दूसरे राज्यों के प्राइवेट कॉलेज से डीएलएड प्रशिक्षण की भर्ती पर रोक लगाने की मांग

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प्राथमिक शिक्षा सभी शिक्षाओ की बुनियाद है..इसे मजबूत करने के लिए डी.एल.एड कोर्स सीमित सीटों के साथ (50 प्रति डायट) शुरू किया गया है ताकि गुणवत्तापूर्ण प्राथमिक शिक्षक हमें मिल सके..साथ ही प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए निजी संस्थानों को डी.एल.एड करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

 

अब 327 उत्तराखंड डाइट प्रशिक्षितों के सापेक्ष 3000 पदो पर भर्ती किसके लिए निकाली जा रही है? माना कि शिक्षको के काफी पद खाली है, लेकिन क्या गुणवता को सिर्फ 10% वेटेज देना गुणवता शब्द का मजाक उड़ाना नहीं है? अगर यह पद 1100 कर दिए जाते है या मात्र 6 महीने में पास होने वाले 650 या योग्य उम्मीदवारों को अगले चरण में शामिल किया जाता है तो क्या प्राथमिक शिक्षा को मजबूत दिशा नहीं मिलती? साथ ही कथिन प्रिश्रम से प्रवेश परीक्षा 10 बजे से 5 बजे तक निकल जाएगी, कथिन प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले उत्तराखंड के प्रशिक्षु के साथ न्याय नहीं होता ??

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