हाईकोर्ट ने कहा- 28 से पहले कैबिनेट बुलाएं, रोडवेज कर्मियों के वेतन भुगतान का रास्ता निकालेंं
नैनीताल हाईकोर्ट की स्पेशल बेंच ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि 28 जून से पहले कैबिनेट की बैठक कर रोडवेज कर्मचारियों के फरवरी से जून तक के वेतन और एरियर के भुगतान का रास्ता निकालें। शनिवार को अवकाश के बावजूद इस महत्वपूर्ण मामले में मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की स्पेशल बेंच ने सुनवाई की।
अदालत ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि क्यों न रोडवेज कर्मियों का वेतन जारी होने तक राज्य के वित्त और परिवहन सचिव के वेतन पर रोक लगा दी जाए। अदालत ने मुख्य सचिव ओम प्रकाश को निर्देश दिए कि वे कैबिनेट की बैठक का निर्णय 29 जून को कोर्ट के सम्मुख पेश करें।
कोर्ट ने कहा कि चारधाम यात्रा के लिए कैबिनेट बैठक की गई लेकिन इससे ज्यादा महत्वपूर्ण कर्मचारियों के वेतन का मामला है। सरकार कर्मचारियों के मौलिक और सांविधानिक अधिकारों का हनन कर रही है। सरकार ने अपने बचाव में कहा कि फरवरी से अब तक 68 करोड़ की देनदारी के मुकाबले 23 करोड़ जारी किया गया है। कोर्ट ने इसे ऊंट के मुंह में जीरा बताया।
उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन और रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद की जनहित याचिका पर हुई सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव ओम प्रकाश, वित्त सचिव अमित नेगी, परिवहन सचिव रंजीत सिन्हा, एमडी अभिषेक रुहेला और अन्य अधिकारी वर्चुअल कोर्ट में पेश हुए। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि उन्हें लॉकडाउन की अवधि का वेतन अभी तक नहीं दिया गया है। यदि कर्मचारी वेतन के लिए हड़ताल पर जाते हैं तो सरकार उन पर एस्मा के तहत कार्रवाई करती है। याचिका में कहा गया कि यूपी सरकार से परिसंपत्तियों के बंटवारे का 700 करोड़ मिलना है।
मादा खरगोश से सीखें संतान की सुरक्षा
कोर्ट ने कहा कि सरकार को अपने पर निर्भर कर्मियों की सुरक्षा का गुर मादा खरगोश से सीखना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि अत्यधिक सर्दी में जब बच्चों को गर्म रखने का कोई उपाय नहीं रहता तो मादा खरगोश खुद अपने मुंह से अपना फर नोच कर उससे बच्चों को ढंक कर उन्हें सुरक्षा प्रदान करती है।