115 दिन के सीएम रहे तीरथ सिंह रावत, यहां पढ़ें प्रदेश में अब तक रहे मुख्यमंत्रियों की सूची
उत्तराखंड राज्य की स्थापना के 20 साल पूरे हो चुके हैं। इन बीस सालों में राज्य में सीएम के दस चेहरे रहे। उत्तराखंड में बीते तीन दिनों से चले आ रहे कयासों पर शुक्रवार रात को विराम लग गया। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने राज्यपाल बेबीरानी मौर्य को इस्तीफा सौंप दिया।
अब तक उत्तराखंड को मिले मुख्यमंत्रियों में से कुछ ऐसे नाम भी हैं जो एक से ज्यादा बार मुख्यमंत्री बन चुके हैं। इनमें भुवन चंद्र खंडूरी और हरीश रावत का नाम शामिल है। वहीं शुक्रवार को तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे के बाद उत्तराखंड में नए सीएम के तौर पर सतपाल महाराज, रेखा खंडूरी, पुष्कर सिंह धामी और धन सिंह रावत शामिल हैं।
बहरहाल अब देखना ये है कि उत्तराखंड का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। उत्तराखंड के इतिहास में सिर्फ नारायण दत्त तिवारी ही ऐसे मुख्यमंत्री रहे, जिन्होंने अपना पूरा कार्यकाल बगैर किसी परेशानी के पूरा किया।
बता दें, सीएम रावत बीते तीन दिनों से दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। उन्होंने गत 24 घंटों में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से दो बार मुलाकात की थी। इसके बाद सरगर्मी तेज हो गई थी।
सबसे पहले 09 नवंबर 2000 को नित्यानंद स्वामी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बने। नित्यानंद स्वामी ने अपना कार्यकाल 29 नवंबर 2001 तक ही पूरा किया।
उसके बाद 30 अक्तूबर 2001 को भगत सिंह कोश्यारी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया। वे 01 मार्च 2002 तक सीएम रहे।
उसके बाद स्व. नारायण दत्त तिवारी दो मार्च 2002 से सात मार्च 2007 तक उत्तराखंड के मुख्यमंत्री रहे। 08 मार्च 2007 को उत्तराखंड में भारतीय जनता पार्टी की ओर से भुवन चंद्र खंडूरी को मुख्यमंत्री बनाया गया।
उसके बाद 24 जून 2009 को भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व ने खंडूरी की जगह पर रमेश पोखरियाल को मुख्यमंत्री बनाया। वे 10 सितंबर 2011 तक सीएम रहे। इसके बाद 11 सितंबर 2011 को उनकी जगह पर वापस भुवन चंद्र खंडूरी को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बना दिया गया। खंडूरी का यह कार्यकाल महज छह महीने का ही रहा।
इसके बाद 13 मार्च 2012 में कांग्रेस ने कद्दावर नेता विजय बहुगुणा को उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया गया। वे 31 जनवरी 2014 तक सीएम रहे।
1 फरवरी 2014 को कांग्रेस नेता हरीश रावत को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई। दो साल दो महीने तक मुख्यमंत्री बने रहने के बाद उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। 25 दिन के राष्ट्रपति शासन के बाद 21 अप्रैल 2016 को एक बार फिर हरीश रावत महज एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बने। उसके बाद 19 दिन का राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। तमाम राजनीतिक उठापटक के बाद हरीश रावत 11 मई 2016 से 18 मार्च 2017 तक फिर मुख्यमंत्री बने।
हरीश रावत के बाद 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री बने। जिन्होंने गैरसैंण को उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी और तीसरे मंडल के रूप में नई पहचान दी। 09 मार्च 2021 को उन्होंने इस्तीफा दे दिया और 10 मार्च 2021 को सांसद तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का नया मुखिया बनाया गया था।