उत्‍तराखंड में पर्यटन को मिलेगी गति, वैक्सीन की डोज लगा चुके पर्यटकों को बेरोकटोक आने की छूट

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प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते बीते दो वर्ष से पटरी से उतरा पर्यटन उद्योग धीरे-धीरे पटरी पर आ रहा है। अब सरकार द्वारा जारी मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) में दी गई छूट से इसे और गति मिलने की उम्मीद है। सरकार ने हाल ही में जारी एसओपी में दूसरे राज्यों से आने वाले ऐसे व्यक्तियों को कोरोना जांच से छूट दी है जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज उत्तराखंड आने से 15 दिन पहले लगवा ली हो।

पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी का एक बड़ा जरिया है। प्रदेश में प्रतिवर्ष 50 लाख से अधिक यात्री उत्तराखंड पर्यटन को आते हैं। बीते वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण पर्यटन उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ था। इस दौरान तकरीबन 2.5 लाख यात्री ही चारधाम यात्रा को आए। अमूमन यह संख्या 30 लाख के आसपास रहती है। इस वर्ष की शुरूआत में कोरोना संक्रमण के कम होने के कारण पर्यटन उद्योग को राहत मिलने की उम्मीद जगी थी। इसके लिए सरकारी स्तर पर काफी तैयारियां भी हुई। इस बीच अप्रैल में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर हावी हो गई। नतीजतन परिस्थितियों को काबू में लाने के लिए प्रदेश सरकार को कोविड कफ्र्यू लगाना पड़ा।

दूसरे राज्यों से पर्यटकों के आने पर रोक लगा दी गई। प्रदेश में प्रवेश के मानक बेहद सख्त कर दिए। इसका असर भी पर्यटन उद्योग पर पड़ा। विशेषकर उन पर जिनकी आर्थिकी ही चारधाम यात्रा और पर्यटन पर टिकी रहती हैं। हालांकि, सरकार ने इन्हें आर्थिक मदद देने की घोषणा तो कि लेकिन यह राशि काफी कम है। अब कोरोना संक्रमण की रफ्तार घटी है तो सरकार ने भी कर्फ्यू में काफी राहत देनी शुरू कर दी है। जिस तरह से सरकार ने अब वैक्सीन की दोनों डोज लगा चुके दूसरे राज्यों के पर्यटकों को बेरोकटोक आने की छूट दी है, उससे पर्यटन को गति मिलने की संभावना बढ़ गई है। साथ ही सरकार ने मैदानी जिलों से पर्वतीय जिलों में जाने के लिए निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता भी खत्म कर दी है। निश्चित तौर पर इससे पर्यटन उद्योग को खासी राहत मिलेगी।

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