असम-मिजोरम सीमा पर भारी बवाल, पांच पुलिसकर्मियों की मौत, 60 घायल, शाह ने दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से की बात
असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद अचानक फिर भड़क गया है। इसमें सोमवार को दोनों राज्यों की पुलिस के बीच फायरिंग में असम के पांच पुलिसकर्मियों की मौत हो गई जबकि 60 अन्य पुलिसकर्मी घायल हुए हैं। इस दौरान दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों में भी वाकयुद्ध छिड़ गया। दोनों ने एक दूसरे की पुलिस को हिंसा के लिए जिम्मेदार बताया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की। इसके बाद शाह ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा व मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से अलग-अलग बात की और उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और सहमतिपूर्ण समाधान तलाशने को कहा।
पुलिस अधीक्षक भी घायल
असम के मुख्यमंत्री सरमा ने सोमवार को ट्विटर पर घोषणा की कि कछार जिले में अंतरराज्यीय सीमा पर मिजोरम से उपद्रवियों द्वारा की गई फायरिंग में असम पुलिस के छह कर्मी राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए शहीद हो गए। बाद में सरकार ने शहीद पुलिसकर्मियों की संख्या को पांच बताया। वहीं, असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फायरिंग और पत्थरबाजी में घायल पुलिसकर्मियों में कछार के पुलिस अधीक्षक निंबाल्कर वैभव भी शामिल हैं।
ऊंचाई पर थी मिजोरम पुलिस
वहीं सीआरपीएफ एडीजी संजीव रंजन ओझा ने कहा कि सीआरपीएफ को स्थिति पर नियंत्रण करने का निर्देश दिया गया है। गृह मंत्री अमित शाह ने असम और मिजोरम के मुख्यमंत्रियों से बात की है। दोनों राज्यों पुलिस बलों को घटनास्थल से हटाने पर सहमति बनी है। उन्होंने यह भी बताया कि मिजोरम पुलिस ऊंचाई पर मौजूद थी और असम पुलिस के जवान मैदानी इलाकों में थे। आंसू गैस के गोले से कुछ राउंड की गोलीबारी के बाद अचानक दोनों तरफ से स्वचालित हथियारों से फायरिंग होने लगी जिसमें असम पुलिस के छह जवानों की मौत हो गई है।
पुलिस अधीक्षक को टांग में लगी गोली
दोनों राज्यों की सीमा पर लगातार हो रही फायरिंग के दौरान जंगल में मौजूद असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि फायरिंग और पत्थरबाजी में घायल होने वालों में कछार के पुलिस अधीक्षक निंबाल्कर वैभव की टांग में गोली लगी है।
अचानक होने लगी फायरिंग
बताया जाता है कि दोनों ओर के अधिकारी जब मतभेदों को सुलझाने के लिए बातचीत कर रहे थे, तभी दोनों से उपद्रवियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी। इससे पहले, मिजोरम के आइजी (उत्तरी रेंज) लालबियकथांगा खिआंगते ने बताया कि रविवार रात करीब 11.30 बजे समस्या ग्रस्त इलाके में ऐतलांग स्ट्रीम के पास खेत में खाली पड़ीं कम से कम आठ झोपडि़यों को आग लगा दी गई थी। ये झोपडि़यां असम सीमा से लगते वैरेंगते गांव के किसानों की थीं।
आरोप-प्रत्यारोप का दौर
दूसरी ओर, मिजोरम के गृह मंत्री लालचामलियाना ने एक बयान में कहा कि असम पुलिस के 200 कर्मियों द्वारा सीआरपीएफ कर्मियों की ड्यूटी पोस्ट को जबरन पार करने और आगजनी, निहत्थे लोगों पर हमले और फायरिंग करने में शामिल होने पर मिजोरम पुलिस ने फायरिंग कर इसका जवाब दिया। इससे पहले जोरमथांगा ने असम पुलिस पर लाठीचार्ज करने और आंसू गैस के गोले छोड़ने का आरोप लगाया था।
मशीन गनों से गोलीबारी
वहीं असम के मुख्यमंत्री सरमा ने शुरुआत में अपने पुलिसकर्मियों की मौत के लिए मिजोरम पुलिस को जिम्मेदार नहीं ठहराया लेकिन बाद में उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘इस बात के स्पष्ट साक्ष्य उभरकर सामने आने लगे हैं, जो दुर्भाग्य से यह दर्शाते हैं कि मिजोरम पुलिस ने असम के पुलिसकर्मियों के खिलाफ हल्की मशीन गनों (एलएमजी) का इस्तेमाल किया है। यह दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है जो मकसद और हालत की गंभीरता को बयां करते हैं।’
असम पुलिस ने कहा, गुलेल से मारे पत्थर
असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘हम मिजोरम में कोलासिब के एसपी रताले और उनके एडीशनल एसपी के साथ बात कर रहे थे। असम पुलिस के आइजीपी, डीसी और एसपी भी वहां थे। हम समस्या का समाधान निकालने के लिए बात कर रहे थे। हमने अपने लोगों को वहां जाने की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन उनके लोग लगातार पत्थर फेंक रहे थे। कई लोग घायल हुए। वे हमें गुलेल से पत्थर मार रहे थे। जब हम बात कर रहे थे तो उन्होंने पहाड़ी के ऊपर से फायरिंग शुरू कर दी।’ उन्होंने बताया कि असम पुलिस ने किसी तरह पोजीशन ली और जवाबी फायरिंग शुरू कर दी।
आठ झोपडि़यों में आग से भड़की हिंसा
सीमा विवाद को लेकर दोनों राज्यों के बीच तनातनी की घटनाएं अक्सर होने लगी हैं। मिजोरम के आइजी (उत्तरी रेंज) लालबियकथांगा खिआंगते के मुताबिक ताजा विवाद रविवार रात तब भड़का जब करीब 11.30 बजे समस्या ग्रस्त इलाके में ऐतलांग स्ट्रीम के पास खेत में खाली पड़ीं कम से कम आठ झोपडि़यों को आग लगा दी गई थी। ये झोपडि़यां असम सीमा से लगते वैरेंगते गांव के किसानों की थीं।
शाह ने किया शांति सुनिश्चित करने को कहा
दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों के हस्तक्षेप के अनुरोध पर अमित शाह ने शाम को असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा और मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथांगा से अलग-अलग बात की। केंद्रीय गृह मंत्री ने उनसे विवादित सीमा पर शांति सुनिश्चित करने और आपसी सहमति से समाधान तलाशने का अनुरोध किया। दोनों मुख्यमंत्रियों ने शाह को आश्वस्त किया कि शांति सुनिश्चित करने और सहमति से सीमा मसले का समाधान करने के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे। इसके तुरंत बाद मिजोरम के गृह मंत्री लालचामलियाना ने एक बयान जारी कर कहा कि शाह के हस्तक्षेप के बाद असम पुलिस को वापस बुला लिया गया है और ड्यूटी पोस्ट सीआरपीएफ कर्मियों को सौंप दी गई है।
शाह ने दिया मुद्दे के समाधान का भरोसा
मिजोरम के आइजी (उत्तरी रेंज) लालबियकथांगा खिआंगते का कहना था कि रविवार रात करीब 11.30 बजे समस्या ग्रस्त इलाके में ऐतलांग स्ट्रीम के पास खेत में खाली पड़ीं कम से कम आठ झोपडि़यों को आग लगा दी गई थी। ये झोपडि़यां असम सीमा से लगते वैरेंगते गांव के किसानों की थीं। दोनों मुख्यमंत्रियों ने शाह को आश्वस्त किया कि शांति सुनिश्चित करने और सहमति से सीमा मसले का समाधान करने के जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
ट्विटर पर दोनों सीएम भिड़े
घटना के बाद जोरमथांगा ने अपने ट्विटर हैंडल से असम के पुलिसकर्मियों और लाठियां लिए युवाओं के एक समूह के बीच तनातनी का वीडियो पोस्ट किया था। प्रधानमंत्री कार्यालय, केंद्रीय गृह मंत्री कार्यालय, सरमा और असम के कछार जिले के अधिकारियों को टैग करते हुए उन्होंने लिखा, ‘अमित शाह जी कृपया इस मामले को देखिए। इसे तत्काल रोकने की जरूरत है।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने आरोप लगाया कि कछार के रास्ते मिजोरम लौट रहे एक निर्दोष दंपती को गुंडों ने पीटा। आप इन हिंसक कृत्यों को कैसे सही ठहराने जा रहे हैं?
सीआरपीएफ कर्मियों के हवाले ड्यूटी पोस्ट
इसके बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शरमा ने ट्वीट कर मिजोरम के मुख्यमंत्री से शिकायत करके उनसे मामले में दखल देने की अपील की। उन्होंने कहा- आदरणीय जोरामथांगाजी… कोलासिब (मिजोरम) के एसपी ने हमें अपनी पोस्ट से तब तक हटने के लिए कहा है जब तक उनके नागरिक बात नहीं सुनते और हिंसा नहीं रुक जाती। आप बताइए ऐसी परिस्थितियों में हम किस तरह सरकार चला सकते हैं। मुझे उम्मीद है आप जल्द से जल्द इस मामले में दखल देंगे…
एक दूसरे पर लगाए आरोप
आगे असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व शरमा के ट्वीट का जोरामथांगा ने जवाब दिया और असम पुलिस पर सवाल खड़े किए। उन्होंने लिखा- प्रिय हिमंताजी माननीय अमित शाह जी की ओर से मुख्यमंत्रियों की सौहार्दपूर्ण बैठक के बाद आश्चर्यजनक रूप से असम पुलिस की दो कंपनियों ने नागरिकों पर लाठीचार्ज किया। यही नहीं असम पुलिस ने नागरिकों पर आंसू गैस के गोले भी दागे। उन्होंने मिजोरम की सीमा में सीआरपीएफ कर्मियों और मिजोरम पुलिस पर भी धावा बोला।
पुराना है विवाद
बता दें कि दोनों पड़ोसी राज्यों के बीच सीमा विवाद पुराना है। दोनों राज्यों के बीच सीमा विवाद को खत्म करने के लिए सन 1995 के बाद से कई वार्ताएं हुई हैं लेकिन इनका कोई फायदा नहीं हुआ है। मिजोरम के तीन जिले आइजोल, कोलासिब और ममित और असम के तीन जिले कछार, करीमगंज और हैलाकांडी एक दूसरे से सटे हुए हैं। दोनों ही राज्यों के ये जिले एक दूसरे के साथ लगभग 164.6 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं। मौजूदा विवाद ऐसे वक्त में सामने आया है जब हाल ही में अमित शाह ने पूर्वोत्तर का दौरा किया था।
जून में भी हुआ था विवाद
वर्षों से सीमाई विवाद वाले इस क्षेत्र में झड़पें होती आई हैं। दोनों ही राज्यों के नागरिक एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाते रहे हैं। इससे पहले जून महीने में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने एक-दूसरे पर घुसपैठ का आरोप लगाया था। असम के अधिकारियों और विधायकों ने मिजोरम पर राज्य में हैलाकांडी में दस किलोमीटर भीतर संरचनाओं का निर्माण करने और सुपारी एवं केले की फसल लगाने का आरोप लगाया था। बता दें कि मिजोरम के अलावा असम का मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के साथ भी सीमा विवाद है।