धूमधाम से मनाई गई दीपावली, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को दी शुभकामनाएं
रोशनी और खुशी का पर्व दीपावली आज धूमधाम से मनाया जा रहा है। लोगों ने घर, मंदिर और प्रतिष्ठानों में लक्ष्मी और गणपति की पूजा कर सुख-समृद्धि, वैभव की कामना की। पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 4:20 से 12:40 बजे तक है। इधर, बाजार में बुधवार देर रात तक दुकानों में खरीदारी की भीड़ उमड़ी रही। लोग ने घर की सजावट, पूजा, इलेक्ट्रानिक, खील बतासे, मिठाई, ज्वेलरी आदि की दुकानों से खूब खरीदारी की। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दी।
कार्तिक मास की अमावस्या पर दीपावली मनाई जाती है। आचार्य विजेंद्र प्रसाद ममगाईं के मुताबिक, इस बार लक्ष्मी पूजन का शुभ समय शाम 4:20 से रात 12:40 तक रहेगा। दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। लक्ष्मी के अलावा इस दिन गणेश और कुबेर भगवान की पूजा भी बेहद शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दीपावली के दिन मां लक्ष्मी पृथ्वी पर विचरण करती हैं और भक्तों के घर आती हैं। ऐसे में व्यक्ति को इस दिन अपने घर को साफ-सुथरा रखना चाहिए। साथ ही दीये भी जलाने चाहिए। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
गिफ्ट आइटम की दुकानों पर भीड़
दीपावली को लेकर सुबह से ही बाजार में खरीदारी को लेकर भीड़ उमड़ी रही। घर की सजावट का सामान से लेकर पूजन सामग्री, इलेक्ट्रॉनिक, मिठाई, दीये, झालर, फूल माला, मूर्तियां और गिफ्ट आइटम की दुकानों पर लोग ने जमकर खरीदारी की।
मिट्टी के दीये खूब बिके
मिट्टभ् के दीये का दीपावली में विशेष महत्व है। बिना दीयों की रोशनी के दीपावली का त्योहार अधूरा लगता है। धामावाला स्थित व्यापारी पवन कुमार ने बताया कि इस बार मिट्टी से बनाए गए दीयों को भी फैंसी रूप दिया गया है। इन दीयों में विशेष प्रकार के फूल बनाए गए हैं। छोटे वाले दीये की कीमत 10 रुपये, जबकि बड़े वाले दीये की कीमत 40 और 50 रुपये है। इसके अलावा मार्केट में लक्ष्मी, गणेश, सरस्वती और कुबेर की मिट्टी की मूतियों की भी खरीदारी की जा रही है।
पूजा विधि
सुबह घर की साफ-सफाई के बाद पूरे घर में वातावरण की शुद्धि और पवित्रता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। घर के द्वार पर रंगोली और दीयों की एक श्रृंखला बनाएं। पूजा स्थल पर एक चौकी रखकर लाल कपड़ा बिछाकर लक्ष्मी और गणेश प्रतिमा स्थापित करें। दीवार पर लक्ष्मी का चित्र बना सकते हैं। लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा पर तिलक लगाने के बाद दीये जलाकर जल, मौली, चावल, फल, गुड़, हल्दी, अबीर-गुलाल आदि अर्पित कर लक्ष्मी की स्तुति करें। इसके साथ ही सरस्वती, काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी विधि विधान से पूजा करें। तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरण की पूजा करें। जरूरतमंदों को मिठाई और दक्षिणा देना शुभ माना जाता है।
नरक चतुर्दशी पर मंदिरों में हुई पूजा
देहरादून: नरक चतुर्दशी पर बुधवार को लोग ने वीर बजरंग बली हनुमान की पूजा घरों और मंदिरों में की। माना जाता है कि कार्तिक मास में कृष्णपक्ष की चतुर्दशी को ही अर्धरात्रि में बजरंग बली का जन्म हुआ था। इसलिए इस दिन हनुमान जन्मोत्सव भी मनाया जाता है। लोग ने शाम को घरों में हनुमान की पूजा के साथ ही मृत्यु के देवता यमराज की भी पूजा की और यमराज के निमित्त चार बत्ती का दीपक जलाया। अकाल मृत्यु का भय न हो और नरक के बजाय विष्णु लोक में स्थान मिलने की कामना की।
पटेलनगर में हनुमान चालीसा पाठ
पटेलनगर स्थित श्री श्याम सुंदर मंदिर पटेलनगर में हनुमान जन्मोत्सव पर हनुमान को चोला धारण कर पूजन किया गया। भजन कीर्तन कर ध्वजारोहण किया गया। हनुमान चालीसा का पाठ के बाद सामूहिक पाठ कर लड्डू भोग लगाया। भजन गायक तजेंद्र हरजाई, प्रेम भाटिया, चंदर मोहन आनंद, भूपेंद्र चड्ढा,गोविंद मोहन ने गणपति वंदना मेरे लाडले गणेश प्यारे प्यारे, भोले बाबा जी की आंखों के तारे के साथ भजन कीर्तन का शुभारंभ किया।
गोवर्धन पूजा
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि शुक्रवार को गोवर्धन पूजा या अन्नकूट होगा। 2:12 से शाम 5:03 बजे तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। गोवर्धन पूजा में गोधन यानी गो पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा में पशु धन की पूजा की जाती है। इसे अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। गोवर्धन की पूजा भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी हुई है। पौराणिक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव के प्रकोप से गोकुल वासियों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठा लिया था, जिससे सभी गोकुलवासियों की रक्षा हुई और इंद्रदेव का घमंड भी टूट गया। तभी से इस पर्व को मनाने की परंपरा चली आ रही है।