महाकुंभ 2021: तैयारियों में जुटी सरकार, पहले शाही स्नान से पहले पूरे होंगे कुंभ के स्थायी निर्माण कार्य
तीर्थ नगरी हरिद्वार में 2021 में होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के लिए सरकार ने कमर कस ली है। पहले शाही स्नान से पहले कुंभ के सभी स्थायी निर्माण कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण कार्यों की नियमित रूप से समीक्षा करने के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने एक समिति गठित की है। इस समिति में शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक, सचिव शहरी विकास और मेलाधिकारी हरिद्वार होंगे।
प्रदेश सरकार महाकुंभ के सफल आयोजन की तैयारियों में जुट गई है। अखाड़ा परिषद, गंगा सभा और सरकार मिलकर कुंभ की व्यवस्थाओं पर चर्चा कर रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से कुंभ के स्थायी निर्माण कर रहे विभागों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं।
शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि पहले शाही स्नान की अधिसूचना जारी होने से पहले कुंभ के सभी स्थायी निर्माण कार्यों को पूरा किया जाएगा। हरिद्वार को जोड़ने वाली प्रमुख सड़कों, पुलों समेत अन्य निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
कुंभ के आयोजन में अखाड़ा परिषद का महत्वपूर्ण योगदान रहता है। अखाड़े की ओर से नासिक, उज्जैन और इलाहाबाद की तर्ज पर सुविधाएं और बुनियादी ढांचा तैयार करने कहा गया है।
सीमित संख्या के आधार पर होगी छड़ी यात्रा
सरकार 13 अखाड़ों के संतों के लिए संत निवास, शौचालय, गेट समेत अन्य सभी मांग को पूरा करेगी। कुंभ को लेकर अखाड़ा परिषद की तरफ जो भी प्रस्ताव सरकार को भेजा जाएगा, उन्हें सरकार पूरी करेगी।
जिन अखाड़ों के पास अपनी भूमि उपलब्ध होगी, उन्हीं को बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाएगी। सरकार जल्द ही अखाड़ों के अधीन होने वाले कार्यों के लिए कार्यदायी संस्था तय करेगी।
गत वर्ष की तरह इस बार भी प्रदेश में छड़ी यात्रा होगी, लेकिन यात्रा में श्रद्धालुओं की सीमित संख्या रहेगी। यह यात्रा प्रदेश की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। परंपरा के अनुसार जूना अखाड़े से पवित्र छड़ी यमुनोत्री, गंगोत्री होते हुए केदारनाथ, बदरीनाथ धाम जाती है। बदरीनाथ से यह छड़ी कुमाऊं मंडल के विभिन्न तीर्थ स्थलों से होते हुए वापस जूना अखाड़ा हरिद्वार पहुंचती और माया देवी मंदिर में प्रतिष्ठित की जाती है।