पीएम मोदी की समीक्षा से पहले धामी कैबिनेट सक्रिय, बदरी-केदार के लिए पीएमसी का गठन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंगलवार को केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों को लेकर होने वाली समीक्षा बैठक से पहले कैबिनेट ने केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के निर्माण कार्यों को लेकर अहम निर्णय लिए हैं। कैबिनेट ने बदरीनाथ धाम के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों और केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण से संबंधित कार्यों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कमेटी (पीएमसी) का गठन किया है। इसका जिम्मा बदरीनाथ धाम का मास्टर प्लान बनाने वाली कंपनी आइएनआइ डिजाइन स्टूडियो प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। इसके साथ ही कैबिनेट ने बदरीनाथ धाम को स्प्रिचुअल हिल टाउन के रूप में विकसित करने के लिए इसके परिसर से नौ विभागों के 22 भवनों को हटाने पर भी सहमति प्रदान की है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में केदारनाथ व बदरीनाथ धाम के कार्यों के लिए पीएमसी बनाने का निर्णय लिया गया। यह पीएमसी प्रोजेक्ट कंट्रोल सिस्टम को विकसित करने के साथ ही मासिक व साप्ताहिक प्रगति का विवरण उपलब्ध कराएगी। यह सभी गतिविधियों की निगरानी करने के साथ ही गुणवत्ता व समीक्षा बैठकें कराना सुनिश्चित कराएगी। बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान के तहत इसके परिसर से नगर पंचायत, श्री बदरीनाथ के छह, राजस्व विभाग के दो, पुलिस विभाग के पांच, जल संस्थान के चार, पर्यटन विभाग के दो और जल निगम, लोक निर्मााण विभाग, जीएमओयू और मंदिर समिति का एक भवन ध्वस्त किया जाएगा। इसके स्थान पर इन्हें अन्य स्थान पर जमीन व भवन उपलब्ध किया जाएगा।
आबकारी की अवशेष दुकानों का 50 फीसद राजस्व पर आवंटन
कैबिनेट ने आबकारी विभाग की आवंटन होने से अवशेष रह गई 25 दुकानों को 50 फीसद राजस्व में देने का निर्णय लिया है। प्रदेश में इस साल आबकारी की 622 दुकानों का आवंटन करने का निर्णय लिया था। इसमें से 25 दुकानें आवंटित नहीं हो पाई थी। जिन पर अब कैबिनेट ने निर्णय ले लिया है।
फ्लोटिंग सोलर पावर सयंत्र की स्थापना
ऊधमसिंह नगर के हरिपुरा व बौर और तुमरिया जलाशय में बनाए जाने वाले फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट बनाने का निर्णय स्थगित कर दिया है। अब इन जलाशयों पर फिर से मत्स्य पालन का कार्य किया जाएगा। दरअसल, वर्ष 2019 में इन दोनों जलाशयों में 100-100 मेगावाट के सोलर पावर प्लांट पीपीपी मोड पर बनाए जाने थे। इस योजना के आगे न बढ़ने पर कैबिनेट ने अब सोलर पावर प्लांट न लगाने का निर्णय स्थगित कर दिया है।
राजकीय नर्सिंग कालेज बाजपुर में 70 पदों के सृजन को मंजूरी
चिकित्सक विभाग के अंतर्गत प्रदेश में अभी नौ नर्सिंग कालेज संचालित हैं। इसके अलावा चंपावत, बाजपुर और रुद्रप्रयाग में तीन राजकीय नर्सिंग कालेज बन रहे हैं। कैबिनेट ने इनमें से राजकीय नर्सिंग कालेज बाजपुर में राष्ट्रीय नियामक संस्थान द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार शैक्षणिक स्टाफ, मिनिस्ट्रीयल स्टाफ, हास्टल स्टाफ एवं पार्ट टाइम गेस्ट टीचर के 70 पद सृजित करने को मंजूरी प्रदान कर दी है।
हल्द्वानी में बनेगा वाणिज्यिक न्यायालय
कैबिनेट ने राज्य में लंबित वाणिज्यिक मामलों को देखते हुए हल्द्वानी में वाणिज्यिक न्यायालय के गठन को मंजूरी दे दी है। इसके लिए नौ पद स्वीकृत किए गए हैं। इनमें अतिरिक्त जज एवं सत्र न्यायाधीश, रीडर, वाद लिपिक, कार्यकारी लिपिक, लिपिक, स्टेनोग्राफर, डाटा एंट्री आपरेटर और चतुर्थ श्रेणी का पद शामिल है। चतुर्थ श्रेणी को छोड़ शेष पद आउटसोर्स के आधार पर भरे जाएंगे।
अन्य अहम निर्णय
-उत्तराखंड लेखा परीक्षा नियम संग्रह 2011 को प्रतिस्थापित करते हुए नवीन उत्तराखंड लेखा परीक्षा नियम संग्रह लागू किया जाएगा।
-उत्तराखंड केंद्रीय विद्युत नियामक प्रतिवेदन 2004 की धारा 104 के वित्तीय वर्ष का लेखा जोखा विधानमंडल के पटल पर रखा जाएगा।
-उत्तराखंड केंद्रीय विद्युत नियामक प्रतिवेदन 2004 की धारा 105 के वार्षिक रिपोर्ट का लेखा जोखा विधानमंडल के पटल पर रखा जाएगा। उत्तराखंड माल और सेवा कर अधिनियम अधिनियम 2021 को विधानमंडल पटल पर रखा जाएगा।