उत्तराखंड: चुनाव से ठीक पहले कृषि कानून वापसी का ऐलान, हरिद्वार की नौ सीटों पर किसान कर सकते हैं बड़ा उलटफेर

0
19_11_2021-kisan_22219909

Uttarakhand Election 2022 उत्तराखंड में भी कुछ सीटें ऐसी हैं, जहां पर मतदाता के रूप में किसान बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हरिद्वार जिले की बात करें तो यहां की नौ विधानसभा सीटों को किसान सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं। अगले साल राज्य में विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में चुनाव से ठीक पहले केंद्र सरकार के कृषि कानून को वापस लेने के फैसले से काफी कुछ बदल सकता है। इस फैसले को आगामी विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

हरिद्वार जिले में 94 हजार हेक्टेयर भूमि पर खेती होती है। यहां एक लाख 28 हजार किसान खेती करते हैं। जिले में मुख्य रूप से गन्ना, गेहूं, धान सब्जियां और बागवानी की खेती होती है। 16 हजार खेतिहर मजदूर भी हैं, जो कि किसानों से जुड़े हुए हैं। विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो मंगलौर, झबरेड़ा, भगवानपुर, कलियर, ज्वालापुर, खानपुर, लक्सर, रानीपुर और हरिद्वार ग्रामीण में किसान वोट बैंक ठीक संख्या में है।

इन विधानसभा क्षेत्रों में ही कृषि कानूनों को लेकर सबसे अधिक धरना-प्रदर्शन देखने को मिला है। मंगलौर और कलियर विधानसभा से जुड़े किसान तो दिल्ली के आंदोलन में भी सक्रिय भूमिका निभाते रहे हैं। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी के तमाम बड़े पदाधिकारी भी इस बात को लेकर चिंतित नजर आ रहे थे। वहीं, पिछले सप्ताह ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के मानुबास णें आयोजित किसान मेले के दौरान भी किसान मुख्यमंत्री से भी मांग कर रहे थे कि तीनों कृषि कानून को वापस लिया जाए। ऐसे में तीनों कृषि कानून वापस होने से भारतीय जनता पार्टी भी राहत महसूस कर रही है।

दरअसल, हरिद्वार जिले की राजनीति हमेशा ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश से प्रभावित रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में कई जगह भाजपा नेताओं का विरोध हुआ और उनके गांव में प्रवेश वर्जित के बोर्ड पर लगा दिए गए थे, जिसका असर मंगलौर विधानसभा में भी देखने को मिला था। अब चुनाव से ठीक पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया गया है, जिससे किसान संगठन बेहद खुश हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed