वन विभाग के गैर आवासीय कार्यस्थलों पर महिला कार्मिकों के लिए बनेंगे शौचालय
कार्यस्थल पर जलापूर्ति युक्त स्वच्छ शौचालय होना कर्मचारियों के लिए एक बुनियादी आवश्यकता है। इस लिहाज से देखें तो वन विभाग के गैर आवासीय कार्यस्थलों पर महिला कार्मिकों के लिए शौचालय की समुचित व्यवस्था नहीं है। हालांकि, विभाग अब इस दिशा में गंभीर हुआ है। वन विभाग के मुखिया प्रमुख मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने सभी प्रभागीय वनाधिकारियों के साथ ही संरक्षित क्षेत्रों के निदेशकों को निर्देश दिए हैं कि गैर आवासीय कार्यस्थलों पर महिला कार्मिकों के लिए शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। इसके लिए अतिरिक्त बजट की जरूरत पड़ने पर वन मुख्यालय को मांग भेजने के लिए भी निर्देशित किया गया है।
71.05 फीसद वन भूभाग वाले उत्तराखंड में वनों के संरक्षण-संवर्द्धन का जिम्मा संभाले वन विभाग में पिछले कुछ वर्षों में फील्ड अधिकारियों व कर्मचारियों में भी महिलाओं के अनुपात में बढ़ोतरी हुई है। विभिन्न श्रेणियों की नवीनतम भर्ती नियमावलियों में 30 फीसद पद महिलाओं के लिए आरक्षित किए गए हैं। वन विभाग की नर्सरियों और पौधारोपण में कार्यरत श्रमिकों में महिलाओं की बड़ी संख्या है। कार्बेट टाइगर रिजर्व के साथ ही अन्य संरक्षित क्षेत्रों में महिला गाइड और जिप्सी चालकों को भी कार्य का अवसर प्रदान किया गया है।
वन विभाग के मुखिया पीसीसीएफ राजीव भरतरी के मुताबिक इस सबको देखते हुए यह आवश्यक है महिला कार्मिकों व श्रमिकों के लिए कार्यस्थल पर सुविधायुक्त शौचालय की उपलब्धता हो। उन्होंने बताया कि सभी प्रभागीय वनाधिकारियों और संरक्षित क्षेत्रों के निदेशकों को निर्देश दिए गए हैं कि नर्सरी, गेट, बैरियर समेत विभाग के अन्य गैर आवासीय कार्यस्थलों में महिला कार्मिकों व श्रमिकों के उपयोग के लिए शौचालय की सुविधा अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराई जाए। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि यदि शौचालय निर्माण के लिए अतिरिक्त बजट की आवश्यकता हो तो बजट के लिए अपर प्रमुख वन संरक्षक नियोजन एवं वित्तीय प्रबंधन के समक्ष मांग प्रस्तुत की जाए।