उत्तराखंड में माता-पिता को खो चुके बच्चों के लिए पहल, आप भी दीजिए इनकी जानकारी

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पिता की मौत के बाद कोरोना से मां ने छोड़ा साथ, तीन बच्चे अनाथ

उत्तराखंड के खटीमा में टेंट का कारोबार करने वाले जयप्रकाश गुप्ता का सीने में दर्द उठने के चलते निधन हो गया था। उनकी पत्नी विमला गुप्ता ने टेंट का कारोबार संभाला। हाल ही में उनकी भी कोरोना से मौत हो गई। अब उनके तीनों बच्चे अनाथ हो गए हैं। उन्होंने सरकार से नौकरी की गुहार लगाई है।

कोरोना ने पिता को छीना, परिवार में कोई कमाने वाला नहीं 
गैरसैंण में लखेड़ी गांव के हरेंद्र सिंह के परिवार में अब कमाने वाला कोई नहीं है। हरेंद्र की पत्नी नंदी देवी ने बताया उनके पति पूना के एक होटल में काम करते थे। वहां कोरोना संक्रमण बढ़ा तो वह 18 अप्रैल को गांव आ गए। कुछ दिन बाद उनको बुखार आ गया। उन्होंने जांच कराई, जिसमें वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए। होम आइसोलेशन में रहने के बाद बीती 26 अप्रैल को तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। उन्हें श्रीनगर के बेस अस्पताल में रेफर किया गया। इलाज के दौरान 10 मई को हरेंद्र की मौत हो गई। उनके दो बच्चे हैं। नंदी देवी ने कहा कि पति की मौत के बाद वह बेसहारा हो गई है। प्रशासन की ओर से कोई मदद नहीं मिली।

भाई-बहन के सिर से उठा मां-बाप का साया
कोरोना के चलते देहरादून के बांजारावाला निवासी कृतिका भट्ट और विवेक भट्ट के सिर से मां-बाप का साया उठ गया है। कृतिका कॉलेज में पढ़ती हैं। जबकि, भाई विवेक कक्षा 12 में पढ़ रहा है। इन दिनों दोनों भाई,बहन अपने ताऊ के घर में रह रहे हैं। मां-बाप के निधन के बाद कृतिका के सामने चुनौती खड़ी हो गई है।

कोरोना ने छीना परिवार का मुखिया अब रोजी-रोटी की चिंता
बेतालघाट (नैनीताल) ब्लॉक के धनियाकोट के तोक तल्लाकोट के बहादुर सिंह की मौत के बाद उनकी पत्नी और छह साल के बेटे को रोजी-रोटी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। बहादुर सिंह भीमताल के एक होटल में काम करता था। बीमार होने पर उसका चचेरा भाई उसे गांव ले आया। गरमपानी में कोरोना की जांच कराई गई तो संक्रमित पाया गया। इसके बाद उसे हल्द्वानी सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। 21 अप्रैल को उपचार के दौरान बहादुर की मौत हो गई।

दो भाइयों की मौत से बच्चों के सिर से उठ गया पिता का साया
हल्द्वानी के रामपुर रोड में ग्राम जीतपुर नेगी निवासी दामोदर सुयाल के जवान बेटों का भी कोरोना से निधन हो गया है। दोनों ही परिवार के कमाऊ सदस्य थे। उनके निधन से बच्चों की परवरिश और शिक्षा पर संकट खड़ा हो गया है।

दामोदर सुयाल के सबसे बड़े बेटे मनोज सुयाल ने बताया कि उनके छोटे भाई हेम का 24 अप्रैल और दिनेश का 30 अप्रैल को निधन हो गया। हेम का बेटा सातवीं में पढ़ता है, जबकि बिटिया छोटी है। दिनेश के तीन बच्चे हैं। एक इंटर, एक हाईस्कूल और एक पांचवीं में पढ़ता है। मनोज ने बताया कि दोनों भाई प्राइवेट जॉब करते थे। दोनों की पत्नियां गृहिणी हैं।

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