देहरादून जिले में ब्लैक फंगस के 10 नए मरीज मिले, छह संक्रमितों की हुई मौत
उत्तराखंड में रविवार को ब्लैक फंगस (म्यूकरमाइकोसिस) के 10 नए मामले और छह मरीजों की मौत हुई है, ये देहरादून जिले के हैं। ब्लैक फंगस मरीजों की कुल संख्या 390 हो गई है। जबकि 66 मरीजों की मौत हो चुकी है।
देहरादून में कुल मरीजों की संख्या 352 हो गई है। ब्लैक फंगस से 59 की मौत हो चुकी है। नैनीताल, ऊधमसिंह नगर, उत्तरकाशी, हरिद्वार जिले में अब तक कुल 38 मरीज मिले हैं। जबकि सात मरीजों की मौत हो चुकी है।
ब्लैक फंगस के दो मरीज डिस्चार्ज
सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती ब्लैक फंगस के मरीजों के स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज होने का क्रम जारी है। चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अरुण जोशी ने बताया कि रविवार को ब्लैक फंगस के दो मरीज स्वस्थ होने के बाद घर गए हैं। वर्तमान में अस्पताल में ब्लैक फंगस के 16 मरीजों का इलाज चल रहा है। ज्ञात हो कि शनिवार को भी एक मरीज स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज हुआ था।
देहरादून में ब्लैक फंगस का इंजेक्शन न मिलने से तड़प रहे मरीज
ब्लैक फंगस का घातक संक्रमण लोगों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। परेशानी की बात यह है कि ब्लैक फंगस इंफेक्शन के इलाज में इस्तेमाल किया जाने वाला इंजेक्शन एम्फोटेरिसिन-बी लाइपोसोमल उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। इससे मरीजों और उनके परिजनों की पीड़ा बढ़ रही है।
देहरादून जिले की बात करें तो विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के तमाम मरीज भर्ती हैं। वह रोज लाइपोसोमल इंजेक्शन के लिए सीएमओ दफ्तर से लेकर तमाम अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन हर तरफ से मायूसी मिल रही है। ऐसे एक दो नहीं कई उदाहरण हैं, सब की एक ही मांग है कि आखिर कब सरकार इन जीवन रक्षक इंजेक्शन की उपलब्धता कराएगी।
स्वास्थ्य विभाग के पास जो इंजेक्शन हैं वह सस्ते वाले हैं। वहीं, इंजेक्शन विभाग ने फंगस इंफेक्शन के इलाज करने वाले अस्पतालों को मुहैया कराए हैं, लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि यह इंजेक्शन डायबिटीज, किडनी और उससे संबंधित अन्य रोगों से पहले से ही पीड़ित मरीजों के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।
इससे मरीज की हालत बिगड़ सकती है और वह जानलेवा भी साबित हो सकता है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनूप कुमार ने बताया कि लिपोसोमल इंजेक्शन के लिए डिमांड भेजी गई है। बहुत जल्द यह इंजेक्शन उपलब्ध हो जाएंगे और अस्पतालों को भेज दिए जाएंगे।
केस एक : लक्सर निवासी 43 वर्षीय मरीज का पिछले 20 दिन से हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट में ब्लैक फंगस इंफेक्शन का उपचार चल रहा है। उनकी तीन-चार छोटी-छोटी सर्जरी होने के बाद एक बड़ा ऑपरेशन भी हुआ, लेकिन एम्फोटेरिसिन-बी लाइपोसोमल इंजेक्शन न मिलने के कारण उनके परिजन परेशान हैं।
केस दो : डीएवी पीजी कॉलेज में लैब कर्मचारी की पत्नी पिछले कई दिन से श्री महंत इंद्रेश अस्पताल में भर्ती हैं। वह ब्लैक फंगस इंफेक्शन से पीड़ित हैं। उन्हें लाइपोसोमल इंजेक्शन की जरूरत है, लेकिन इंजेक्शन मिल नहीं पा रहे हैं। इससे वह और पूरा परिवार चिंतित है।