मंगलवार को 65 नए संक्रमित मिले, 600 से कम हुए एक्टिव केस

0

उत्तराखंड में बीते 24 घंटे में 65 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। वहीं, मंगलवार को प्रदेश में एक भी संक्रमित मरीज की मौत नहीं हुई है। प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या 97931 हो गई है। जबकि एक्टिव केस की संख्या भी घटकर 600 से कम हो गई है।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार, मंगलवार को देहरादून में 24 और हरिद्वार में 22 संक्रमित मिले। वहीं, अल्मोड़ा और बागेश्वर में एक-एक मरीज मिला। नैनीताल में छह और ऊधम सिंह नगर में 11 संक्रमित मिले हैं।

मंगलवार को 47 मरीजों को ठीक होने के बाद घर भेजा गया है। इन्हें मिला कर 94215 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं। जबकि प्रदेश में अब तक 1704 कोरोना मरीजों की मौत हो चुकी है। वर्तमान में 599 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

प्रदेश की रिकवरी दर 96.21 प्रतिशत और सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण की दर 3.80 प्रतिशत दर्ज की गई।
कोरोना की दहशत में बीता एक साल
पिछला पूरा साल उत्तराखंड में कोरोना महामारी की दहशत और स्वास्थ्य सुविधाओं को सुधारने की कशमकश में बीत गया। प्रदेश में कोरोना का पहला मरीज ठीक एक साल पहले 15 मार्च को देहरादून में मिला था। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी के प्रशिक्षु आईएफएस अफसर में कोरोना की पुष्टि होने पर 15 मार्च की शाम को उन्हें राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

फीनलैंड, स्पेन और रूस आदि देशों से प्रशिक्षण लेकर अकादमी के 62 प्रशिक्षु अधिकारी देहरादून लौटे थे। विदेश से आने पर संस्थान ने इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी। कोरोना का पहला मरीज सामने आने पर हड़कंप मच गया था। प्रशासन ने आनन-फानन में पूरी अकादमी और वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) को लॉकडाउन कर दिया था। वहीं, प्रशिक्षु दल को 14 दिन के एकांतवास में भेजा गया था। इस बीच तीन और प्रशिक्षु आईएफएस में कोरोना की पुष्टि हुई। तीनों को राजकीय दून मेडिकल अस्पताल में भर्ती कराया गया था।

पूजा कर की कोरोना से मुक्ति की कामना
सिद्धपीठ श्री सनातन धर्म मंदिर प्रेमनगर में श्रद्धालुओं ने विशेष पूजा-अर्चना कर कोरोना से जल्द मुक्ति की कामना की। मुख्य पुजारी राजू उपाध्याय ने पूजा-अर्चना कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया। उन्होंने कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सोशल डिस्टेंस के साथ मास्क का प्रयोग करें। इस दौरान मंदिर समिति के प्रधान सुभाष माकिन, अवतार किशन कौल, रवि भाटिया, मनोज बहल, हेमेंद्र भाटिया, नरेंद्र खत्री मौजूद रहे।
कुंभ मेले की समीक्षा को उच्च स्तरीय केंद्रीय टीम तैनात
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की एक उच्च स्तरीय टीम हरिद्वार कुंभ मेले में कोविड रोकथाम को लेकर लागू स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसेस (एसओपी) मानक प्रचालन प्रक्रिया की समीक्षा करेगी। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्ष वर्धन ने ट्वीटर पर यह जानकारी साझा की।

उन्होंने ट्वीटर पर लिखा, एक उच्चस्तरीय केंद्रीय दल को कुंभ मेला 2021 में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संबंधी प्रबंधों की समीक्षा को तैनात की है। उन्होंने लिखा कि यह टीम कुंभ मेले के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय से जारी एसओपी के पालन पर भी फोकस करेगी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का यह ट्वीट सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत यह संदेश दे रहे हैं कि कुंभ मेले में लोगों के आने पर कोई रोक-टोक नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कोविड ने

गेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता को भी खत्म करने की बात कही थी। हालांकि बाद में उन्होंने कहा कि कुंभ में कोविड की रोकथाम को लेकर जारी एसओपी का पूरा पालन होना चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का भी कुंभ पर बयान आया था, जिसमें कोविड के खतरे के प्रति आगाह किया गया था।

प्रदेश के दुर्गम क्षेत्रों में कोरोना से बचाव का टीकाकरण हो पुख्ता

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने निर्देश दिए हैं कि प्रदेश के दुर्गम इलाकों में कोरोना से बचाव का टीकाकरण की पुख्ता व्यवस्था हो। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी की चुनौती से पार पाने के लिए वैक्सीनेशन को और तेज किया जाए।

मंगलवार का मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड और वैक्सीनेशन की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जनपद स्तर पर की जा रही व्यवस्थाओं की भी जानकारी ली।

उन्होंने निर्देश दिए कि पर्वतीय क्षेत्रों की भौगोलिक स्थिति के मद्देनजीर सुदूरवर्ती क्षेत्रों तक टीकाकरण कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने लॉकडाउन के दौरान स्वास्थ्यकर्मियों, आशा कार्यकत्रियों के योगदान की सराहना की। सभी जिलाधिकारियों से जनपद स्तर पर कोविड हिस्ट्री तैयार करने को कहा।

अधिक से अधिक लोगों को हमें लाभ पहुंचाना है
मुख्यमंत्री ने कोरोना बचाव टीकाकरण कार्यक्रम को न्याय पंचायत स्तर तक संचालित करने के निर्देशदेते हुए कहा कि अधिक से अधिक लोगों को हमें लाभ पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी जिलों के स्तर पर कार्ययोजना बनानी होगी। कोविड महामारी की चुनौती का सामना करने के लिए वैक्सीनेशन अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए।

प्रभारी सचिव स्वास्थ्य डॉ. पंकज पांडेय ने कोविड की रोकथाम एवं टीकाकरण की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में कुल 609 कोविड एक्टिव केस हैं। अब तक 1709 लोगों की मृत्यु हुई है। राज्य में पॉजिटिविटी रेट 3.82 प्रतिशत है। जबकि रिकवरी रेट 96 प्रतिशत और डेथ रेट 1.74 प्रतिशत है। प्रदेश में 11 डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल, 27 कोविड हेल्थ सेंटर और 415 कोविड सेंटर स्थापित हैं।

236 स्थानों पर वैक्सीनेशन का कार्यक्रम चल रहा है। राज्य को अब तक आठ लाख 50 हजार वैक्सीन की डोज प्राप्त हुई है। बैठक में मुख्य सचिव ओम प्रकाश, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, सचिव अमित नेगी, नीतेश झा, डी. सेंथिल पांडियन, प्रभारी सचिव एसए मुरूगेशन, एचएस सेमवाल, विनोद कुमार सुमन सहित स्वास्थ्य शिक्षा आदि विभागों के उच्चाधिकारी मौजूद रहे।

उत्तराखंड में 1.31 लाख बुजुर्गों ने लगवाई कोविड वैक्सीन

प्रदेश में अब तक 60 साल से अधिक आयु के 1.31 लाख बुजुर्ग कोविड वैक्सीन लगवा चुके हैं। कोरोना संक्रमण से बचने के लिए बुजुर्गों में टीका लगवाने को लेकर खासा उत्साह है। वहीं, 45 से 59 आयु वर्ग के किसी बीमारी से ग्रसित 8388 लोगों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है।

कोविड टीकाकरण के तीसरे चरण में एक मार्च से 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग और 45 से 59 आयु वर्ग के गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों का टीकाकरण शुरू किया गया है। अब तक प्रदेश में 1.31 लाख से अधिक बुजुर्गों ने वैक्सीन लगवाई गई है।

मंगलवार को एक ही दिन में 20 हजार से अधिक बुजुर्गों को कोविड का टीका लगवाया गया। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 16 जनवरी से अब तक लगभग एक लाख स्वास्थ्य कर्मियों को वैक्सीन की पहली डोज लगवाई गई है। इसमें 67047 स्वास्थ्य कर्मियों को दूसरी डोज भी लग चुकी है। वहीं, 85497 फ्रंट लाइन वर्करों को पहली डोज और 34370 को दूसरी डोज लगवाई गई है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed