‘अगर नया युद्ध हुआ तो भारत का हाल 1962 की लड़ाई से भी बुरा होगा’
वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीक गलवान घाटी में बीते 15 जून को भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों में तनाव अपने चरम पर है। इस बीच बीजिंग में विश्लेषकों ने भारत को धमकी देते हुए कहा कि अगर नए सिरे से फिर युद्ध होता है तो चीन के साथ 1962 के सीमा विवाद के बाद भारत और अधिक अपमानित होगा, यदि वह घर में चीन विरोधी भावना को नियंत्रित नहीं कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (19 जून) को कहा था कि उनकी सरकार ने सशस्त्र बलों को इस बात की पुरी आजादी दी है कि जरूरत पड़ने पर वे कोई भी कार्रवाई कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि सोमवार (15 जून) को गलवान में खूनी झड़प के दौरान भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए और चीनी सेना के 70 से अधिक जख्मी हुए। लद्दाख के गलवान घाटी की घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, “हमारी सीमा में कोई घुसपैठ नहीं हुई है और ना ही अब वहां पर कोई है। हमारी किसी पोस्ट पर कोई कब्जा नहीं हुआ है।”