उत्तराखंड: खाद्य सामग्री में लगा महंगाई का तड़का, दाल 100 रुपये प्रतिकिलो पार

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उत्तराखंड में बढ़ती महंगाई से लोगों की रसोई का जायका बिगड़ने लगा है। आलम यह है कि 15 किलो सरसों के तेल की कीमत दो हजार रुपये के पार पहुंच गई है। जबकि, दालों के दाम भी 100 रुपये के आंकड़े को पार कर गए हैं। देहरादून में व्यापारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में सरसों की फसल कटने के बाद खाने के तेल के दामों में कमी आ सकती है।

प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि थोक बाजार में सरसों के 15 किलो वाले डब्बे की कीमत दो हजार से 2250 रुपये तक हो गई है। जबकि, बीते साल दिसंबर तक सरसों केे तेल की कीमत 1300 से 1500 रुपये के बीच थी। ऐसे ही रिफायंड के दामों में भी बढ़ोतरी हुई है।

1500 रुपये में मिलने वाला 15 किलो रिफायंड के डब्बे की कीमत 2100 रुपये से लेकर 2270 रुपये तक हो गई है। जबकि, बाजार में पहुंच कर तेल के दामों में 10 फीसदी का इजाफा और हो जाता है। वहीं, मंडल के सचिव विनोद गोयल ने बताया कि सभी दालों के दामों में भी 20 से 30 रुपये तक का इजाफा हुआ है।

विदेश से आता है 70 फीसदी तेल
प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश संयोजक राजेंद्र प्रसाद गोयल ने बताया कि उत्तराखंड में 70 फीसदी खाने वाला तेल मलेशिया और इंडोनेशिया से आता है। जबकि, सोयाबीन ब्राजील और अर्जेंटीना, रिफाइंड सनफ्लॉवर यूक्रेन और रूस से मंगाया जाता है। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस और बदलते मौसम के चलते इन सभी देशों में सरसों की फसल कम होने से दामों में बढ़ोतरी हुई है। गोयल ने कहा कि आने वाले दिनों में हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में सरसों की फसल की कटाई होने वाली है। इससे तेल की कीमतों में कमी की उम्मीद लगाई जा रही है।

 

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