टकराव से बचने की जरूरत:मोदी

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद कोविड टीकाकरण की तारीख तय कर दी गई है। विस्तृत समीक्षा के बाद निर्णय लिया गया कि लोहड़ीॉ मकर संक्रांतिॉ पोंगलॉ माघॉ बिहू आदि सहित आगामी त्यौहारों को देखते हुए कोविडदृ१९ टीकाकरण १६ जनवरी २०२१ से शुरू किया जाएगा। ‘जब तक दवाई नहींॉ तब तक ढिलाई नहींश् नियम का पालन करके भारत ने काफी हद तक कोरोना वायरस पर काबू पा लिया है। हालांकिॉ इस वायरस पर तब तक पूरी तरह से जीत हासिल नहीं की जा सकती जब तक सभी लोगों का टीकाकरण न हो जाए। सरकार इसके लिए प्रतिबद्ध है। निश्चित रूप से टीकाकरण की खबर उम्मीद बढ़ाने वाली है। हालांकि इस बीच बकाया वेतन को लेकर राजधानी दिल्ली के तीनों निगमों में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू होने की खबरें भी सामने आई हैं। चिंताजनक बात यह है कि इस हड़ताल में टीकाकरण अभियान में कार्य करने वाले स्वास्थ्यकर्मी भी शामिल हैं। इतना ही नहींॉ हड़ताल पर जाने वालों में सफाई कर्मचारियों के साथदृसाथ शिक्षक और निगम कार्यालयों में काम करने वाले कर्मी भी शामिल हैं। कोरोना से लड़ाई के इस अहम पड़ाव पर टकराव की ऐसी खबरें चिंताजनक है। ऐसे में सरकार और प्रशासन को चाहिए कि उनकी जायज मांगों को गंभीरतापूर्वक सुनें और उनकी समस्याओं का निराकरण करें। दरअसलॉ हमें समझना होगा कि ये ऐसे योद्धा हैंॉ जो कोरोना वायरस से लड़ाई में अग्रिम मोर्चों पर तैनात रहे हैं। जान की परवाह किए बगैर इन्होंने दिनदृरात काम किया है। कोरोना मरीजों की सेवा की है। और उनकी जान बचाई है। बावजूद इसके उन्हें समय पर वेतन नहीं मिलता है तो संबद्ध विभाग को इस समस्या का तत्काल समाधान ढूंढ़ना चाहिए। ऐसा नहीं है कि दिल्ली के तीनों निगमों में पहली बार ऐसी स्थिति आई है। पहले भी टकराव की ऐसी स्थिति बनी हैंॉ जिनके कारण कर्मचारी हड़ताल पर गए। देश के अन्य हिस्सों से भी ऐसी खबरें सामने आती रही हैंॉ जिनमें बताया गया है कि आवश्यक सेवा में लगे कर्मचारीॉ समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण हड़ताल पर चले गए हैं। हाल में एम्सॉ दिल्ली में भी स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर चले गए थेघ्। दरअसलॉ हमें समझना होगा कि चिकित्सा अति आवश्यक सेवा में आती है। स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों को हम कभी अनदेखा नहीं कर सकते। हर इंसान के जीवन में स्वास्थ्य पहली प्राथमिकता होती है। ऐसे में स्वास्थ्य सेवा से जुड़े कर्मचारियों के जीवन से जुड़ी आवश्यकताओं पर भी ध्यान दिया जाना आवश्यक है। अगर ऐसा नहीं होगा तो टकराव की स्थिति बनेगी ही और कर्मचारी हड़ताल पर भी चले जाएंगे। इससे हालत सुधरने के बजाय बिगड़ेगी ही। ऐसे में संबद्ध विभाग को हालात को बिगड़ने से बचाने और स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास करना चाहिएघ्। कोरोना वायरस के कारण देश में सिर्फ स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या ही सामने नहीं आई हैॉ बल्कि इस वायरस के कारण देश को कई अन्य समस्याओं का भी सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में चिकित्सा और सेवा से जुड़े कर्मचारियों को भी चाहिए कि वे वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखें। ऐसे में कर्मचारियों को अडिघ्यल रवैया छोड़ना चाहिए और सहानुभूतिपूर्वक दूसरे पक्ष की बात भी सुननी चाहिए। कोविडदृ१९ टीकाकरण के अभियान में लगभग तीन करोड़ स्वास्थ्यकद्दमयों और अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियोंॉ उसके बाद पचास वर्ष से अधिक आयु के लोगों और सहदृरु ग्णता वाले पचास वर्ष से कम आयु के जनसंख्या समूहों को प्राथमिकता दी जाएगी। सहदृरु ग्णता वाले पचास वर्ष से कम आयु के जनसंख्या समूहों की संख्या लगभग सत्ताइस करोड़ है। कहना न होगा कि यह टीका रोग से बचाव और प्रतिरोधक क्षमता को मजूबती देगाघ्। कोरोना वायरस पर हमें जीत हासिल करना ही है। इसके लिए ‘कड़ाईश् की जरूरत हैॉ और यह ‘कड़ाईश् तभी संभव है जब टीकाकरण का काम सफलतापूर्वक पूरा हो जाए। ऐसे में चिकित्सा और आवश्यक सेवा सहित इस काम में लगे कर्मचारियों और व्यवस्थापकों को चाहिए कि जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता तब तक टकराव की स्थिति से बच कर रहें।
अगर टकराव से बचेंगे और एकजुट होंगे तो निश्चित रूप से हम कोरोना वायरस की इस कठिन चुनौती को पार कर जाएंगे।

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