उत्तराखंड में कोरोना: मंगलवार को 24 घंटे में सामने आए 791 संक्रमित, सात मरीजों की हुई मौत 

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उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण और मरीजों की मौत के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं। मंगलवार को प्रदेश में 24 घंटे के भीतर कोरोना के 791 नए मामले सामने आए हैं। जबकि सात कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। वहीं, आज 60214 लोगों को कोरोना की वैक्सीन लगाई गई।

मंगलवार को प्रदेश में कोरोना के मामलों में काफी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। वहीं, एम्स ऋषिकेश, कैलाश अस्पताल देहरादून, हिमालयन हॉस्पिटल जौलीग्रांट में पांच मरीजों की मौत हुई है। सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी और सिनर्जी अस्पताल देहरादून में भी एक-एक मरीज की मौत हुई। प्रदेश में अब तक 103602 कोरोना संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें से 96647 मरीज ठीक हो चुके हैं।

अब तक 1736 कोरोना संक्रमित मरीजों की उपचार के दौरान मौत हो चुकी है। बता दें कि 10 दिसंबर के बाद प्रदेश में एक दिन में सबसे ज्यादा संक्रमित मिले हैं। पिछले साल 10 दिसंबर को 830 केस आए थे और 12 मरीजों की मौत हुई थी।

जांच बढ़ी तो कोरोना केस भी बढ़े
प्रदेश में कोरोना की जांच का दायरा बढ़ गया है। 24 घंटे में अब 30 से 50 हजार तक के सैंपल की जांच रिपोर्ट जारी की जा रही है। मंगलवार को 34 हजार 968 सैंपल जांच के लिए भेजे गए जबकि 17 हजार 788 सैंपल की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है।

वहीं, देहरादून में दून स्कूल के सात छात्र और पांच शिक्षक कोरोना संक्रमित होने के बाद क्वारंटीन हो गए हैं।

किस जिले में कितने कोरोना के मामले
देहरादून-         303
हरिद्वार-          185
नैनीताल-          107
अल्मोड़ा-           6
बागेश्वर-           11
चमोली-            3
चंपावत-            2
पौड़ी-                1
पिथौरागढ़-         45
रुद्रप्रयाग-           5
टिहरी-               75
ऊधमसिंह नगर-  41
उत्तरकाशी-         7

चार जिलों में अब तक बने 24 कंटेनमेंट जोन
कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के साथ ही एक बार फिर कंटेनमेंट जोन की संख्या बढ़ने लगी है। अब तक प्रदेश में 24 कंटेनमेंट जोन बन चुके हैं। इनमें सबसे अधिक 12 कंटेनमेंट जोन देहरादून जिले में बनाए गए हैं। इसके अलावा नैनीताल में आठ, हरिद्वार में तीन और टिहरी में एक कंटेनमेंट जोन बनाया गया है।

60214 लोगों को दी गई कोरोना वैक्सीन
मंगलवार को प्रदेश में 60 हजार 214 लोगों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन दी गई। अब तक प्रदेश में आठ लाख 47 हजार 648 लोगों को कोरोना से बचाव की पहली डोज दी जा चुकी है। एक लाख 50 हजार 186 लोगों को कोविड से बचाव की दोनों डोज दी जा चुकी हैं।
नारसन बॉर्डर से वापस लौटाईं 400 कारें और 40 बसें 
कुंभ के मद्देनजर नारसन बॉर्डर पर सख्त चेकिंग की जा रही है। कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट नहीं लाने पर मंगलवार को करीब 400 कारों और 40 बसों को वापस भेज दिया गया। वाहनों को वापस लौटाने पर यात्रियों में भारी निराशा दिखी।

नारसन बॉर्डर पर उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा समेत अन्य राज्यों से उत्तराखंड में आने वाली रोडवेज बसों और कारों को कोविड की नेगेटिव रिपोर्ट नहीं दिखाने पर वापस भेजा जा रहा है। मंगलवार को बॉर्डर पर 1840 कोरोना टेस्ट किए गए और 3513 की थर्मल स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान कोविड टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने पर 400 से अधिक कारों एवं करीब 40 बसों को वापस लौटा दिया गया।

इस दौरान बाहर से आए लक्सर क्षेत्र निवासी एक व्यक्ति की कोरोना टेस्ट के दौरान रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वाहनों की चेकिंग के दौरान बॉर्डर पर अफरा तफरी का माहौल रहा। वापस लौटाए जा रहे वाहनों में सवार यात्रियों के चेहरे पर मायूसी और निराशा साफ झलक रही थी।

निगेटिव रिपोर्ट वाले यात्री झेल रहे फजीहत 
बसों में जिन यात्रियों के पास कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट है, उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है, लेकिन जिनके पास रिपोर्ट नहीं है, ऐसे यात्री बसों से उतरकर पैदल ही बॉर्डर पार कर रहे हैं और राज्य की सीमा में प्रवेश कर विभिन्न सवारी वाहनों में लिफ्ट लेकर आगे जा रहे हैं। वहीं कई किराये के वाहन ऐसे यात्रियों से तीन गुना तक किराया वसूल रहे हैं।
देहरादून-हरिद्वार में 10 को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत नहीं लगेगी
उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने आगामी दस अप्रैल को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत को देहरादून तथा हरिद्वार जिले के न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों तथा इसके तहत बाह्य न्यायालयों में स्थगित कर दिया गया है।

हाईकोर्ट की ओर से कोरोना महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए अधिसूचना जारी किए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव एवं जिला जज आरके खुल्बे ने बताया कि उत्तराखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी के निर्देशानुसार यह निर्णय लिया गया है।

उन्होंने बताया कि आगामी दस अप्रैल को प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत को देहरादून तथा हरिद्वार जिले में आयोजित नहीं किया जाएगा जबकि राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन प्रदेश के अन्य 11 जिलों के न्यायालयों, पारिवारिक न्यायालयों तथा इसके अंर्तगत बाह्य न्यायालयों सहित हाईकोर्ट में किया जाएगा। बता दें कि लगातार बढ़ रही कोरोना महामारी के चलते कोर्ट ने पांच अप्रैल को जारी अधिसूचना में छह अप्रैल से देहरादून तथा हरिद्वार जिले में मुख्यालय सहित अन्य बाह्य न्यायालयों में दो सप्ताह के लिए नियमित कामकाज पर रोक लगाई है।

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