार पर कैरेट समेत तीन निशान की मुहर लगवानी होगी। तभी वह होलमार्क ज्वैलरी बेच सकते हैं। तीन महीने के बाद बिना होलमार्क ज्वैलरी बेचना जुर्म होगा। जिसमें एक साल की सजा व शोरूम व दुकान में पाए गए ज्वैलरी स्टाक के आधार पर जुर्माना लगेगा। जागरूकता कार्यक्रम में 20 सराफा ने बीआइएस होलमार्क लाइसेंस को लेकर पंजीयन कराया। पहले से 100 सराफा कारोबारियों पर लाइसेंस हैं। अब शहर के करीब 200 में 120 पर लाइसेंस हो जाएंगे। राही होटल में होलमार्क ज्वैलरी को लेकर जागरूकता कार्यक्रम में कम से 50 से ज्यादा सवाल सराफा कारोबारियों ने पूछे। होलमार्क ज्वैलरी को लेकर उनका जो संशय था, उसको बीआइएस के अफसरों ने दूर किया। सवाल आया कि कि हाेलमार्क ज्वैलरी अगर जांच में कभी शुद्धता पर खरी नहीं उतरती है तो क्या करेंगे? इसको लेकर एसपीओ रोहित राय ने बताया कि होलमार्क ज्वैलरी जहां से प्रमाणित हुई है वहां का प्रमाण पत्र दिखाएंगे तो ज्वैलर्स पर कार्रवाई नहीं होगा। रोहित राय ने कहा कि पहले होलमार्क पर चार निशान अनिवार्य थे लेकिन, अब तीन निशान ही जरूरी हैं। अगर शोरूम पर ग्राहक ज्वैलरी खरीदने जाते हैं तो ज्वैलर्स से यह तीन निशान दिखाने को बोलेंगे तो होलमार्क की पहचान होगी। साथ ही ज्वैलर्स भी ग्राहकों की जागरूकता को लेकर शुद्धता के प्रति बाध्य होंगे। इस मौके पर मंडी चौक सराफा कमेटी के उपध्यक्ष संदीप बंसल, गंज बाजार सराफा कमेटी के अध्यक्ष नीरज अग्रवाल, नीरज रस्तोगी, शुभम अग्रवाल, अंकुर अग्रवाल, संजीव अग्रवाल, श्रवण कुमार समेत करीब 150 सराफा मौजूद रहे।
बीआइएस होलमार्क ज्वैलरी की पहचान : बीआइएस का लोगो, प्योरिटी आफ गोल्ड, छह संख्या का एचयूआइडी कोड।
तीन तरह के कैरेट ही होलमार्क : 14 कैरेट, 18 कैरेट, 22 कैरेट।
इन्हें भी होलमार्क करने की मांग : 20 कैरेट, 23 कैरेट, 24 कैरेट।
40 लाख से कम सालाना टर्नओवर पर होलमार्क लाइसेंस अनिवार्य नहीं : 40 लाख सालाना टर्नओवर पर होलमार्क ज्वैलरी का लाइसेंस की अनिवार्यता नहीं है। लेकिन, सराफा कारोबारी अगर लाइसेंस लेना चाहते हैं तो ले सकते हैं। इस पर सवाल उठा कि जब 40 लाख सालाना टर्नओवर से कम पर होलमार्क लाइसेंस जरूरी नहीं? तो तो पूरी तरह बाजार में ज्वैलरी पर शुद्धता कैसे आएगी? इस पर होलमार्क कोआर्डिनेटर नितिन कुमार ने कहा कि जब ग्राहक होलमार्क ज्वैलरी को लेकर जागरूक हो गया है तो छोटे कारोबारियों को भी होलमार्क लाइसेंस के लिए बाध्य होना पड़ेगा। गंज बाजार सराफा कमेटी के अध्यक्ष नीरज अग्रवाल ने कहा कि हमारे ही उच्च पदाधिकारियों के कहने पर 40 लाख तक टर्नओवर पर होलमार्क लाइसेंस से छूट दी गई है। पहले बीआइएस ने 20 लाख टर्नओवर को लाइसेंस मुक्त किया था। दो लाख से अधिक ज्वैलरी बेचने पर ग्राहक से चेक से भुगतान लेने पर भी सवाल उठाए।