उत्तराखंड: शासन ने सड़कों के कार्यों की जांच के दिए आदेश, खराब मिले काम तो इंजीनियर और ठेकेदार भुगतेंगे अंजाम

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शासन ने विशेष केंद्रीय सहायता राशि से प्रदेश में चल रहे सड़कों की मरम्मत और सुधारीकरण के कार्यों की जांच के आदेश दे दिए हैं। गुणवत्ता जांच के लिए गठित टीमें मौके पर जाकर गुणवत्ता परखेंगी। काम खराब पाए जाने पर संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार पर गाज गिरेगी।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के निर्देश पर प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने सभी जिलाधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी कर कार्रवाई करने का प्रस्ताव शासन को भेजने को कहा है। प्रदेश में चालू वित्तीय वर्ष में 105 मोटर मार्गों के सुधारीकरण और मरम्मत के कार्य चल रहे हैं। इनमें 25 सड़कें राज्य सेक्टर की हैं और 80 सड़कों के नए कार्य शामिल हैं।

केंद्र सरकार ने इसके लिए अलग से धनराशि उपलब्ध कराई है। कोविड काल में वित्तीय कठिनाइयों के चलते केंद्र ने राज्य की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता के तहत 478.447 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इसमें से लोक निर्माण विभाग को 105 कार्यों के लिए 339.53 करोड़ रुपये मंजूर हुए।

सड़कों के ये होने हैं कार्य
विशेष केंद्रीय सहायता से प्रदेश में प्रस्तावित सड़कों को गड्ढ़ामुक्त बनाने, उनकी मरम्मत और सुधारीकरण के कार्य करने हैं। व्यस्तम सड़कों पर आवाजाही सुगम बनाने, सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने, ट्रैफिक जाम को दूर करने और शहरी क्षेत्रों में आम जनमानस व पर्यटकों बाधा रहित आवागमन की सुविधा उपलब्ध कराना उद्देश्य है।

हर दिन होगी गुणवत्ता की जांच
शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि प्रदेश में पूर्व में गठित जांच टीमें हर दिन स्थलीय निरीक्षण कर सड़कों की गुणवत्ता परखेंगी। इस दौरान किसी भी तरह की अनियमितता पाए जाने पर संबंधित इंजीनियर और ठेकेदार पर कार्रवाई करने का प्रस्ताव जिलाधिकारी शासन को भेजेंगे।

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