प्रदेश में कल से 10वीं-12वीं कक्षाओं के लिए खुलेंगे स्कूल

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प्रदेश में कल से 10 वीं और 12 वीं के छात्र-छात्राओं के लिए स्कूल खुलेंगे। स्कूल खोलने को लेकर विभाग की ओर से सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। शिक्षा निदेशक आरके कुंवर के मुताबिक सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों, जिला शिक्षा खंड शिक्षा और उप शिक्षा अधिकारियों को शासन की गाइड लाइन के हिसाब से पूरी तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

शिक्षा निदेशक ने कहा कि सभी स्कूलों को सैनिटाइज किया गया है। बच्चों का तापमान मापने के लिए थर्मल स्कैनिंग की व्यवस्था की गई है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जिन स्कूलों में बच्चों की संख्या अधिक है। उन स्कूलों में दो शिफ्ट में कक्षाएं चलाई जाए। राजकीय प्रिंसिपल एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष एसएस बिष्ट के मुताबिक, स्कूल खोलने से पहले स्कूल प्रिंसिपल की ओर से अभिभावकों की लिखित सहमति ली गई है।
दावा है कि अभिभावकों को बच्चों को स्कूल भेजने में आपत्ति नहीं है। वहीं स्कूलों की ओर से अभिभावकों को बताया गया है कि स्कूल आने के दौरान उनके बच्चे किस तरह की सावधानी बरतें। बच्चों को मास्क  पहनकर भेजा जाए। यदि संभव हो तो बच्चे सैनिटाइजर लेकर स्कूल आएं।
पहले दिन 50 फीसदी तक बच्चों के आने की संभावना 
राजकीय प्रिंसिपल एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस बिष्ट के मुताबिक, पहले दिन 50 फीसदी बच्चों के स्कूल आने की संभावना है। हालांकि स्कूलों की ओर से बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग  का पालन कराते हुए बैठाने सहित सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। वहीं ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था भी जारी रहेगी।

अशासकीय स्कूल खुलेंगे, भरे जाएंगे परीक्षा फार्म
उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष डा.अनिल शर्मा के मुताबिक प्रदेश में कोरोना काल के चलते बोर्ड के बच्चों के परीक्षा फार्म नहीं भर पाए हैं। दो नवंबर से स्कूल खुलने पर बच्चों के परीक्षा फार्म भरवाए जाएंगे। अशासकीय स्कूलों की ओर से स्कूल खोले जाने को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। अधिकतर स्कूलों ने एक बैंच पर एक बच्चे के बैठने की व्यवस्था की है। हालांकि छह फिट की दूरी पर सभी बच्चों को बैठा पाना आसान नहीं होगा। फिर भी स्कूलों की ओर से सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है।
स्कूल भेजने को तैयार नहीं अभिभावक
सरकार ने भले ही दो नवंबर से 10वीं और 12वीं छात्रों के लिए स्कूल खोलने की मंजूरी दे दी है, लेकिन अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं है। यही कारण है कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूल अभी असमंजस की स्थिति में हैं।

प्रिंसिपल प्रोग्रेसिव स्कूल एसोसिएशन (पीपीएसए) के अध्यक्ष प्रेम कश्यप अनुसार दो नवंबर को 10 फीसदी से भी कम स्कूलों के खुलने के आसार हैं। बताया कि ज्यादातर प्राइवेट स्कूलों ने सरकार की एसओपी के प्रावधानों पर चिंता जताई थी, जिसे बाद में ठीक कर लिया गया है। स्कूल खोलने को लेकर अभिभावकों की राय ली जा रही है, लेकिन ज्यादातर अभिभावक अभी भी बच्चों को भेजने को तैयार नहीं हैं। कुछ स्कूल कितनी भी छात्र संख्या पर खोलने को तैयार हैं।

वो स्कूल में पढ़ाई का ही ऑनलाइन का ऑनलाइन भी प्रसारण करेंगे। वैसे भी शिक्षा विभाग के अधिकारी अगले कुछ दिनों में निरीक्षण करने आएंगे। उसके बाद कुछ अन्य स्कूल खुल सकते हैं। प्रेम कश्यप ने बताया कि उनके स्कूल चिल्ड्रन एकेडमी में 10वीं में दो और 12वीं में तीन अभिभावकों ने ही बच्चे भेजने पर सहमति दी है। ज्यादातर प्राइवेट स्कूल बेहद कम छात्र संख्या पर भी खोलने को तैयार हैं ताकि अन्य अभिभावकों भी बच्चे भेजने को प्रोत्साहित हों।

मुख्य शिक्षा अधिकारी आशारानी पैन्यूली ने बताया कि ज्यादातर निजी स्कूलों के अभी खुलने संभावना नहीं है। स्कूलों की ओर बताया जा रहा है कि अभिभावक बच्चों को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं।

अशासकीय स्कूलों के पास बजट का टोटा
अशासकीय स्कूलों ने सेनिटाइजेशन के लिए सरकार से बजट की मांग की है। प्रधानाचार्य परिषद भी सचिव शिक्षा को पत्र लिखकर बजट की मांग कर चुकी है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों को सरकार बजट दे रही है। लेकिन उनके लिए कोई व्यवस्था नहीं है। सेनिटाइजेशन भी लगातार करना है इसलिए बजट की जरूरत बहुत ज्यादा है। बजट की व्यवस्था ना होने पर स्कूलों को नियमित रूप से सेनिटाइज कर पाना बेहद मुश्किल होगा।

निरीक्षण के बाद मिलेगी अनुमति
प्राइवेट स्कूलों को चलाने की अनुमति पर फैसला प्रशासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त निरीक्षण के बाद होगा। 10वीं और 12वीं के स्कूलों को खोलने से पहले जिला प्रशासन को आवेदन करना होगा। एडीएम एफआर और मुख्य शिक्षा अधिकारी स्कूलों का निरीक्षण करने के बाद उन्हें खोलने पर फैसला लेंगे। इस दौरान कोविड-19 से बचाव और बच्चों की सुरक्षा के लिए किए जाने वाले उपायों की समीक्षा की जाएगी। स्कूल में नियमों का पूरी तरह पालन मिलने पर ही अनुमति दी जाएगी। पीपीएसए के अनुसार कुछ दिन स्थिति को देखने के बाद स्कूल प्रशासन को आवेदन करेंगे।

 

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