उत्तराखंड की सियासत : धामी के लिए चार विधायक अपनी सीट छोड़ने को तैयार, ‘ताज’ पर धामी की दावेदारी मजबूत
Shubham Thakur 13/03/2022 0चुनाव का नतीजा आने से पहले उत्तराखंड में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर कोई भ्रम नहीं था। पार्टी ने बीते साल 3 जुलाई को अप्रत्याशित फैसले में पुष्कर सिंह धामी को मुख्यमंत्री बनाया था। त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बनाने का प्रयोग विफल हो गया था। धामी ने आठ महीने के भीतर ताबड़तोड़ बैटिंग की।
एंटी इन्कबेंसी पर काबू पाते हुए पार्टी को भारी जीत दिलाने में मददगार बने। कार्यवाहक मुख्यमंत्री का दायित्व निभा रहे पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। लेकिन उनके चुनाव हारने के बाद परिस्थितियां बदल गईं हैं। हालांकि पार्टी के कुछ विधायक और कार्यकर्ता धामी को ही बागडोर सौंपने की वकालत कर रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि नई सरकार के गठन को लेकर केंद्रीय नेतृत्व जो भी दिशा-निर्देश देगा, उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
यह भाजपा आलाकमान के सख्त अनुशासन का असर है कि कोई विधायक, नेता या समर्थक मुख्यमंत्री के नाम के लिए किसी के पक्ष या विरोध में खुलकर कोई बात नहीं कर पा रहा है। लेकिन अंदरखाने कुर्सी के लिए लॉबिंग तेज हैं। अटकलों का बाजार गरमाता जा रहा है। कुछ विधायकों के देहरादून पहुंचने तो कुछ के दिल्ली दौड़ लगाने की भी चर्चा है। देहरादून पहुंचे डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व जिसे भी नेता चुनेगा, हम सब उसके साथ खड़े होंगे।
पहली महिला सीएम के तौर पर ऋतु खंडूड़ी का नाम भी उभरा
जैसे-जैसे सरकार गठन की प्रक्रिया में समय लग रहा है, मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवारों की सूची लंबी होती जा रही है। कार्यवाह सीएम धामी के अलावा विधायकों में से सतपाल महाराज, डॉ. धनसिंह रावत, मदन कौशिक के बाद अब महिला चेहरे के तौर पर पूर्व मुख्यमंत्री मेजर जनरल बीसी खंडूड़ी(सेनि) की बेटी ऋतु खंडूड़ी के नाम की भी चर्चा शुरू हो गई है। सांसदों में पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नामों की भी खूब चर्चा हो रही है।
अपने क्षेत्र में ज्यादा समय देता तो जीत जाता : धामी
उत्तराखंड बाल आयोग की अध्यक्ष डॉ. गीता खन्ना ने शनिवार को कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से उनके आवास पर मिलकर उन्हें प्रदेश में पार्टी की जीत पर बधाई दी। उन्होंने बताया कि इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि वह खुद चुनाव हार गए, लेकिन पार्टी चुनाव जीत गई।
पार्टी नेतृत्व ने उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी उस पर वह खरे उतरे हैं। सीएम ने कहा कि चुनाव में यदि अपने क्षेत्र में अधिक समय देते तो शायद चुनाव जीत जाते पर लेकिन यदि पार्टी का प्रदर्शन खराब हो जाता तो अपने वरिष्ठ नेतृत्व को क्या जवाब देता, जिसने इतने भरोसे के साथ उन्हें चुनाव कमान सौंपी थी। सीएम ने कहा कि उन्हें संतोष है कि पार्टी चुनाव जीती है और उन्होंने पार्टी नेतृत्व का भरोसा नहीं टूटने दिया। पूर्व राज्य सूचना आयुक्त विनोद नौटियाल भी सीएम आवास में कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बधाई देने पहुंचे थे।
नौटियाल ने कहा कि धामी को फिर से सीएम बनाना उनके साथ न्याय होगा। प्रदेश में कई विधायक उनके लिए सीट छोड़ने को तैयार हैं। सांसद अजय टम्टा एवं नवनिर्वाचित विधायक धन सिंह रावत ने भी धामी से मिलकर उन्हें पार्टी की जीत पर बधाई दी।