पांच साल बाद अपने गांव पहुंचे योगी आदित्यनाथ तो गलियों में टहलने निकल पड़े, बचपन आया याद

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उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच वर्ष बाद अपने गांव पहुंचे हैं। गांव पहुंच कर वह अपनी पुरानी यादों में खो गए घर में परिवार के सदस्यों के साथ मुलाकात के बाद योगी आदित्यनाथ गांव की उन गलियों में जाना नहीं भूले जहां उन्होंने अपने बचपन के दिन बिताए थे। उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम को लेकर गांव में सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद की गई थी।

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मुख्य मार्ग से पंचूर गांव के लिए जाने वाले मार्ग पर सिर्फ ग्रामीणों तथा विशिष्ट व्यक्तियों को ही जाने की अनुमति थी। यही वजह रही कि गांव में मीडिया तथा अन्य व्यक्ति नहीं पहुंच पाए। योगी आदित्यनाथ पारिवारिक कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद ग्रामीणों तथा अतिथियों के साथ बैठे रहे। कुछ समय बाद वह कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत व कुछ अन्य व्यक्तियों साथ गांव के भ्रमण पर निकले। उन्होंने आसपास के घरों में जाकर ग्रामीणों से मुलाकात की और उनके हाल जाने। इस दौरान योगी अपने बचपन की यादों में खो गए।

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पांच साल बाद योगी आदित्यनाथ आए अपने गांव

योगी आदित्यनाथ पांच वर्ष पूर्व 11 फरवरी 2017 को विधानसभा चुनाव के दौरान अपने गांव पंचूर आए थे, अब पांच साल बाद वह दोबारा गांव लौटे हैं। उस वक्त उन्होंने गांव में ही प्रवास किया था। जबकि इस बार उनका दो दिन गांव में प्रवास का कार्यक्रम है। योगी के भाई महेंद्र बिष्ट ने बताया कि ने बताया कि घर में उनके लिए एक कक्ष सुरक्षित रखा गया है। हालांकि संन्यास लेने के बाद वह बहुत कम बार ही अपने घर आए हैं।

भाई से मिलकर भावुक हुई बहनें और स्वजन

योगी आदित्यनाथ संन्यास ले चुके हैं और आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। मगर, उनका परिवार आज भी उन्हें रह-रहकर याद करता है। मंगलवार को लंबे समय बाद योगी आदित्यनाथ अपने गांव पहुंचे तो उनसे मिलने के लिए उनके भई-बहन तथा अन्य स्वजन लालायित थे। उनकी बहने पुष्पा, कौशल्या व शशि पयाल अपने परिवार के साथ यहां पहुंचे थे। जबकि उनके भाई मानवेंद्र बिष्ट, शैलेंद्र बिष्ट तथा महेंद्र बिष्ट भी पूरे परिवार के साथ घर पर मौजूद थे। योगी आदित्यनाथ ने सभी के साथ मुलाकात कर फोटो खिंचवाई। सबके साथ बैठकर बातचीत की। भाई से मिलने के बाद सभी की चेहरे पर खुशी थी।

बुलडोजर बाबा नाम सुनकर मुस्करा उठे योगी आदित्यनाथ

महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय में कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सहित कई नेताओं ने अपने संबोधन में योगी आदित्यनाथ को बुलडोजर बाबा व बुलडोजर मैन के नाम से संबोधित किया। इस संबोधन को सुनकर पूरा पंडाल तालियों से भुज उठा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मुस्कुराए बिना नहीं रह सके। जब योगी आदित्यनाथ का संबोधन शुरू हुआ तो उन्होंने भी अपने सख्त मिजाज को बुलडोजर से जोड़ा।

धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देकर ला सकते हैं समृद्धि: योगी

योगी आदित्यनाथ ने उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्र में रहे पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए पलायन को रोकने के लिए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कही। कहा कि उत्तराखंड में नैसर्गिक सौंदर्य की कमी नहीं है। यहां चार धाम और कई अन्य धार्मिक स्थल श्रद्धालुओं को आकर्षित करने वाले हैं। इसलिए उत्तराखंड में पर्यटन और तीर्थाटन पलायन को रोकने में सक्षम साबित हो सकते हैं।

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उन्होंने कहा कि अयोध्या में भगवान श्री राम का मंदिर का निर्माण जारी है। मंदिर का निर्माण पूर्ण होने के बाद यहां डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु प्रतिदिन दर्शन व पूजन के लिए पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि जब तीर्थयात्री तीर्थों में आते हैं तो वह सिर्फ भगवान के दर्शन नहीं करते, बल्कि उस पूरे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को कुछ ना कुछ देकर जाते हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तराखंड व उत्तर प्रदेश दोनों मिलकर विकास के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर सकते हैं।

कुल देवता के मंदिर में किया मूर्ति का अनावरण

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने पैतृक गांव पहुंचने से पूर्व गांव में कुल देवता के मंदिर में स्थापित विष्णु भगवान की नई मूर्ति का अनावरण भी किया।मंगलवार को जब योगी आदित्यनाथ अपने पैतृक गांव पंचूर पहुंचे तो वह अपने पैतृक आवास में जाने से पहले गांव के ऊपर पैदल दूरी पर मौजूद कुल देवता के मंदिर में पहुंचे। यहां उन्होंने विष्णु भगवान की मूर्ति का अनावरण किया। मूर्ति अनावरण के समय उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंंहधामी सहित अन्य लोग ही मौजूद थे। व्यवस्था संभाल रहे धर्मेंद्र सिंंह नेगी व सुशील पयाल ने बताया कि यह मंदिर गांव का पुराना मंदिर है, जिसकी पूजा ग्राम देवता व कुल देवता के रूप में की जाती है।

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मुख्यमंत्री धामी की फ्लीट छूट गई पीछे

योगी आदित्यनाथ जब महायोगी गुरु गोरखनाथ राजकीय महाविद्यालय बिध्याणी से अपने पत्र गांव पंचूर के लिए निकले तो उनकी फ्लीट और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की फ्लीट में बड़ा अंतर हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जब पंचूर गांव पहुंचे तो उन्होंने उतरने के बाद मुख्यमंत्री धामी की खोज की। पता चला कि धामी की फ्लीट यहां पहुंची ही नहीं थी। जिसके बाद अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन- फानन में धामी को रिसीव करने के लिए फ्लीट भेजी गई। जिसके करीब 10 मिनट बाद मुख्यमंत्री धामी पंचूर गांव पहुंच पाए।

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