ऋषिकेश एम्स में ब्लैक फंगस से चार लोगों की मौत, 147 केस आ चुके सामने

0
14_05_2021-blackfungus_21642825

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में ब्लैक फंगस से चार और लोगों की मौत हुई है। मृतकों में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के दो-दो मरीज शामिल है। एम्स में अब तक ब्लैक फंगस के रिकॉर्ड 13 मरीजों की मौत हुई है। जबकि संस्थान में संक्रमण के सबसे अधिक 147 केस सामने आ चुके हैं।

एम्स ऋषिकेश के जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि एम्स में मंगलवार को ब्लैक फंगस के चार मरीजों की उपचार के दौरान मौत हुई है। मृतकों में उत्तराखंड के माजरा देहरादून निवासी 37 वर्षीय, चायसर, पिथौरागढ़ निवासी 45 वर्षीय, उत्तर प्रदेश के मेरठ निवासी 60 वर्षीय महिला और बिजनौर निवासी 64 वर्षीय महिला शामिल है।

उन्होंने बताया कि अस्पताल में ब्लैक फंगस के पांच नए मरीज भी मिले हैं। हरीश मोहन थपलियाल ने बताया कि संस्थान में ब्लैक फंगस के अब तक 147 केस मिले हैं। इनमें से 13 मरीजों की मौत हुई है। जबकि नौ मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। उन्होंने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस केयर वार्ड में वर्तमान में 125 मरीज भर्ती है।
चिकित्सा सेटअप तैयार, डॉक्टरों का इंतजार
एसपीएस राजकीय अस्पताल में मरीजों के उपचार के लिए उच्चस्तरीय चिकित्सा सेटअप तो तैयार कर लिया है। लेकिन अस्पताल में सेटअप के संचालन के लिए चिकित्सक और प्रशिक्षित कर्मचारी नहीं है। अब अस्पताल प्रशासन चिकित्सकों और प्रशिक्षित कर्मचारी के लिए निदेशालय की ओर टकटकी लगाए बैठा है। एसपीएस राजकीय अस्पताल में चार बेड का म्यूकोरमाइकोसिस केयर वार्ड तैयार कर दिया गया है। लेकिन अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के ऑपरेशन केलिए ईएनटी सर्जन ही नहीं है। ऐसे में अस्पताल में ब्लैक फंगस के मरीजों के ऑपरेशन ही नहीं हो पाएंगे।

वहीं छह जून को अस्पताल में 10 बेड का वेंटिलेटर सुविधा युक्त आईसीयू तैयार हो जाएगा। जबकि अस्पताल में पास आईसीयू के संचालन के लिए एनेस्थेटिक, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीशियन और प्रशिक्षित स्टॉफ नर्स उपलब्ध नहीं है। अस्पताल में 60.60 लाख रुपये की सांसद निधि से छह बेड का कोविड आइसीयू भी तैयार किया गया है।

फिलहाल कोविड आईसीयू को श्रीभरत मंदिर ट्रस्ट की ऋषिकेश कोविड फाउंडेशसन से मिले प्रशिक्षित स्टाफ की मदद से संचालित किया जा रहा है। लेकिन अस्पताल प्रशासन के मुताबिक प्रशिक्षित स्टाफ की व्यवस्था एक महीने तक ही उपलब्ध कराई जाएगी। अब अस्पताल प्रशासन ने एनेस्थेटिक, ईएनटी सर्जन, माइक्रोबायोलॉजिस्ट और तकनीशियन और प्रशिक्षित स्टाफ नर्स की तैनाती के लिए निदेशालय को डिमांड भेजी है। चिकित्सक और प्रशिक्षित स्टाफ मिलने के बाद ही मरीजों को चिकित्सा सुविधा का लाभ मिल पाएगा।

निदेशालय को म्यूकोरमाइकोसिस, कोविड और सामान्य आईसीयू चिकित्सकों और प्रशिक्षित कर्मचारी के लिए डिमांड भेजी गई। उम्मीद है कि जल्द ही चिकित्सकों और प्रशिक्षित कर्मचारी की तैनाती हो जाएगी।
– डॉ. विजयेश भारद्वाज, सीएमएस, एसपीएस राजकीय चिकित्सालय

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed