गाजियाबाद : पत्रकार विक्रम जोशी के हत्या
गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या से लोगों में आक्रोश है। एक तरफ पुलिस की कार्यशैली पर तमाम सवाल उठाए जा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर हत्यारोपियों को फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है। इसी बीच मुख्य आरोपी रवि के बारे में तमाम हैरान करने वाले खुलासे सामने आए हैं। पता चला है कि पुलिस के दम पर हत्यारोपी व गैंग का सरगना रवि माफियागिरी करता था।
उसके घर पर पुलिस का आना-जाना था। इससे लोगों में डर था कि उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी। दोस्ती की वजह से पुलिस रवि पर हाथ नहीं डालती थी। रवि के साथ 10 से 20 लोगों का गैंग रहता था। पिछले डेढ़ साल में उसने प्रताप विहार में डॉन जैसी पहचान बना ली थी। जो भी उसके खिलाफ बोलता था, उसे घर के अंदर घुसकर तब तक मारता था जब तक पीड़ित हाथ जोड़कर माफी न मांग ले।
डर से कई परिवार विजयनगर प्रताप विहार से मकान बेचकर चले गए थे। विक्रम जोशी ने रवि को समझाने की कोशिश की थी, लेकिन वह नहीं माना और उसकी हरकतें लगातार बढ़ती रहीं। विरोध बढ़ा तो रवि ने विक्रम को ही ठिकाने लगाने की योजना बना ली। विक्रम की भांजी के जन्मदिन वाले दिन ही उसने हमला कर दिया। प्रताप विहार निवासी रवि को डॉन या दादा कहलवाना पसंद था।
रवि के दाएं हाथ के तौर पर शहनूर उर्फ छोटू और बाएं हाथ के तौर पर आकाश बिहारी काम करता था। छोटू ने ही विक्रम के सिर में गोली मारी थी। लोगों ने बताया कि रवि पूरे दिन मोहल्ले में घूमता रहता था। लड़कियों से छेड़छाड़ करता था, जो भी विरोध करता था, उसे पीट देता था। उसकी दबंगई के कारण कोई भी उससे बोलता नहीं था। धीरे-धीरे लोगों में उसका डर बैठना शुरू हो गया।
रवि के घर पुलिस का आना-जाना होने से इलाके का कोई भी व्यक्ति उससे कुछ बोलता नहीं था। सबको लगता था कि थाने में शिकायत करेंगे तो उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन यह बाद में एक-एक करके सबको मारेगा। महिलाओं ने बताया कि मारपीट के दौरान यदि कोई अपने घर से बाहर निकलता था तो रवि उसे भी भुगतने की धमकी देता था। इसलिए कोई किसी को बचाने नहीं आता था। लोगों का आरोप है कि पुलिस का उसे और उसके पिता को पूरा संरक्षण था।
प्रताप विहार से नंदग्राम तक था नेटवर्क
महिलाओं ने बताया कि रवि का खौफ सबसे ज्यादा विजयनगर और प्रताप विहार में था लेकिन उसका नेटवर्क नंदग्राम तक फैला था। जब वह मोहल्ले या आसपास किसी के साथ मारपीट करता था तो नंदग्राम से काफी लड़के आते थे। लड़के रवि के एक इशारे पर किसी को भी पीट देते थे। बाइक से पूरे दिन गलियों में चक्कर भी लगाते रहते थे। प्रताप विहार नंदग्राम के लड़के हर समय उसके साथ रहते थे। बताया गया कि रवि के पिता का शीशे का काम है। वह अच्छी कमाई करते हैं। इस कारण वह लड़कों के खाने-पीने पर खर्च करता रहता था।
छोटी-छोटी बात पर निकाल लेता था तंमचा-चाकू
लोगों ने बताया कि रवि के पास कई तमंचे और चाकू रहते थे। जब भी कोई कुछ बोलता था, वह सबसे पहले घर भागकर जाता था और वहां से चाकू तमंचे निकालकर लाता था। उसके बाद लोगों की पिटाई करता था। सनकीपने की वजह से कोई भी उसके सामने नहीं पड़ता था।
रवि के डर के कारण मकान बेचकर चले गए परिवार
मोहल्ले के लोगों ने बताया कि रवि कई लोगों के साथ आए दिन मारपीट करता था। उसके खिलाफ थाने और चौकी में शिकायत की गई थी लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
मोहल्ले में रहने वाले तीन लोग तो मकान बेचकर दूसरी जगह रहने लगे। किराए पर रहने वाले आधा दर्जन से अधिक लोग उसके कारण ही मोहल्ला छोड़कर चले गए। कहा कि वह मारपीट के दौरान सबको यहां से भागने के लिए बोलता था।
विक्रम पर नहीं चला जोर तो रास्ते से हटाने की बना ली योजना
स्थानीय निवासियों ने बताया कि विक्रम जोशी पत्रकार थे, इसलिए रवि का उन पर जोर नहीं चला तो उसने उन्हें रास्ते से हटाने की योजना बना ली। जिस समय वारदात को अंजाम दिया, उस समय विक्रम की बहन के घर से लेकर घटनास्थल तक चार से पांच लोग रेकी कर रहे थे और बाकी 8 से 10 लोग घटनास्थल पर मौजूद थे। जहां उन्हें गोली मारी गई।