Ukraine Crisis Updates: वैश्विक स्तर पर मची हलचल, रूस पर प्रतिबंधों का सिलसिला; कीव से राजनयिकों की वापसी जारी
पूर्वी यूक्रेन को लेकर रूस द्वारा की गई कार्रवाई के बाद दुनिया भर के देश उसकी आलोचना तो कर ही रहे हैं साथ ही प्रतिबंधों का सिलसिला भी शुरू हो गया है। इस बीच यूक्रेन को लेकर पूर्वनियोजित बैठकों को अब रद किया जा रहा है। इसके अलावा दोनों विद्रोही इलाकों को अलग देश की मान्यता देने के बाद रूस वहां अपने नए राजनयिक गठजोड़ में जुट गया है। कुल मिलाकर अभी वैश्विक स्तर पर काफी हलचल है।
डालें नजर अपडेट्स पर –
– पूर्वी यूक्रेन के दो इलाकों को अलग देश की मान्यता दिए जाने से नाराज अमेरिका की तरह ही कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी मंगलवार को रूस पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया।
– अमेरिका के विदेश मंत्री ब्लिंकन ने यूक्रेन पर लावरोव के साथ होने वाली मीटिंग रद कर दी। अमेरिकी राजनयिकों व अन्य स्टाफ को कीव से हटा लिया गया है। उन्हें पोलैंड में रात बिताने का आदेश दिया गया है।
– यूक्रेन को लेकर रूस द्वारा उठाए गए कदम की दुनिया भर में आलोचना हो रही है। अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय यूनियन के 27 सदस्य देशों और कई अन्य देशों ने रूस पर प्रतिबंधों का ऐलान शुरू भी कर दिया है। अन्य पश्चिमी देशों को आशंका है कि स्थितियां बिगड़ने पर एक बड़ा युद्ध हो सकता है।
– यूक्रेन के विद्रोही इलाकों में रूस की ओर से राजनयिक गठबंधनों की शुरुआत की जा रही है।
बाइडन का एक्जीक्यूटिव आर्डर
पुतिन के इस फैसले की प्रतिक्रिया में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने यूक्रेन से अलग होने वाले दोनों क्षेत्रों में सभी अमेरिकी आर्थिक गतिविधियां बंद करने और वहां से सभी वस्तुओं के आयात के साथ-साथ निवेश ठप करने के लिए एक्जीक्यूटिव आर्डर पर हस्ताक्षर किए हैं। सोमवार को रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने डोनेत्स्क और लुहान्स्क को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता दे दी। पुतिन ने यूक्रेन को रूस का अभिन्न अंग बताया। क्रेमलिन के अनुसार पुतिन ने यह कदम उठाने से पहले फ्रांस और जर्मनी के राष्ट्राध्यक्षों को फोन करके अपने निर्णय की जानकारी दे दी थी।
पुतिन ने कहा कि रूस चाहता है कि यूक्रेन नाटो में शामिल होने का अपना इरादा छो़ड़ दे। यूक्रेन यदि ऐसा करता है तो अभी भी समाधान निकल सकता है। उन्होंने पहले कहा था कि यूक्रेन यदि नाटो में शामिल होता है तो यह रूस की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा होगा। रूस के इस कदम से पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच होने वाली शिखर वार्ता खटाई में पड़ गई। टकराव टालने के लिए इस वार्ता का प्रस्ताव किया गया था।