गुलाम कश्मीर की सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने पीएम मोदी से मांगी मदद, वीडियो संदेश में बताया जान को खतरा

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गुलाम कश्मीर की एक सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आश्रय व सुरक्षा की मांग की है। पीड़िता सात वर्षों से न्याय की लड़ाई लड़ रही है और उसे तथा उसके बच्चों को जान का खतरा है। एक भावुक वीडियो संदेश में दुष्कर्म पीड़िता ने कहा, ‘मैं सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता हूं और पिछले सात वर्षों से न्याय की लड़ाई लड़ रही हूं। गुलाम कश्मीर की पुलिस, सरकार व न्यायपालिका मुझे न्याय दिलाने में अक्षम है।’

पीड़िता ने कहा कि, ‘मैं इस वीडियो के जरिये प्रधानमंत्री मोदी से अपील करती हूं कि वे हमें भारत आने की अनुमति दें। मुझे और मेरे बच्चों को जान का खतरा है। स्थानीय पुलिस व एक वरिष्ठ राजनेता मेरी किसी भी समय हत्या करवा सकते हैं। कृपया हमें आश्रय व सुरक्षा प्रदान करें।’ उल्लेखनीय है कि पीड़िता के साथ वर्ष 2015 में छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया था। जब उसने गुलाम कश्मीर के एक शीर्ष पदाधिकारी से मामले की शिकायत की तो यह कहते हुए चुप कराने की कोशिश की गई कि वह एक शादीशुदा महिला है।

अपने पहले के वीडियो में पीड़िता ने पूरी घटनाक्रम का जिक्र किया है। साथ ही उसने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम देने वाले आरोपियों के नाम भी बताए थे। जिनमें हारून राशिद, ममून राशिद, जमील शफी, वकास अशरफ, सनम हारून समेत तीन अन्य के नाम शामिल हैं। पीड़िता ने बताया है कि उसने न्याय के लिए पुलिस से लेकर राजनेताओं से संपर्क किया, लेकिन अभी तक उसे कोई सफलता नहीं मिली है।

गौरतलब है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में कई दुष्कर्म पीड़िताएं और उनके परिवार सार्वजनिक रूप से सामने नहीं आते हैं। साथ ही वो आपराधियों के खिलाफ शिकायत करने से भी घबराते हैं, क्योंकि उन्हें आशंका रहती है कि दुष्कर्म की बात सामने आने पर उनके समाज के लोग अपने बीच से उनका बहिष्कार कर देंगे।

 

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