Uttarakhand Election Result 2022: उत्‍तराखंड विधानसभा चुनाव में अंडर करंट को भांपने में नाकाम रहे तमाम दल

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उत्तराखंड में पांचवीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति मतदाताओं का भरोसा एक बार फिर अंडर करंट की तरह दौड़ा। पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ी कीमतों और कोरोना काल में अव्यवस्था व बेरोजगारों के मुद्दे पर यह लहर भारी पड़ गई। हालत ये रही कि विपक्ष तो दूर की बात, खुद सत्तापक्ष भी इस अंडर करंट का अंदाजा नहीं लगा सका।

प्रदेश में मतदान से पहले 45 दिन तक चली चुनाव प्रक्रिया में भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम दलों ने मतदाताओं को लुभाने के लिए ताकत झोंकी। सत्ता अदला-बदली के मिथक को बरकरार रखने के लिए कांग्रेस ने लुभावने वायदों की झड़ी लगा दी। हर वर्ग को लुभाने के लिए पार्टी ने गुलाबी घोषणाओं का दांव भी चला। साथ में कांग्रेस को बड़ा आसरा एंटी इनकंबेंसी का था। पिछले लंबे समय से एंटी इनकंबेंसी को उभारने के लिए पार्टी ने रणनीति के साथ कदम आगे बढ़ाए। इस बीच लगातार मुख्यमंत्री बदले जाने से कांग्रेस को सरकार और सत्तारूढ़ दल पर हावी होने का मौका मिल गया।

कांग्रेस ने अपनी चुनावी रणनीति को इन्हीं बिंदुओं के इर्द-गिर्द रखा। रणनीति को धार देने के लिए पार्टी ने केंद्र में मौजूद अपने दिग्गज नेताओं और प्रवक्ताओं को भी उतारा। इसके जवाब में भाजपा ने चुनाव में मोदी के चेहरे को आगे किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तराखंड से लगातार अपने गहरे जुड़ाव को प्रदर्शित करते रहे हैं। चुनाव प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही बीते वर्ष लगातार तीन महीने मोदी ने उत्तराखंड के दौरे किए।
भाजपा और मोदी की यही रणनीति कांग्रेस के हमलों की प्रभावी काट साबित हुई। कोरोना का खतरा कम होने के बाद पाबंदी हटते ही मोदी ने रुद्रपुर और अल्मोड़ा में जनसभाएं कीं। आखिरी वक्त पर भाजपा के पक्ष में बना यह अंडर करंट निर्णायक साबित हुआ। 14 फरवरी को मतदान के दिन तक किसी भी दल को इसकी थाह नहीं मिली।

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