राज्य के 11 जिलों में मिले भू-कानून उल्लंघन के मामले, अब धामी सरकार करेगी सख्त कार्यवाही
सीएम धामी ने अपनाया था कड़ा रुख
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में भूमि की खरीद-बिक्री में मनमानी और भू-कानून के उल्लंघन की शिकायतों पर कड़ा रुख अपनाया था। उनके निर्देश पर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सभी जिलों से गत माह एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा था।
मुख्य सचिव ने गत सोमवार को सभी जिलाधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की थी। बैठक में बताया गया था कि शासन को 13 में से 11 जिलों की रिपोर्ट मिल गई। नौ जिलों देहरादून, पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर एवं ऊधम सिंह नगर में भू-कानून के उल्लंघन के मामले सामने आए हैं। इनमें से कुछ प्रकरणों में जिला स्तर पर वाद संस्तुत कर कार्यवाही की गई।
इन दो जिलों में नहीं सामने आए कानून के दुरुपयोग के मामले
दो जिलों रुद्रप्रयाग एवं चंपावत में भूमि की खरीद-बिक्री में कानून के दुरुपयोग का कोई प्रकरण सामने नहीं आया है।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को उत्तराखंड (उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश और भूमि व्यवस्था अधिनियम, 1950) (अनुकूलन एवं उपांतरण आदेश, 2001) अधिनियम की धारा 166/167 के अंतर्गत मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हैं। दो जिलों हरिद्वार एवं नैनीताल को मुख्य सचिव ने 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए थे। दोनों जिलों हरिद्वार और नैनीताल ने राजस्व परिषद को रिपोर्ट सौंप दी है। दोनों जिलों में भू-कानून के उल्लंघन के मामले मिले हैं।
राजस्व परिषद अध्यक्ष आनंद बर्द्धन ने रिपोर्ट मिलने की पुष्ट की। जिलों ने अपनी रिपोर्ट में भू-कानून के उल्लंघन के कुछ प्रकरणों पर नोटिस भेजने की जानकारी दी है। ऐसे प्रकरण 140 से अधिक हो सकते हैं। बताया गया कि राजस्व परिषद की ओर से गुरुवार को शासन को भू-कानून के उल्लंघन के संबंध में दो जिलों हरिद्वार व नैनीताल के साथ अन्य जिलों से आई अपडेट रिपोर्ट सौंपी जा सकती है