उत्तराखंड के मसाले और सब्जी की खुशबू से महका महोत्सव, शानदार तरीके से हुआ आगाज

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उत्तराखंड के पहले तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मसाला और सब्जी महोत्सव का मुनिकीरेती में शानदार आगाज हुआ। महोत्सव में उत्तराखंड के परंपरागत मसालों की खुशबू और सब्जियों की महक हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही है। पहले दिन देश-विदेश के कृषि व उद्यान विशेषज्ञों ने अलग-अलग तकनीकी सत्रों में कृषिकों का मार्गदर्शन किया।

मुनिकीरेती स्थित पूर्णानंद खेल स्टेडियम में मंगलवार को तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मसाला और सब्जी महोत्सव का उद्घाटन मुख्य अतिथि कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने किया। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के मसाले, सब्जियां और अन्य उत्पाद विश्व के अच्छे से अच्छे उत्पादों से कमतर नहीं है। मगर, इन्हें सही पहचान दिलाने की जरूरत है। वर्तमान में भी उत्तराखंड के तमाम उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खासी मांग है। इस महोत्सव के माध्यम से हम उत्तराखंड के मसालों और सब्जियों को बढ़ावा देने के साथ किसानों को खेती के प्रति प्रोत्साहित कर उनमें एक विश्वास जगाने का कोशिश कर रहे है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का भी सपना है कि कम खर्च में देश के किसानों की आय दोगुनी की जा सके। जिसके लिए सरकार तमाम प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड का यह मसाला एवं सब्जी महोत्सव पर्वतीय किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा, जिसके निकट भविष्य में बड़े परिणाम सामने आएंगे।

मसाला एवं सब्जी महोत्सव में चालीस से अधिक स्टाल पर कृषि विभाग व उद्यान विभाग की ओर से प्रत्येक जनपद के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा कृषकों ने भी स्टाल पर अपने उत्पादों को प्रदर्शित किया है। प्रदर्शनी में किसानों की असामान्य प्रकृति से उगाई सब्जियों को भी प्रदर्शित किया गया है, जिनमें 18 किलो वजनी कद्दू, दो मीटर से लंबी लौकी और अन्य आकार की सब्जियां आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं। मंगलवार को पहले दिन बड़ी संख्या में लोग अंतरराष्ट्रीय मसाला व सब्जी महोत्सव को देखने पहुंचे।

इस दौरान पारंपरागत बीजों, अनाज और मसालों को देखकर नागरिकों ने इनके फायदों को भी जाना। इस अवसर पर उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण के निदेशक डा. हरमिंदर सिंह बवेजा, पालिकाध्यक्ष रोशन रतूड़ी, मंडी समिति ऋषिकेश के अध्यक्ष विनोद कुकरेती, नरेंद्रनगर के अध्यक्ष वीर सिंह रावत, क्रेजी फेडरेशन अध्यक्ष मनीष डिमरी, समाजसेवी बचन पोखरियाल, अपर सचिव डा. राम विलास यादव, निदेशक कृषि विभाग डा. परमा राम, निदेशक रेशम एके यादव, प्रबंधक निदेशक जैविक एके उपाध्याय, संयुक्त निदेशक कृषि जेसी कैम आदि मौजूद रहे।

किसानों को दी तकनीकी जानकारी

मसाला एवं सब्जी महोत्सव के तहत किसानों के लिए तकनीकी सत्र भी आयोजित किए गए। जिसमें कृषि वैज्ञानिकों तथा विशेषज्ञों ने किसानों को नई तकनीकी के बारे में अवगत कराया। जिससे किसानों को आधुनिक तकनीकी अपनाकर खेती कर अपनी आय को बढ़ाने के गुर सिखाए गए। पहले दिन डा. अनिल हांडा, डा. बीएस दिलता, डा. केपी ङ्क्षसह, डा. एसके गुप्ता, डा. संदीप कंसल आदि ने किसानों का मार्गदर्शन किया।

फसल बीमा योजना के तहत आवंटित किए जाएंगे 35 करोड़

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड में आपदा की वजह से कई बार किसानों की फसलें खराब हो जाती हैं, ऐसे में किसानों के लिए फसल बीमा योजना सरकार की ओर से जारी की गई है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत राज्य के सैकड़ों किसानों को फसल बीमा योजना के तहत 35 करोड़ रुपये शीघ्र ही आवंटित कर दिए जाएंगे। जिससे किसानों को एक मजबूत सुरक्षा कवच मिलेगा। कृषि मंत्री ने बताया कि बीमा योजना का लाभ लेने के लिए अब तक किसानों को फसल का दो प्रतिशत व्यय करना पड़ता था, जिसे अब घटाकर मात्र एक प्रतिशत करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से किसानों को 10 लाख रुपये तक अनुदान दिए जाने की व्यवस्था की गई है। बागवानी मिशन के अंतर्गत मसालों की खेती के लिए 50 प्रतिशत अनुदान सरकार की ओर से उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में मौसमी सब्जियों के साथ यूरोपियन सब्जियों को बढ़ावा देने हेतु उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना के लिए प्रस्ताव तैयार किया गया है।

कृषि विभाग ने लगाई पारंपरिक बीजों की प्रदर्शनी

कृषि विभाग की ओर से मसाला व सब्जी महोत्सव में अपने स्टाल पर उत्तराखंड के पारंपरिक बीजों को बेहद खूबसूरती के साथ प्रदर्शित किया है, जिसमें उत्तराखंड में प्रचलित बारह नाजा की प्रदर्शनी सभी को भा रही है। बारह नाजा में मंडुआ, झंगोरा, धान, गहत, तिल, भंगजीरा, रयांस, उड़द, राजमा, मक्का, जखिया आदि की सजीव प्रदर्शनी लगाई गई है। इसके अलावा पहाड़ी खानपान को बढ़ावा देने के लिए परंपरागत पकवानों का भी स्टाल लगाया गया है।

सामाजिक संस्थाओं की मंत्री ने थपथपाई पीठ

अंतरराष्ट्रीय मसाला और सब्जी महोत्सव में राज्य के सुदूर गांवों से भी महिला समूह अपने उत्पादों के स्टाल लगाए हैं। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने प्रत्येक स्टाल का निरीक्षण कर समूहों और कृषकों से भी बातचीत की। इस दौरान युवाओं के स्वरोजगार के किस्से और समूहों के सफलता की कहानी सुनकर कृषि मंत्री भी दंग रह गए। उन्होंने किसानों और महिला समूहों की पीठ थपथपाई। कहा कि वह उत्तराखंड के नौजवानों के लिए एक रोडमैप तैयार करने का काम कर रहे हैं।

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