‘लिंगराज मंदिर’ जहां भगवान शिव के साथ विराजे हैं विष्णु भगवान

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लिंगराज मंदिर 11वीं शताब्दी के समय का निर्मित है, जिसे सोमवंशी राजा जजाति केसरी द्वारा बनवाया गया था। इतिहासकारों का यह भी कहना है कि इस मंदिर का जिक्र 6वीं और 7वीं शताब्दी के पांडुलिपि में भी मिलता है।भुवनेश्वर स्थित लिंगराज मंदिर भारत का एकमात्र मंदिर है, जहां भगवान शिव के साथ भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस मंदिर को लेकर हिंदू धर्म में बहुत गहरी आस्था है और हर साल लाखों की संख्या में हिंदू इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत भी यही है कि यहां दर्शन के लिए सिर्फ हिंदू भक्तों को ही मंदिर में प्रवेश दिया जाता है। लिंगराज मंदिर के प्रांगण में लगभग 50 छोटे मंदिर आपको देखने को मिल जाएंगे। इतना ही नहीं इस मंदिर में प्रतिदिन 22 सेवा पूजा की जाती है।इतिहासकारों का मानना है कि यह मंदिर 11वीं शताब्दी के समय का निर्मित है, जिसे सोमवंशी राजा जजाति केसरी द्वारा बनवाया गया था। इतिहासकारों का यह भी कहना है कि इस मंदिर का जिक्र 6वीं और 7वीं शताब्दी के पांडुलिपि में भी मिलता है। मंदिर की वास्तुकला की बात करें तो इसकी वास्तुकला भी काफी बेजोड़ है और इसका निर्माण कलिंग शैली तथा उड़िया शैली में किया गया है।

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