पीएम मोदी की धमक, सीएम धामी की धूम: पार्वती सरोवर से लेकर सेना के जवानों के बीच दोनों साथ-साथ

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Prime Minister Narendra Modi at Parvati Kund

Pithoragarh, Oct 12 (ANI): Prime Minister Narendra Modi at Parvati Kund in Pithoragarh on Thursday. (ANI Photo)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पिथौरागढ़ दौरे की धमक से धामी सरकार गदगद है। गढ़वाल में चारधाम यात्रा की तरह कुमाऊं में मानसखंड यात्रा के लिए जो गलियारा तैयार करने का मुख्यमंत्री जो सपना देख रहे हैं, पीएम ने उसे नई उड़ान दे दी है। बकौल पीएम, हमारी सरकार केदारखंड और मानसखंड की कनेक्टिविटी पर बहुत जोर दे रही है।

 

जो लोग केदारनाथ और बदरीनाथ धाम जाते हैं, वे आस्था के केंद्र जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत भी आसानी से आ सकेंगे। मानसखंड मंदिर माला मिशन से कुमाऊं के अनेक मंदिरों तक आना-जाना आसान होगा। पीएम ने सड़क व रेल कनेक्टिविटी के जरिये गढ़वाल और कुमाऊं को जोड़ने के लिए आगे का रोडमैप भी दे दिया।

 

वे धामी को हर मदद के लिए आश्वस्त भी कर गए।यही सीएम धामी भी चाहते हैं। पिछले करीब छह महीनों के दौरान जब-जब उनकी पीएम मोदी से दिल्ली में मुलाकात हुई, वे उन्हें कुमाऊं आने का न्योता देना नहीं भूले। इसके पीछे उनकी यही मंशा रही कि गढ़वाल की चारधाम यात्रा की तरह तीर्थ यात्री कुमाऊं के पवित्र मंदिरों में दर्शन करने आएं।

पीएम ने जिस तरह केदारधाम को वैश्विक पहचान दी है, उसी तरह दुनिया जागेश्वर धाम, आदि कैलाश और ओम पर्वत को देखने को उमड़े। जानकारों का मानना है कि पीएम के दौरे से एक नया डेस्टिनेशन तो तैयार हुआ ही है, साथ ही कुमाऊं मंडल के लिए यात्रा को एक नया दृष्टिकोण भी मिल गया। जानकारों का मानना है कि पीएम राजकाज के मोर्चे पर धामी का मनोबल मजबूत कर गए।

दौरे की शुरुआत के लिए पीएम ने पिथौरागढ़ को ही क्यों चुना? इसके धार्मिक, सामरिक ही नहीं सियासी निहितार्थ भी हैं। चीन सीमा के पास आदि कैलाश और ओम पर्वत के दर्शन, पूजा अर्चना, वहां तैनात जवानों के बीच जाना, सीमांत गांवों के लोगों के साथ संवाद करना, हर घटना का अपना संदेश है।

इस यात्रा में एक सियासी संदेश भी छिपा है। मसलन, लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और उससे पहले पिथौरागढ़ के बागेश्वर में विधानसभा का उपचुनाव हो चुका है। प्रचंड बहुमत वाली सरकार के लिए बागेश्वर में जीत का कम अंतर चिंता वाली बात होना लाजिमी है। लोकसभा क्षेत्र के इस सियासी पहाड़ में जो दरारें दिखाई दे रही हैं, पीएम मोदी के जनसंपर्क और जनसभा में उमड़े जनसैलाब ने उन्हें भरने की कोशिश की है।

 

पीएम ने अपने दौरे की जो पटकथा लिखी, उसमें सीएम धामी का किरदार उन्होंने अपने बेहद करीब रखा, बल्कि पूरे दौरे में धामी के मन के अनुरूप भरोसा जताया और संदेश दिया। पीएम की धमक के साथ धामी की धूम साफ नजर आई। जनसभा के मंच पर पीएम मोदी के मुंह से अनायास ही निकला, वाह धामी जी वाह। उनकी पीठ थपथपाकर उन्होंने उत्तराखंड की सियासत को धामी की मजबूती का संदेश साफ कर दिया।

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