उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा साईबर धोखाधडी के लाभार्थी खाता धारको के विरूद्ध के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही

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 *उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना कुमाऊँ परिक्षेत्र पुलिस द्वारा साईबर धोखाधडी के लाभार्थी खाता धारको के विरूद्ध के विरूद्ध दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत की गयी कार्यवाही*

 *अभियुक्त सोशल मीडिया साईट्स में विज्ञापनों के माध्यम से ऑनलाईन ट्रेडिंग कर अधिक मुनाफे का लालच देकर पीड़ितों से अलग-अलग खातों में जमा करवाते थे धनराशि*

 *अभियुक्त साईबर धोखाधड़ी हेतु दूसरें व्यक्तियों के खातों का प्रयोग (कमीशन बेस्ड खाते)धोखाधडी की धनराशि प्राप्त करने हेतु करते थे इस्तेमाल*

 *अभियुक्त द्वारा अन्य व्यक्तियों के चालू खाते खोलकर उसमें इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव करवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग किट प्राप्त कर लॉग-इन आईडी पासवर्ड बनाकर धोखाधडी हेतु करते थे प्रयोग*

 *अभियुक्तके आई0डी0एफ0सी0 बैंक के खाते में माह दिसम्बर 2023 से माह जनवरी 2024 लगभग 40 लाख की धनराशि का लेनदेन प्रकाश में आया*

 *अभियुक्त से घटना में प्रयुक्त 01 अदद मोबाइल फोन्स, 01 आधार कार्ड, 01 पैन कार्ड बरामद*

 *श्रीमान पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड श्री दीपम सेठ* के दिशा निर्देशन में साईबर धोखाधड़ी करने वालों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही करते हुये साईबर पीड़ितो को न्याय दिलाया जा रहा है ।

 

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 श्री नवनीत सिंह* द्वारा जानकारी देते हुये बताया कि एक प्रकरण जनपद उधम सिंह नगर निवासी पीड़ित द्वारा माह फरवरी 2024 में दर्ज कराया जिसमें उनके द्वारा माह दिसम्बर 2023 में फेसबुक में एक ऑनलाईन ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन देखा जिसके लिंक पर क्लिक करने पर उनको एक अज्ञात वाट्सअप ग्रुप से जुडना बताया गया, चैंटिग करने के उपरांत शिकायतकर्ता को एक अन्य लिंक के माध्यम से *INDRA CUSTOMER CARE-F25* नाम के ग्रुप में जोड़ा गया जिसमें उनके द्वारा स्वयं को Indra कम्पनी का प्रतिनिधि बताया गया था तथा ट्रेडिंग में लगायी गयी धनराशि को उनके द्वारा दिये गये लॉगिन आई0डी0 पासवर्ड से लॉगिन करने पर मय लाभ के पीड़ित को दिखाई जाती थी । जिसके उपरान्त पीड़ित द्वारा ऑनलाईन ट्रेडिंग करने के लिये अभियुक्तगणों द्वारा व्हाटसप के माध्यम से उपलब्ध कराये गये विभिन्न बैंक खातो में लगभग 52 लाख रुपये की धनराशी धोखाधड़ी से जमा करायी गयी ।

 

साईबर अपराधियों द्वारा शिकायतकर्ता को ऑनलाईन शेयरमार्केटिंग में अधिक मुनाफे का लालच दिया गया तथा इसमे निवेश करने पर वादी को शार्ट टर्म में अधिक मुनाफे का भरोसा देकर ठगी की गयी । प्रकरण की गम्भीरता के दृष्टिगत *वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0 द्वारा विवेचना प्रभारी निरीक्षक साईबर क्राईम श्री अरूण कुमार को सुपुर्द करते हुये अभियोग के अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये ।* साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / वाट्सअप की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनी, मेटा कम्पनियों से डेटा प्राप्त किया गया । प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियो द्वारा घटना में पीड़ित से अन्य व्यक्तियों के खातों (कमीशन बेस्ड खाते)का प्रयोग कर धोखाधडी की गयी धनराशि प्राप्त किये जाने हेतु प्रयोग करते थे ।

 

विवेचना के दौरान साईबर थाना पुलिस टीम द्वारा बैंक खातो तथा मोबाइल नम्बरों का सत्यापन कार्यवाही किया गया । *पुलिस टीम द्वारा तकनीकी / डिजिटल साक्ष्य एकत्र कर घटना से सम्बन्धित मुदस्सिर मिर्जा पुत्र जुबेर मिर्जा, दीपक अग्रवाल पुत्र स्व0 श्री राधेश्याम अग्रवाल तथा गौरव गुप्ता पुत्र श्री राजेन्द्र गुप्ता को गिरफ्तार कर उनके विरूद्ध आरोप-पत्र मा0 न्यायालय दाखिल किया गया।* तथा शेष अभियुक्तगणों की तलाश जारी की गयी जिसमें प्रभारी निरीक्षक अरूण कुमार के नेतृत्व में टीम द्वारा मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला पंजाब जाकर प्रकाश में अन्य अभियुक्त रतना पुत्र दीना निवासी मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला पंजाब को तलाश कर उसे हिरासत लेकर स्थानीय थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला दाखिल किया गया तथा विवेचनात्मक कार्यवाही करते हुये रतना के विरूद्ध दण्ड प्रकिया संहिता की धारा 41 ए की कार्यवाही अमल लायी गयी। लाभार्थी खाता धारक रतना पुत्र दीना द्वारा साईबर अपराधियों के साथ मिलकर अहमदाबाद गुजरात जाकर एमएम टूर एण्ड ट्रेवलर के नाम से एक फर्जी फर्म बनाकर रजिस्टर्ड करायी गयी तथा फर्म के नाम पर आई0डी0एफ0सी0 बैंक अहमदाबाद में खाता खोलकर खाते में शिकायतकर्ता से 01 लाख 35 हजार रूपये प्राप्त किये गये। रतना के विरूद्ध आवश्यक वैधानिक कार्यवाही की गयी।

 

साईबर पुलिस टीम को तकनीकी बिन्दुओं पर प्राप्त जानकारी हाथ लगी तथा टीम द्वारा अथक मेहनत एवं प्रयास से तकनीकी संसाधनों का प्रयोग करते हुये साक्ष्य एकत्रित कार्यवाही करते हुये अभियोग में प्रकाश में आये रतना पुत्र दीना के विरूद्ध भा0द0वी0 के प्रावधानों के अन्तर्गत कार्यवाही करते हुये उनकी तलाशी में अभियुक्तों से घटना में प्रयुक्त 01 अदद मोबाइल फोन्स मय 01 सिम कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड भी बरामद हुए है । साईबर पुलिस की जांच पड़ताल में अभियुक्त के मोबाइल फोन में कई ईमेल एकाउन्ट, बैंक खातों, फर्जी फर्म/कम्पनियों के नाम फोटो व दस्तावेजबरामद हुये है तथा विदेशी मोबाइल नम्बरों के साथ व्हाट्सअप ग्रुप बनाकर उनके साथ चैटिंग/साईबर अपराधियो से सम्पर्क होना प्रकाश में आया है।

 

*अपराध का तरीका:*

अभियुक्त द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ट्रैडिंग बिजनेस का विज्ञापन प्रसारित कर लिंक के माध्यम से वाट्सअप ग्रुप में जोड़ कर ऑनलाईन ट्रेडिंग करने शार्ट टर्म में अधिक मुनाफा कमाने का झांसा देकर इन्वेस्ट के नाम पर लाखों रुपये की धोखाधड़ी की जा रही थी । अभियुक्त वाट्सअप ग्रुप में विभिन्न शेयरमें इन्वेस्ट करने के नाम पर मुनाफा होने के फर्जी स्क्रीनशॉट भेजा करते थे तथा खुद को अधिक लाभ होने के बात करते थे जिससे ग्रुप के जुडे पीड़ित इनकें झांसे में आकर धनराशि इन्वेस्ट कर देते थे । इन्वेस्ट की गयी धनराशि में मुनाफा दिखाने हेतु यह एक फर्जी लिंक का प्रयोग करते थे जिसमें इनके नाम के बनाये गये फर्जी खातो/डेसबोर्ड में इन्वेस्ट की गयी धनराशि मुनाफा सहित पीड़ित को दिखायी देती थी । जिससे पीड़ित को अधिक मुनाफा होने का भरोसा हो जाता था । विड्राल के नाम पर यह साईबर अपराधि पीड़ित के खाते में कभी कभी कुछ छोटी धनराशि भी भेज देते थे । जिससे पीड़ित को अपने साथ हो रही साईबर धोखाधड़ी का अंदेशा नही हो पाता था । अपराधियों द्वारा धोखाधडी से प्राप्त धनराशि को विभिन्न बैक खातों में प्राप्त कर उक्त धनराशि को अन्य खातों में स्थानान्तरण करते थे । अभियुक्तगणों द्वारा उक्त कार्य हेतुअन्य लोगों के चालू खाते खुलवाकर स्वयं इन्टरनेट बैंकिंग एक्टिव कराकर, इन्टरनेट किट प्राप्त कर लॉग-इन आडी पासवर्ड क्रिएट कर (कमीशन बेस्ड खातों)का प्रयोग कर अपराध कारित किया जाता है । यहां अपराधि यह भी विशेष रुप से ध्यान देते थे, कि इन खातों की विड्राल लिमिट कितनी है अधिक लिमिट वाले खाते इनकी प्राथमिकता में होते थे । पूछताछ में अभियुक्त द्वारा बताया गया कि मैं उसने कई लोगों के नाम से फर्जी फर्म बनाकर चालू बैंक खाते खोले हैं,जिनका एक्सेस उनके द्वारास्वयं किया जा रहा था । बैंक खातो में लिक मोबाइल नम्बर तथा ईमेल आई0डी0 को इटंरनेट बैंकिट के लिये प्रयोग करता था । तथा मोबाइल में एसएमएस फॉवर्ड एप्लीकेशन के माध्यम से लाभार्थी खातों में प्राप्त होने वाली धनराशि व इन्टरनेट बैंकिग आदि से सम्बन्धित समस्त ओटीपी को विदेशों में बैठे साईबर अपराधियो को भेजा जाता है। साईबर पुलिस द्वारा देश भर में विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के सम्बन्ध में जानकारी हेतु अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क कर रही है ।

 

प्रारम्भिक पूछताछ में अभियुक्तों ने साईबर अपराध हेतु विभिन्न लोगों के नाम पर फर्जी चालू बैंक खाते खोलकर उन खातो का प्रयोग साईबर अपराध में ठगी गयी धनराशि को जमा करने व निकालने में स्वीकार किया गया है । इन्टरनेट बैंकिंग के माध्यम से संचालित करने हेतु एसएमएस अलर्ट नम्बर व ईमेल आई0डी0 का प्रयोग अभियुक्तों द्वारा किया जा रहा था । इन बैंक खातों के बैंक स्टेटमैन्ट में करोड़ो रुपये के लेनदेन किया जाना पाया गया है । जाँच में यह भी प्रकाश में आया है कि इन बैंक खातों के विरुद्ध देश के कई राज्यों में कुल 14 साईबर अपराधों की शिकायतें निम्नवत दर्ज हैं-

 

Acknowledgement No State District Police Station

20801240007722 DELHI SHAHDARA CYBER POLICE STATION SHAHDARA

20802240010346 DELHI OUTER DISTRICT CYBER POLICE STATION OUTER

21302240005888 HARYANA GURUGRAM PS Cyber West

21303240008451 HARYANA GURUGRAM PS Cyber West

21901240008201 MAHARASHTRA Mira Bhayandar Vasai Virar Police Commissioner MIRA ROAD

21902240014630 MAHARASHTRA Mira Bhayandar Vasai Virar Police Commissioner MIRA ROAD

23102240011921 UTTAR PRADESH BASTI GAUR

23501240000624 UTTARAKHAND UDHAM SINGH NAGAR KHATIMA

30201240001565 ANDHRA PRADESH Guntur Nagarampalem UPS

30501240001741 BIHAR GAYA SHERGHATI

31602240008962 KARNATAKA BANGALORE CITY WHITEFIELD CEN CRIME PS

32101240002563 MADHYA PRADESH BHOPAL RURAL

32412230017266 ODISHA SUNDARGARH

33208240020489 WEST BENGAL ASANSOL DURGAPUR POLICE COMMISSIONERATE Cyber PS

 

साईबर अपराधियों के नाम व पता- रतना पुत्र दीना निवासी मॉडल ग्राम थाना सिटी नम्बर 2 मलेरकोटला पंजाब

बरामदगी-

1- 01 मोबाइल फोन

2- 01 सिम कार्ड

3- आधार कार्ड, पैन कार्ड घटना प्रयुक्त

 

पुलिस टीम-

1- SHO श्री अरूण कुमार

2- अपर उपनिरीक्षक श्री सत्येन्द्र गंगोला

3- हे0का0 मनोज कुमार

4- कानि0 मुहम्मद उस्मान

5- कानि0 जितेन्द्र कुमार

टैक्निकल टीम-

1- उपनिरीक्षक वन्दना चौधरी

2- हेड कानि0 सोनू पाण्डे

3- कानि0 रवि बोरा

 

*वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 उत्तराखण्ड श्री नवनीत सिंह महोदय* द्वारा जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों/फर्जी साईट/धनराशि दोगुना करने व टिकट बुक करने वाले अंनजान अवसरो के प्रलोभन में न आयें । साथ ही, सभी से अपील है कि वे फर्जी निवेश ऑफर जैसे YouTube like सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें व किसी भी अन्जान व्यक्ति के सम्पर्क में न आये अथवा न ही किसी भी अन्जान व्यक्ति से सोशल मीडिया पर दोस्ती न करें। किसी भी अन्जान कॉल आने पर लालच में न आये, अन्जान कॉलर की सत्यता की जांच करे बिना किसी भी प्रकार की सूचना / दस्तावेज न दें । किसी भी प्रकार के ऑनलाईन जॉब हेतु एप्लाई कराने से पूर्व उक्त साईट का पूर्ण वैरीफिकेशन सम्बन्धित कम्पनी आदि से भलीं भांति इसकी जांच पड़ताल अवश्य करा लें तथा गूगल से किसी भी कस्टमर केयर नम्बर सर्च न करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर सम्पर्क करें ।

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