दक्षिण अफ्रीका कर रहा महामारी की तीसरी लहर का सामना, डेल्‍टा वैरिएंट बना इसकी बड़ी वजह

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दक्षिण अफ्रीका के वरिष्‍ठ वैज्ञानिक और क्‍वाजूलू नताल रिसर्च इनोवेशन एंड सिंक्‍वेंसिंग प्‍लेटफॉर्म (KRISP)के डायरेक्‍टर तुलियो डे ओलिवेरा ने देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर की बड़ी वजह डेल्‍टा वैरिएंट को बताया है। उनका कहना है कि कोरोना वायरस के इस वेरिएंट ने देश में आई तीसरी लहर में सबसे बड़ी भूमिका निभाई है।

आईएएनएस ने शिन्‍हुआ एजेंसी के हवाले से बताया है कि एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरन ओलिवेरा ने बताया कि देश में तीसरी लहर के दौरान सामने आने वाले मामलों में अधिकतर इसी वैरिएंट का हाथ रहा है। इसके मुताबिक तीसरी लहर में देश में संक्रमण की रफ्तार और मामलों ने नया रिकॉर्ड बनाया है।

आपको बता दें कि डेल्‍टा वैरिएंट का पहला मामला भारत में सामने आया था। पूरी दुनिया में अब तक इसके कई मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच इस वैरिएंट के म्‍यूटेशन से बने डेल्‍टा प्‍लस AY.1 वैरिएंट को भी काफी घातक बताया जा रहा है। भारत में इस नए वैरिएंट के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। कुछ जगहों पर इसकी वजह से मरीजों की मौत भी हुई है।

ओलिवेरी के मुताबिक भारत के बाद दक्षिण अफ्रीका में भी इसकी वजह से नए मामलों में रफ्तार देखने केा मिली है। उन्‍होंने हालिया आंकड़ों के आधार पर ये भी बताया है कि केजेडएन ये एक कम्‍यूनिटी ट्रांसमिशन में बदल गया है। उन्‍होंने ये भी बताया कि ये बीटा वैरिएंट से कहीं अधिक तेजी से फैलता है। इस वजह से देश महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है।

कार्यवाहक स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री मामोलोको कूबी ने प्रेस को दी जानकारी में बताया है कि वो लगातार इस दौरान बढ़ते मामलों पर निगाह रखे हुए हैं। उनके मुताबिक गुटेंग जहां पर लगातार मामले बढ़ रहे है इसका एक केंद्र बन सकता है। कूबी के मुताबिक बीते 24 घंटों के दौरान देश में 18762 नए मामले सामने आए हैा। यहां पर वहीं गुटेंग में 11777 नए मामले सामने आए हैं।

उनका ये भी कहना है कि हो सकता है कि यही इस तीसरी लहर का चरम बिंदु हो। जनवरी में आई दूसरी लहर दौरान यहां पर सर्वाधिक 21 हजार मामले सामने आए थे। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री के मुताबिक उन्‍हें अस्‍पतालों पर बढ़ते बोझ की काफी हो रही है। गौरतलब है कि दक्षिण अफ्रीका में कुल 1,913,861 मामले अब तक सामने आ चुके हैं और 59778 मरीजों की मौत हो चुकी है।

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