24 घंटे में मिले 194 नए संक्रमित, एक की मौत, 237 मरीज हुए ठीक

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उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के 194 नए मामले सामने आए हैं। वहीं एक मरीज की मौत हुई है। इसके अलावा आज 237 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को 24104 सैंपलों की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। वहीं, अल्मोड़ा में 29, बागेश्वर में तीन, चमोली में दो, चंपावत में चार, देहरादून में 73, हरिद्वार में 13, नैनीताल में 28, पौड़ी में दो, पिथौरागढ़ में 14, रुद्रप्रयाग में एक, टिहरी में आठ, ऊधमसिंह नगर में सात और उत्तरकाशी में 10 मामले सामने आए हैं।

प्रदेश में अब तक कोरोना के कुल संक्रमितों की संख्या तीन लाख 39 हजार 933 हो गई है। इनमें से तीन लाख 24 हजार 766 लोग ठीक हो चुके हैं। वहीं, सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 2245 पहुंच गई है। प्रदेश में कोरोना के चलते अब तक कुल 7095 लोगों की जान जा चुकी है।

सबसे ज्यादा एक्टिव केस देहरादून में
वर्तमान में प्रदेश में कोरोना के 2245 एक्टिव केस हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 745 केस देहरादून के हैं। इसके अलावा अल्मोड़ा में 93, बागेश्वर में 195, चमोली में 105, चंपावत में 82, हरिद्वार में 199, नैनीताल में 147, पौड़ी में 151, पिथौरागढ़ में 288, रुद्रप्रयाग में 83, टिहरी में 61, ऊधमसिंह नगर में 52 और उत्तरकाशी में 44 एक्टिव केस हैं।

74 हजार से ज्यादा को लगी कोरोना वैक्सीन 
प्रदेश में मंगलवार को 74 हजार 852 लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। अब तक प्रदेश में 35 लाख 32 हजार 770 लोगों को कोरोना की पहली वैक्सीन दी जा चुकी है जबकि आठ लाख दो हजार 887 लोगों को दोनों डोज दी जा चुकी हैं। 18 से 44 आयु वर्ग में 36 हजार 909 लोगों को कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं।
कोरोनाकाल में टेलीमेडिसिन सेवा बनी जरूरतमंदों की मददगार
कोरोनाकाल में टेलीमेडिसन सेवा जिले के डेढ़ हजार से अधिक लोगों के लिए मददगार साबित हुई है। वहीं, गड्गू गांव की नाबालिग को सेवा के माध्यम से नया जीवन भी मिला। सेवा से जुड़े हेल्पेज इंडिया व दून मेडिकल कॉलेज के चिकित्सकों ने लोगों से संवाद करते हुए जहां उन्हें कोरोना से बचाव के बारे में जानकारी दी, वहीं छोटी-छोटी बीमारियों के इलाज का परामर्श भी दिया।

केदारनाथ विधायक मनोज रावत की पहल पर 16 मई से जिले में टेलीमेडिसिन सेवा शुरू की गई थी। इस दौरान जिले को 11 सेक्टरों में बांटा गया। प्रत्येक सेक्टर में आशा व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मदद से जरूरतमंद मरीजों से संपर्क किया जा रहा है।

इन लोगों को तय समय पर ऑनलाइन प्लेटफार्म पर मरीजों व तीमारदारों को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर लाया गया, जहां हेल्पेज इंडिया के चिकित्सकों द्वारा अपराह्न तीन से शाम पांच बजे तक मरीजों से बातचीत की जा रही है।

साथ ही राजकीय दून मेडिकल कॉलेज देहरादून के डॉक्टर व छात्र-छात्राएं सुबह 10 से शाम 5 बजे तक मरीजों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुन रहे हैं। कुछ दिन पूर्व आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से गड्गू गांव की 11 वर्षीय बच्ची की बीमारी का पता चला था।

तब, बच्ची के परिजनों को टेलीमेडिसिन सेवा से डॉक्टरों से बातचीत कराई गई थी। चिकित्सकों से मिले परामर्श के बाद बालिका को देहरादून ले जाया गया, जहां दो सप्ताह अस्पताल में रहने के बाद बालिका स्वस्थ होकर घर लौटीं। इस दौरान विधायक मनोज रावत ने स्वयं ही बालिका को उसके घर छोड़ा।

 

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