साढ़े तीन महीने बाद एक दिन में सबसे कम 78 संक्रमित मिले, दो की मौत,1800 से कम हुए एक्टिव केस 

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उत्तराखंड में लगभग साढ़े तीन माह के बाद एक दिन में सबसे कम 78 संक्रमित मिले हैं। वहीं दो मरीजों की मौत हुई है। इसके अलावा आज 144 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 1800 से कम पहुंच गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, रविवार को 29307 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। अल्मोड़ा और बागेश्वर में एक भी संक्रमित मरीज सामने नहीं आया है। वहीं, चमोली में तीन, चंपावत में दो, देहरादून में 17, हरिद्वार में 14, नैनीताल में नौ, पौड़ी में एक, पिथौरागढ़ में पांच, रुद्रप्रयाग में आठ, टिहरी में तीन, ऊधमसिंह नगर में नौ और उत्तरकाशी में सात मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या तीन लाख 40 हजार 724 हो गई है। इनमें से तीन लाख 25 हजार 692 लोग ठीक हो चुके हैं। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7333 लोगों की जान जा चुकी है। प्रदेश में अभी 1749 एक्टिव केस हैं।

ब्लैक मरीज का एक मामला मिला 
प्रदेश में रविवार को ब्लैक फंगस का एक नया मामला मिला है। जबकि किसी मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में अब तक कुल मरीजों की संख्या 507 हो गई है। जबकि सौ मरीजों की मौत हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार देहरादून जिले में एक मरीज में ब्लैक फंगस की पुष्टि हुई है। मरीज को इलाज के लिए एम्स ऋषिकेश में भर्ती किया गया। दो मरीज ठीक हुए हैं।
धीरे-धीरे फिर बढ़ रहा कोरोना संक्रमण, सैंपल जांच हुई कम
प्रदेश में कोरोना संक्रमित मामले धीरे-धीरे फिर बढ़ने लगे हैं, जबकि सैंपल जांच कम हुई है। पिछले सप्ताह की तुलना में संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। सात दिन में 1109 संक्रमित सामने आए हैं, बीते सप्ताह 1029 मरीज मिले थे।

कोरोना काल को 476 दिन का समय बीत गया है। इस सप्ताह बीते सप्ताह की तुलना में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ी है। जबकि सैंपल टेस्ट कम हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार 27 जून से तीन जुलाई तक 159779 सैंपलों की जांच की गई। जिसमें 1109 संक्रमित मिले हैं और बैकलॉग को मिलाकर 245 मरीजों की मौतें हुई है। जबकि 20 से 26 जून तक 167031 सैंपलों की जांच हुई और 1029 संक्रमित मिले थे।

सोशल डेवलपमेंट फॉर कम्युनिटी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल का कहना है कि दूसरी लहर में संक्रमण का खतरा कम नहीं हुआ है। वहीं, कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई जा रही है। लेकिन प्रदेश में सैंपल जांच बढ़ने के बजाए कम हो रही है। संक्रमण की रोकथाम के लिए कोविड सैंपल जांच पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

 

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