अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में नई रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी भाजपा

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अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में भी प्रचंड बहुमत का दावा कर रही भाजपा इस मर्तबा चुनाव मैदान में नई रणनीति के साथ उतरेगी। इसके तहत विपक्ष की ओर से कोराना संक्रमण और वैक्सीनेशन को लेकर उठाए जा रहे सवालों के मद्देनजर पार्टीजनों को केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से लिए गए फैसलों की जानकारी से लैस किया जाएगा। इसके साथ ही ‘बूथ जीता-चुनाव जीता’ के मूलमंत्र को और अधिक कारगर बनाने के साथ ही अन्य कई बिंदुओं पर भी मंथन चल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष की मौजूदगी में 27 से 29 जून तक अल्मोड़ा में होने वाले चिंतन शिविर में चुनावी रणनीति पर मुहर लगने की संभावना है।

भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव बड़ी परीक्षा से कम नहीं है। पार्टी के सामने वर्ष 2017 जैसा प्रचंड बहुमत फिर से हासिल करने की चुनौती है। तब भाजपा ने राज्य विधानसभा की 70 में से 57 सीटों पर कब्जा जमाया था। प्रदेश के इतिहास में यह पहला मौका था, जब किसी दल को इतना प्रचंड बहुमत मिला। हालांकि, अब परिस्थितियां बदली हैं। सरकार और प्रदेश भाजपा संगठन में नेतृत्व परिवर्तन के बाद मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक के सामने खुद को साबित करने की भी चुनौती है।

ये बात अलग है कि प्रदेश में भाजपा वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों से लगातार विजय रथ पर सवार है। तब से अब तक के प्रत्येक चुनाव में उसने अपना परचम फहराया है। इस सबको देखते हुए पार्टी का दावा है कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में भी वह 2017 जैसा ही प्रदर्शन दोहराएगी। हालांकि, इस बीच विपक्ष की ओर से कोरोना संक्रमण की रोकथाम और वैक्सीनेशन को लेकर लगातार लगातार केंद्र व राज्य सरकार पर अंगुली उठाई जा रही है। साथ ही अर्थव्यवस्था की खराब हालत, महंगाई, बेरोजगारी जैसे तमाम मुद्दों पर भी विपक्ष ने भाजपा ने घेरने की रणनीति बनाई है।

इसे देखते हुए विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा भाजपा नेतृत्व भी चौकन्ना हो गया है। चुनाव के लिए बदली परिस्थितियों के अनुरूप रणनीति तैयार की जा रही है। पार्टी सूत्रों के अनुसार हाल में ही पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में केंद्र की ओर से कोरोना की रोकथाम व वैक्सीनेशन को लेकर उठाए गए कदमों की विस्तार से जानकारी दी। साथ ही आम कार्यकर्त्‍ताओं को भी इस जानकारी से लैस करने को कदम उठाने के निर्देश दिए गए। इसके लिए पार्टी प्रदेश व जिला स्तर पर संयोजकों की नियुक्ति करेगी।

भाजपा सूत्रों ने बताया कि बूथ स्तर तक पार्टी संगठन की इकाइयां अस्तित्व में हैं। बूथ इकाइयों को अधिक सक्रिय करने के मद्देनजर पार्टी के प्रांतीय पदाधिकारियों, मंत्रियों व विधायकों को जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। पन्ना प्रमुखों की नियुक्ति की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया जा रहा है। केंद्र व राज्य सरकारों की उपलब्धियों को जन-जन तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया की मदद ली जाएगी। साथ ही बूथ स्तर पर भी कार्यक्रमों के आयोजन को जिम्मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। विस चुनाव के मद्देनजर होने वाली चिंतन बैठक में इन सभी विषयों पर विमर्श कर मुहर लगेगी।

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