पिथौरागढ़ – जिलाधिकारी रीना जोशी ने कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में टीएचडीसी, सिंचाई, उप जिलाधिकारी धारचूला आदि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्र ग्वालगांव-एलधारा ट्रीटमेंट कार्यों एवं धारचूला में काली नदी के किनारे चल रहे तटबन्ध निर्माण कार्यों की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये
पिथौरागढ़ – जिलाधिकारी रीना जोशी ने कलेक्ट्रेट स्थित जिलाधिकारी कार्यालय कक्ष में टीएचडीसी, सिंचाई, उप जिलाधिकारी धारचूला आदि संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर धारचूला के आपदा प्रभावित क्षेत्र ग्वालगांव-एलधारा ट्रीटमेंट कार्यों एवं धारचूला में काली नदी के किनारे चल रहे तटबन्ध निर्माण कार्यों की समीक्षा की तथा संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिये।
ग्वालगांव-एलधारा ट्रीटमेंट कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने स्टीमेट तैयार करने वाली कंपनी टीएचडीसी, कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के अधिकारियों एवं उप जिलाधिकारी धारचूला को अगले 2 दिनों के भीतर गवालगांव-एलधारा ट्रीटमेन्ट क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण करने के निर्देश दिये ताकि ट्रीटमेंट डिजाइन में जो संशोधन किया जाना है उसे अंतिम रूप दिया जा सके और कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के अधिकारियों की पूर्व निर्धारित डिजाइन को लेकर जो शंकाएं अथवा प्रश्न है टीएचडीसी के अधिकारियों द्वारा उनका समाधान निकाला जा सके।
जिलाधिकारी ने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्वालगांव- एलधारा ट्रीटमेंट का कार्य तेजी से गुणवत्ता के साथ किया जाय! संवेदनशील हिस्से का कार्य आगामी मानसून काल से पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाय ताकि आगामी मानसून सीजन में किसी प्रकार का नुकसान न होने पाये।
धारचूला में काली नदी के तटबंध निर्माण कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने तटबंध निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश कार्यदायी संस्था सिंचाई विभाग के अधिकारियों को दिये।
जिलाधिकारी ने एसई सिंचाई को निर्देश दिए कि वह नियमित रूप से ग्वालगांव- एलधारा ट्रीटमेंट एवं काली नदी पर तटबंध निर्माण कार्यों की समीक्षा करते रहे ताकि कार्य तेजी से हो सकें।
बैठक में अपर जिलाधिकारी फिंचाराम चौहान, अधिशासी अभियंता सिंचाई फरहान खान, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी भूपेंद्र महर उपस्थित थे। जबकि उप जिलाधिकारी धारचूला दिवेश शाशनी, टीएचडीसी व सिंचाई विभाग के अन्य अधिकारी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े थे।