सात नेशनल हाईवे समेत 184 मोटर मार्ग बंद, कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालयों से कटा
उत्तराखंड में लगातार दो दिन तक बारिश के बाद तीसरे दिन कुछ राहत रही, लेकिन इस दौरान अवरूद्ध हुईं अधिकतर सड़कें तीसरे दिन भी नहीं खुल पाईं। विभिन्न जनपदों में अभी भी सात राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध हैं, जबकि कुछ को आंशिक रूप से खोला गया है। इसके अलावा 177 ग्रामीण सड़कों के अवरूद्ध होने से गई गांवों का सपर्क मुख्यालयों से कट गया है। पीडब्ल्यूडी, बीआरओ और दूसरी एजेंसियों की ओर से सड़कों को खोलने की कार्रवाई की जा रही है। उधर, मौसम विभाग ने अगले तीन दिन प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
सचिवालय स्थित राज्य आपदा परिचालन केंद्र के अनुसार, चमोली जनपद में ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच 58 पागलनाला, रडांग बैंड के समीप मलबा आने से अवरूद्ध है। जबकि कर्णप्रयाग-ग्वालदम राष्ट्रीय राजमार्ग भी नालापानी एवं तमली बैंड के समीप मलबा आने के कारण दो जगह अवरूद्ध है।
इसके अलावा रुद्रप्रयाग जनपद में ऋषिकेश-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-107 कालीमठ गेट के समीप खोल दिया गया था, लेकिन भटवाड़ीसैण के समीप मलबा आने से पुन: बाधित हो गया है। कुंड-चोपता-चमोली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरूद्ध था, लेकिन रविवार को इसे यातायात के लिए खोल दिया गया है। पौड़ी जनपद में 11 ग्रामीण सड़कें अभी भी अवरूद्ध हैं।
उत्तरकाशी जिले में ऋषिकेश-गंगोत्री मार्ग धाम तक जाने के लिए पूरी तरह खुला है। जबकि ऋषिकेश-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जानकीचट्टी तक जाने के लिए खुला है। जनपद में दो ग्रामीण मार्ग अवरूद्ध हैं। इधर, देहरादून जनपद में छह ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं, जिन्हें खोलने की कार्रवाई की जा रही है। टिहरी में ऋषिकेश- श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग कौड़ियाला-व्यासी के मध्य आंशिक रूप से यातायात के लिए खोल दिया गया है। जबकि जनपद की 45 ग्रामीण सड़कें अब भी बंद हैं।
कुमाऊं में कुछ सड़कें खुलीं, ज्यादातर अभी भी बंद
कुमाऊं के विभिन्न जनपदों में भी विभिन्न राष्ट्रीय राजमार्गों के अलावा कई राज्य एवं ग्रामीण मार्ग पर्वतों से मलबा आने से अवरूद्ध हैं। बागेश्वर में एक राज्य मार्ग, जबकि 11 ग्रामीण सड़कें बंद हैं। नैनीताल में एक जिला मार्ग, जबकि 22 ग्रामीण सड़कें अवरुद्ध हैं। अल्मोड़ा में अल्मोड़ा-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग के अलावा सात ग्रामीण मोटर मार्ग अवरूद्ध हैं। चंपावत में टनकपुर-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ 33 ग्रामीण सड़कें बंद हैं।
उधर, पिथौरागढ़ में पिथौरागढ़-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग और घाट-पनार-गंगोलीहाट राष्ट्रीय राजमार्ग भी यातायात के लिए अवरूद्ध हैं। इसके अलावा चीन सीमा से लगी घटियाबगढ़-लिपुलेख व तवाघाट-घटियाबगढ़ मोटर मार्ग (बार्डर रोड) भी मलबा आने से बंद हो गया है। इसके अलावा जनपद में चार (बॉर्डर रोड) सहित 31 ग्रामीण मोटर मार्ग बंद हैं।
लगातार हो रही बारिश से बढ़ा टिहरी झील का जलस्तर
लगातार हो रही बारिश से टिहरी झील का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। तीन दिन में ही झील के जलस्तर में 5.3 मीटर का इजाफा हुआ है। झील का जलस्तर रिवर लेवल (आरएल) 751.90 मीटर तक पहुंच गया है। टिहरी बांध की चारों टरबाइनें चल रही है, जिससे पांच मिलियन यूनिट विद्युत उत्पादन हो रहा है। टीएचडीसी को झील में आरएल 828 मीटर तक पानी भरने की अनुमति है।
भारी बारिश के चलते नदियां और गदेरे उफान पर बह रहे हैं। टिहरी झील का जलस्तर भी धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। 18 जून सुबह 8 बजे तक झील का जलस्तर आरएल 746.60 मीटर था। 20 जून को जलस्तर बढ़कर आरएल 751.90 मीटर तक पहुंच गया है। झील से 195 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा रहा है। भागीरथी नदी से झील में 550 क्यूमेक्स, भिलंगना नदी से 326.99 क्यूमेक्स और अन्य गदेरों से 263.11 क्यूमेक्स पानी आ रहा है।
झील का जलस्तर बढ़ने पर फिलहाल विद्युत उत्पादन में कोई इजाफा नहीं हुआ है। 18 जून की भांति बांध की चारों टरबाइन से पांच मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। मानसून सीजन में झील का जलस्तर बढ़ने के साथ ही झील किनारे भूस्खलन का खतरा बढ़ जाता है, लेकिन फिलहाल झील के आसपास भूस्खलन देखने को नहीं मिला है। डीएम इवा आशीष श्रीवास्तव का कहना है कि नदियों का जलस्तर बढ़ने पर सभी एसडीएम को अलर्ट रहने को कहा गया है। कंट्रोल रूम से प्रत्येक तहसील से बारिश से होने वाले नुकसान की जानकारी ली जा रही है।
मंदाल नदी में बहने से एक महिला की मौत
कोटद्वार के रिखणीखाल ब्लाक के ग्राम डोबरिया रथुवाढाब निवासी एक महिला की मंदाल नदी में बहने से मौत हो गई। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस से नदी से मृतका का शव बरामद कर लिया है।
डोबरिया गांव निवासी कलावती उर्फ सुमित्रा देवी (48) पत्नी भारत सिंह रावत शनिवार शाम को बरसात के दौरान गांव के गदेरे की ओर गई थी। तभी गदेरे के तेज बहाव में उसका पैर फिसल गया और वह बहते हुए करीब दो किमी. नीचे मंदाल नदी में चली गई। शनिवार देर शाम तक महिला के घर नहीं लौटने पर गांव के लोग अनहोनी की आशंका में रात भर उसकी तलाश करते रहे।
रविवार सुबह गांव के लोगों ने रथुवाढाब के पास मंदाल नदी के पास महिला को पानी में गिरा देखा। उन्होंने इसकी सूचना रथुवाढाब पुलिस चौकी को दी। इसके बाद रिखणीखाल से पहुंची पुलिस की टीम ने ग्रामीणों की मदद से महिला को नदी से बाहर निकाला, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। सीओ कोटद्वार अनिल कुमार जोशी ने बताया कि महिला का पाति गांव में मजदूरी करता है। उसकी दो बेटी और एक बेटा है। बेटा सेना में कार्यरत है। बताया कि पोस्टमार्टम के लिए शव कोटद्वार भेज दिया गया है।