सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक ने मुख्यमंत्री से की भेंट,प्रदेश के औद्योगिक विकास में सहयोगी बने सिडबी- मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित कैम्प कार्यालय में सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक तथा अन्य अधिकारियों ने भेंट की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सिडबी से प्रदेश में औद्योगिक विकास में सहयोगी बनने की अपेक्षा करते हुए कहा कि राज्य का वातावरण उद्योगों के अनुकूल है। राज्य में बड़े उद्योगों के साथ एमएसएमई सैक्टर में अधिक से अधिक उद्योगों की स्थापना हो यह हमारा उद्देश्य है। इसके लिये उद्योगों के अनुकूल नीतियां भी तैयार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिडबी द्वारा दिये गये प्रस्ताव के संबंध में राज्य सरकार के स्तर पर जो भी कार्यवाही की जानी होगी वह प्राथमिकता के आधार पर की जायेगी।
सिडबी के अध्यक्ष एवं प्रबन्ध निदेशक श्री सिवसुब्रमणियन रमण ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि सिडबी राज्य में एमएसएमई कलस्टर विकसित कर 350 करोड़ की फंडिंग कर औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने में सहयोगी बनने को तैयार है।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार के सिडबी क्लस्टर डेवलपमेंट फण्ड के तहत राज्य को यह फंडिंग की जानी है। सिडकुल के माध्यम से सितारगंज प्लास्टिक पार्क, इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर काशीपुर, खादी माल उत्तराखण्ड तथा अरोमा पार्क उधमसिंह नगर का प्रस्ताव सिडकुल द्वारा तैयार किया गया है। जो राज्य के वित्त विभाग के स्तर से भारत सरकार से सिडबी फंड की स्वीकृति हेतु भेजा जाना है।
इस अवसर पर अपर प्रमुख सचिव श्री अभिनव कुमार, सीजीएम डॉ. आर.के.सिंह, जी.एम श्री आशु तिवारी आदि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आध्यात्मिक गुरु सदगुरु के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सदगुरु से जीवन दर्शन से जुड़े विषयों के साथ ही आध्यात्म, पर्यटन और वेलनेस आदि के क्षेत्र में उत्तराखंड को अग्रणी राज्य बनाने की चर्चा की।
मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड दुनिया का खूबसूरत प्रदेश है जहां पहाड़, हिमाच्छादित चोटियां, नदियां, वन संपदा की भरमार है, हमारा प्रयास पर्यटन और आध्यात्म के क्षेत्र में उत्तराखण्ड को शिखर पर ले जाने का है। उत्तराखण्ड दुनिया की आध्यात्मिक राजधानी बने इसके लिये भी हम प्रयासरत हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में हर व्यक्ति अलग-अलग ज़िम्मेदारी के साथ काम करता है और समय समय पर व्यक्ति की ज़िम्मेदारी भी बदलती हैं। हमें जो जिम्मेदारी मिली है उसे पूरे मनोयोग तथा प्राण प्रण से निभाना है। अन्त्योदय के साथ समाज के अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्ति तक सुविधाओं का हमें लाभ पहुंचाना है। हमारे लिये नर सेवा नारायण सेवा है। सभी जरूरतमंदों की मदद करना ही हमारे लिये आध्यात्मिकता है।
संवाद कार्यक्रम के दौरान सद्गुरु ने कहा कि उत्तराखंड तमाम प्राकृतिक संपदाओं से भरपूर राज्य है। इस राज्य में एशिया का सबसे बेहतर सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन राज्य बनने की क्षमता है। एशिया का स्विट्जरलैंड भी यह बन सकता है। स्वदेशी तौर-तरीकों को विकसित कर इसे आगे बढ़ाने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में आने वाले हर व्यक्ति को यहाँ की प्रकृति और पहाड़ों की जीवटता को महसूस करना चाहिए। हिमालय विभिन्न संस्कृतियों का जनक रह है। सद्गुरु ने कहा कि यहां की संस्कृति अपने आप में श्रेष्ठ है इसकी तुलना देश दुनिया में किसी से नहीं की जा सकती है। उन्होंने इस अवसर पर प्रश्नोत्तर के माध्यम से आध्यात्मिक व जीवन दर्शन से सम्बन्धित अनेक प्रश्नों के भी उत्तर दिये।
सद्गुरु ने वर्तमान में विश्वव्यापी चुनौती कोविड-19 संक्रमण को लेकर भी चर्चा करते हुए कहा कि कोविड-19 की रोकथाम के लिए हम सबको जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार करना होगा। अगर हम सब जिम्मेदारी पूर्ण व्यवहार नहीं करेंगे तो सरकार अपने स्तर पर कुछ नहीं कर पाएगी। समस्याओं के समाधान में आम जनता का भी सहयोगी बनना होगा।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल, विधायक श्री मुन्ना सिंह चौहान, श्री कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन, शासन प्रशासन के उच्चाधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे।

 

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