ऋषिकेश में मजाक बना पोलियो प्रतिरक्षण अभियान, 70 में से 11 बूथों में लावारिस पड़े रहे बाक्स
राष्ट्रीय महत्व के पोलियो प्रतिरक्षण अभियान के प्रति एसपीएस राजकीय चिकित्सालय प्रशासन की लापरवाही नौनिहालों पर भारी पड़ सकती है। ऋषिकेश में यह अभियान रविवार को मजाक बनकर रह गया। यहां के 70 बूथों में बच्चों को पोलियो की खुराक दी जानी थी। 11 बूथ ऐसे थे जहां पूरे दिन धूप में ड्राप बाक्स लावारिस पड़े रहे। इन सबके बावजूद महानिदेशक और सीएमओ कार्यालय को जो रिपोर्ट भेजी गई उसमें 68 बूथों पर अभियान का सफलतापूर्वक संचालन दिखा दिया गया।
राजकीय चिकित्सालय प्रशासन ने राष्ट्रीय महत्व के पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान को मजाक बना दिया है। देश के नौनिहालों के भविष्य और स्वास्थ्य से जुड़े इस महत्वपूर्ण अभियान को लेकर घोर लापरवाही सामने आई है। ऋषिकेश में बीती 31 जनवरी को यह अभियान चलाया गया था। इस रविवार को यहां अभियान चलाया गया। लापरवाही देखिए 31 जनवरी को जिन 70 बूथों पर आशा, आंगनबाड़ी और एनजीओ सहित 14 सुपरवाइजर की ड्यूटी लगाई गई थी। उसी सूची को फिर से लागू कर दिया गया। यह देखने की कोशिश तक नहीं की गई कि इनमें कितने लोग सेवानिवृत्त हुए हैं, कितने लोग उपस्थित हैं।
बड़ी बात यह है कि रविवार को आयोजित अभियान में कोई एनजीओ शामिल नहीं था, मगर सरकारी लिस्ट में कई बूथ में एनजीओ की तैनाती दिखाई गई है। राजकीय चिकित्सालय के अंतर्गत साठ आशा और 35 आंगनबाड़ी कार्यरत हैं। प्रत्येक बूथ पर दो सदस्यों की ड्यूटी कागजों में दिखाई गई है।
दैनिक जागरण में रविवार को स्वयं शहर के प्रमुख 11 बूथों पर पल्स पोलियो अभियान की हकीकत जानने की कोशिश की। शुरुआत की गई इंद्रमणि बडोनी चौक से, यहां दो बाक्स लावारिस रखे थे। इसके बाद पर्वतीय रूट बस अड्डा और रोडवेज बस अड्डा दोनों बूथों पर बाक्स धूप में लावारिस पड़े थे। इसके बाद लक्ष्मण झूला रोड नागलिया पंप पर देखा गया तो वहां भी कोई नजर नहीं आया। यही स्थिति घाट चौराहा, घाट तिराहा, त्रिवेणी घाट, डाक्टर कालोनी में भी नजर आई।
मसूरी में 2358 नौनिहालों ने पी पोलियो की खुराक
मसूरी और आसपास के क्षेत्र में बनाए गए 51 बूथों पर जीरो से पांच साल के 2358 बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई। उपजिला चिकित्सालय के डा. प्रदीप राणा ने बताया कि पल्स पोलियो अभियान में रोटरी क्लब मसूरी सहित अन्य संस्थाओं का भी सहयोग लिया जा रहा है। रविवार को स्वास्थ्य महानिदेशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने कई बूथों का निरीक्षण किया। सोमवार से ट्रांजिट टीम घर-घर जाकर बच्चों को पोलियो की खुराक पिलाएंगी। अभियान सप्ताह भर चलेगा।
उपयोग में नहीं है सीएमएस का सरकारी नंबर
इस पूरे मामले में एसपीएस राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. विजयेश भारद्वाज से जब उनके सरकारी नंबर 9412055088 पर बात करने की कोशिश की गई तो जवाब मिला कि यह नंबर उपयोग में नहीं है। एएनएम नीलम मधुकर ने बताया कि 6299 बच्चों को लक्ष्य रखा गया था। जिसमें 4873 बच्चों को खुराक पिलाई गई 70 में 68 बूथों पर 293 वाइल की खपत हुई।
चिराग तले अंधेरा
जिन 70 बूथों में रविवार को पोलियो ड्राप पिलाई जानी थी उनमें एक बूथ वीआइपी माना जाता है। कारण यह है कि यहां राजकीय चिकित्सालय के समस्त चिकित्सक और स्वयं मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. विजयेश भारद्वाज रहते हैं। इस कालोनी के मुख्य गेट के बगल में पोलियो ड्राप बाक्स पूरे दिन लावारिस पड़ा रहा। मगर किसी ने भी यह जानने की कोशिश नहीं की कि ऐसा क्यों हो रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. मनोज उप्रेती ने कहा पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान अपने आप में महत्वपूर्ण है। यदि इस अभियान के प्रति राजकीय चिकित्सालय प्रशासन ने किसी तरह की लापरवाही बरती है तो इस पर जांच कर संबंधित का जवाब-तलब किया जाएगा। हनी बूथों सहित डाक्टर्स कालोनी के बाहर पोलियो ड्राप बाक्स का लावारिस पड़ा होना गंभीर मामला है।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य महानिदशक डा. तृप्ति बहुगुणा ने बताया कि एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में पल्स पोलियो प्रतिरक्षण अभियान को लेकर यदि लापरवाही बढ़ती जा रही है तो इसे लेकर सीएमओ देहरादून को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जा रहा है। राष्ट्रहित के किसी भी अभियान के प्रति लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।