उत्तराखंड के 77 राजकीय इंटर कालेजों को जल्द मिलेंगे प्रधानाचार्य, शासन ने इन पदों के लिए की डीपीसी

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उत्तराखंड के 77 राजकीय इंटर कालेजों को जल्द प्रधानाचार्य मिलने जा रहे हैं। शासन ने इन पदों के लिए डीपीसी की है। पदोन्नत होने जा रहे प्रधानाचार्यों के लिए रिक्त पदों का ब्योरा शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशालय से तलब किया गया है।

प्रदेश में प्रधानाचार्यों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं। इन पदों को पदोन्नति से भरने में पेच है। दरअसल राजकीय इंटर कालेजों में कार्यरत प्रधानाचार्य का पद पदोन्नति का है। राजकीय हाईस्कूलों में कार्यरत प्रधानाध्यापकों को प्रधानाचार्य पदों पर प्रोन्नति दी जाती है, शर्त ये है कि बतौर प्रधानाध्यापक पांच वर्ष का अनुभव आवश्यक है। राज्य में हाईस्कूलों की संख्या कम है, जबकि इंटर कालेजों की संख्या ज्यादा है। इस वजह से पदोन्नति के बावजूद इंटर कालेजों में मुखियाओं का टोटा रहता है।

प्रधानाध्यापकों के 912 पद और प्रधानाचार्यों के 1386 पद स्वीकृत हैं। प्रदेश में प्रधानाचार्यों के 1069 पद रिक्त हैं। इन पदों को भरने के लिए अब पदोन्नति में शिथिलीकरण देने की कवायद चल रही है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय पदोन्नति में 50 फीसद यानी ढाई साल की अवधि की छूट देने के संबंध में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभाग को दे चुके हैं।

शासन स्तर पर प्रधानाचार्य पद के लिए डीपीसी में सामान्य संवर्ग के 61 और महिला संवर्ग के 16 पदों पर पदोन्नति पर मुहर लगी है। पदोन्नत प्रधानाचार्यों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में पदोन्नति दी जाएगी। प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों के बारे में विभाग से प्रस्ताव मिलते ही नए प्रधानाचार्यों की तैनाती के आदेश जारी किए जाएंगे।

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