बेरोजगारों के लिए खुशखबरी, प्रदेश में जल्द होगी कांस्टेबल की भर्ती, तैयारी में जुटा महकमा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों कांस्टेबल के शेष रिक्त पदों पर भी भर्ती जल्द शुरू करने के निर्देश पुलिस विभाग को जारी किए हैं। सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद पुलिस विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।
प्रदेश में जल्द ही 1000 कांस्टेबल की भर्ती की जाएगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ओर से सैद्धांतिक मंजूरी मिलने के बाद पुलिस विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। विभाग जल्द ही भर्ती का प्रस्ताव शासन को भेज देगा। गौरतलब है कि राज्य में कांस्टेबल के 1521 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पहले से गतिमान है।
उत्तराखंड में इस समय कांस्टेबल के 2300 पद रिक्त हैं। इनमें से 1521 पदों को भरने के लिए इसी वर्ष जनवरी में भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। भर्ती में शामिल हुए आवेदकों की शारीरिक दक्षता की जांच की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन पेपर लीक प्रकरण के चलते लिखित परीक्षा अब तक नहीं हो पाई है।
भर्ती जल्द शुरू करने के निर्देश पुलिस विभाग को जारी
विभाग जल्द ही यह परीक्षा कराने की बात कह रहा है। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले दिनों कांस्टेबल के शेष रिक्त पदों पर भी भर्ती जल्द शुरू करने के निर्देश पुलिस विभाग को जारी किए हैं। मुख्यमंत्री के निर्देश के क्रम में विभाग की तरफ से भर्ती के लिए कसरत शुरू कर दी गई है।
कांस्टेबल के 1521 पदों पर भर्ती प्रक्रिया पहले से गतिमान है। मुख्यमंत्री ने इसके अतिरिक्त 1000 पदों पर भी जल्द भर्ती करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इसके लिए जल्द ही प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा।
देयकों से कटौती, शासनादेश के बाद भी नहीं की जारी
सर्वोच्च न्यायालय का स्पष्ट आदेश है कि अगर समूह ग और समूह घ में आने वाले कर्मचारियों की त्रुटिपूर्ण वेतन वृद्धि की गई है तो उसकी रिकवरी किसी भी हाल में सेवाकाल के अंतिम वर्ष या सेवानिवृत्ति के समय न की जाए। लेकिन, राज्य में कई दारोगाओं की सेवानिवृत्ति के दौरान उनके देयकों से यह कहकर लाखों रुपये काट लिए गए कि सेवाकाल में उन्हें त्रुटिपूर्ण वेतन वृद्धि का लाभ मिला है।
हालांकि, पीड़ितों के आपत्ति जताने पर शासन ने काटी गई धनराशि वापस करने का आदेश जारी कर दिया, मगर पुलिस विभाग इस आदेश की अनदेखी कर रहा है। ऐसे में पीड़ित सेवानिवृत्त दारोगा कभी पुलिस मुख्यालय तो कभी शासन में एड़ियां घिसने को मजबूर हैं। उत्तराखंड में वर्ष 2005 में राज्यपाल के आदेश पर 466 हेड कांस्टेबल (विशेष श्रेणी) और 198 दारोगा (विशेष श्रेणी) के ग्रेड पे में बढ़ोतरी की गई थी।