विभाग, प्रचारक और परिवार पर संघ का फोकस, संघ के 2500 लोग सम्मेलन में होंगे
आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत के शुक्रवार रात हल्द्वानी पहुंचने पर शनिवार से तीन दिनी प्रवास कार्यक्रम की शुरुआत हो जाएगी। नौ से 11 अक्टूबर के बीच पांच बैठकों के अलावा भागवत परिवार सम्मेलन में भी शिरकत करेंगे। तय कार्यक्रम के तहत संघ अपने विभाग, प्रचारक व परिवारों पर फोकस करेगा। परिवार सम्मेलन के जरिये आरएसएस की विचारधारा व संस्कारों को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक पहुंचाया जाएगा। सम्मेलन में संघ से जुड़े लोगों के स्वजन ही शामिल होंगे। सह प्रांत प्रचार प्रमुख बृजेश बनकोटी के मुताबिक कार्यक्रम में करीब 2500 लोग होंगे। पूर्व रजिस्ट्रेशन के तहत उपस्थिति की अनुमति मिलेगी।
संघ का संपर्क विभाग नए लोगों को जोडऩे का काम करता है। जागरण विभाग के जरिये लोगों को राष्ट्रवाद के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके अलावा सेवा विभाग आपदा या अन्य संकट के वक्त मदद में जुटता है। कोरोना महामारी के बीच भी स्वयंसेवक हरसंभव प्रयास में जुटे थे। वहीं, तय पदाधिकारियों संग तीन दिवसीय कार्यक्रम में संघ के एजेंडे पर चर्चा होगी। अंतिम दिन प्रदेश के सभी प्रचारक बैठक में हिस्सा लेंगे। सह प्रांत प्रचार प्रमुख बनकोटी ने बताया कि कार्यक्रम और उसमें उपस्थित लोगों के नामों पर पहले ही निर्णय ले लिया गया है। सामाजिक, गोसंरक्षण, पर्यावरण संरक्षण, ग्राम विकास आदि मुद्दों पर चर्चा व समीक्षा के बाद नई गतिविधियों को सक्रिय करने का संदेश भी प्रवास कार्यक्रम से मिलेगा।
शनिवार: प्रवास कार्यक्रम के प्रथम दिन सुबह पहली बैठक में संघ के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी मौजूद होंगे। दोपहर बाद संपर्क विभाग, जागरण विभाग व सेवा विभाग के पदाधिकारियों संग दूसरी बैठक होगी। दोनों बैठकों में मिलाकर 30-40 लोग शामिल होंगे।
रविवार: कार्यक्रम के दूसरे दिन पहले टोली बैठक चलेंगी। संघ की अलग-अलग गतिविधियों से जुड़े टीम के सदस्य इसमें शामिल होंगे। इसके बाद शाम को संघ परिवार सम्मेलन का कार्यक्रम होगा। जिसमें संघ के प्रति समर्पित लोग स्वजनों संग पहुंचेंगे। खुले पंडाल में यह कार्यक्रम होगा।
सोमवार: सर संघचालक मोहन भागवत संग दो सत्र में प्रचारकों की बैठक लेंगे। प्रदेश में आरएसएस के करीब 100 प्रचारक है। यह पूर्णकालिक सदस्य इसमें शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की नई गतिविधियों को लेकर दो सत्रों में विशेष चर्चा होने की संभावना है।