41 साल बाद हॉकी में पदक उत्सव, ये रहे जीत के हीरो

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शानदार… जबर्दस्त… ऐतिहासिक, ओलंपिक में 41 साल के इंतजार के बाद भारतीय हॉकी टीम ने जर्मनी पर 5-4 की रोमांचक जीत दर्ज कर आखिरकार पदक पक्का करके ही दम लिया।

1980 के मास्को ओलंपिक में मिले स्वर्ण पदक के बाद यह खेलों के महाकुंभ में कांस्य ही सही पहला पदक है। हॉकी के गौरवशाली इतिहास को नए सिरे से दोहराने के लिए मील का पत्थर बनी जीत ने पूरे देश को भावुक कर दिया।

भारतीय खिलाड़ी ही नहीं, टीवी पर इस ऐतिहासिक मुकाबले को देख रहे करोड़ों भारतीयों की भी आंखें नम हो गईं। संसद से सड़क तक जीत की गूंज रही।

आठ मिनट में चार गोल 
उतार-चढ़ाव से भरे मैच में दुनिया की तीसरे नंबर की भारतीय टीम एक समय 1-3 से पिछड़ रही थी लेकिन दबाव से उबरकर आठ मिनट में चार गोल दागकर जीत दर्ज करने में सफल रही। सिमरनजीत सिंह (17वें मिनट और 34वें मिनट) ने दो गोल किए।

अन्य स्कोरर हार्दिक सिंह (27वां मिनट), हरमनप्रीत सिंह (29वां मिनट) और रूपिंदर पाल सिंह (31वां मिनट) रहे। जर्मनी की ओर से तिमूर ओरूज (दूसरे मिनट), निकलास वेलेन (24वें मिनट), बेनेडिक्ट फुर्क (25वें मिनट) और लुकास विंडफेडर (48वें मिनट) ने गोल दागे।

ये रहे जीत के हीरो
सिमरन का डबल : सिमरनजीत ने दो गोल किए जिसमें पहले उन्होंने 1-1 से बराबरी दिलाई और उसके बाद टीम को 5-3 से बढ़त दिलाई।
श्रीजेश की दीवार : अनुभवी गोलकीपर पीआर श्रीजेश जर्मनी के पेनाल्टी कॉर्नर की बरसात के बीच दीवार बन गए। जब मैच में महज 6 सेकंड बचे थे और जर्मनी को पेनॉल्टी कॉर्नर मिल गया तब अंतिम क्षणों में उन्होंने बेहतरीन बचाव कर जीत में अहम भूमिका निभाई।

  इस जीत के मायने
नौ ओलंपिक हो गए भारत ने हॉकी में पदक नहीं जीता था
चार दशक में हम सेमीफाइनल में भी नहीं पहुंच सके
धनराज पिल्लै, परगट सिंह, दिलीप टिर्की जैसे हॉकी के दिग्गजों के पास भी ओलंपिक मेडल नहीं है
इस जीत से फिर से बढ़ेगा हॉकी की लोकप्रियता का ग्राफ
टीम युवा खिलाड़ियों से भरी है ऐसे में जीत नए युग की शुरुआत है
कोरोना के दौर में ट्रेनिंग करना आसान नहीं था, कई खिलाड़ी संक्रमण के दौर से भी गुजरे
अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट नहीं मिले पर बंगलूरू शिविर में साथ रहने से संवाद-तालमेल बेहतर हुआ
ये नए भारत की जीत
भारत ने 2016 में लखनऊ में बेल्जियम को हराकर जूनियर विश्व कप जीता था। उस टीम में शामिल हरमनप्रीत, गुरजंत, वरुण, सिमरनजीत, नीलकांत शर्मा छह से ज्यादा खिलाड़ी बृहस्पतिवार को टोक्यो में 41 साल का ओलंपिक पदक का सूखा खत्म करने वाली टीम में शामिल हैं। पिछले पांच वर्षों में मिली सफलताओं में 2016 के कोर ग्रुप के खिलाड़ियों का बड़ा योगदान रहा है।

पीएम ने मनप्रीत फोन पर दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोक्यो में फोन पर भारतीय टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और सपोर्ट स्टाफ को फोन कर बधाई दी और कहा, मनप्रीत जी बहुत-बहुत, बहुत बधाई। गजब किया है टीम ने, इतिहास रच दिया। पूरा देश नाच रहा है। टीम पर गर्व है, सभी को बधाई देना। जब लौटोगे तो मुलाकात होगी। प्रधानमंत्री ने हेड कोच रीड से कहा कि, मुबारक हो, हमने इतिहास रच दिया। कड़ी मेहनत का फल मिल गया। रीड ने कहा कि सेमीफाइनल के बाद आपके शब्द काफी प्रेरक रहे। शुक्रिया।

प्रफुल्लित भारत, गर्वित भारत, हॉकी हमारी राष्ट्रीय पहचान रही है। हमारे युवाओं ने हॉकी को गौरव वापस दिलाने की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। ये दिन भारतवासियों को हमेशा याद रहेगा। ये जीत पूरे देश के लिए गर्व का पल।-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री

भारत के रिकॉर्ड 12 ओलंपिक पदक
भारत के अब ओलंपिक में 12 पदक हो गए हैं जिसमें 8 स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य पदक शामिल हैं। इसके साथ ही भारत ने ओलंपिक के सर्वाधिक पदकों में जर्मनी को पछाड़ दिया है जिसमें 11(चार स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य) पदक हैं।

65 प्रतिशत आबादी के लिए हॉकी में पहला ओलंपिक पदक :  भारत के मौजूदा 65 प्रतिशत से ज्यादा लोग उस समय पैदा भी नहीं हुए थे जब भारत ने 1980 में मास्को ओलंपिक में पिछला पदक जीता था।

रवि ने दिलाया कुश्ती में 9 साल बाद रजत
कुश्ती के 57 भारवर्ग में रवि दहिया को फाइनल में रूसी ओलंपिक समिति के जावेर उगेव के खिलाफ 4-7 से हार के बाद रजत पदक से संतोष करना पड़ा। भारत को 2012 लंदन खेलों के बाद दूसरा रजत पदक मिला है तब सुशील कुमार को मिला था।

दीपक पुनिया (86 भारवर्ग) के हाथों से अंतिम दस सेकंड में कांस्य फिसल गया। महिला वर्ग में शीर्ष वरीय विनेश फोगाट (53 भारवर्ग)  क्वार्टर फाइनल में बेलारूस की वेनेसा के हाथों हारकर बाहर हो गईं। अंशु मलिक (57 भारवर्ग)  रेपचेज में रूसी पहलवान से 1-5 से हारकर बाहर हो गईं।

इनामों की बरसात
हरियाणा सरकार पहलवान रवि दहिया को चार करोड़, हॉकी खिलाड़ियों सुरेंद्र और सुमित को देगी ढाई-ढाई करोड़ रुपये। प्रथम श्रेणी की सरकारी नौकरी और रियायती दरों पर प्लॉट भी।
मध्यप्रदेश सरकार देगी हॉकी खिलाड़ी विवेक सागर और नीलकांत शर्मा को एक-एक करोड़ रुपये
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) देगी हॉकी टीम को एक करोड़ रुपये

 

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