शहीद पति के देश सेवा के जज्बे को नितिका ने बनाया जीने का मकसद

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देहरादून: दो साल पहले 18 फरवरी ही वह तारीख थी, जब दून के लाल शहीद मेजर विभूति शंकर ढौंडियाल जम्मू कश्मीर में आतंकियों से लोहा लेते हुए देश पर कुर्बान हो गए थे। इस अंतराल में विभूति के देश सेवा के जज्बे ने उनकी पत्नी नितिका के भीतर न सिर्फ नया रूप लिया, बल्कि सेना में भर्ती होने का उनका सफर अब अंतिम पड़ाव पर है। वह ओटीए (ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी), चेन्नई में प्रशिक्षण प्राप्त कर रही हैं। जून में प्रशिक्षण पूरा कर वह भारतीय सेना का हिस्सा बन जाएंगी। इस बीच नितिका ने जज्बे को जीने का मकसद बनाया।

दून के डंगवाल मार्ग निवासी मेजर विभूति जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी मुठभेड़ के दौरान शहीद हो गए थे। पति की शहादत के बाद निकिता ने पति के जज्बे को साथ लिया। पति की वीरता से अभिभूत वह उनकी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए सेना में अफसर बनने जा रही हैं। कश्मीर की रहने वालीं निकिता के परिवार ने आतंक को काफी करीब से देखा हुआ है।उनकी मजबूती की झलक निकिता के व्यक्तित्व पर भी नजर आती है। मुश्किल घड़ी में उन्होंने न केवल खुद को बल्कि परिवार को भी संभाला। निकिता के लिए शहीद पति के प्रति यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी और उनके करीब खुद को रखने का रास्ता। इससे पहले वह एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करती थी।

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