उत्तराखंड छात्रवृत्ति घोटाला: हरिद्वार के पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर गिरफ्तार
ऊधमसिंह नगर जिले के 13 थानों में यूपी और अन्य राज्यों के 60 शैक्षिक संस्थान और 70 दलालों के खिलाफ छात्रवृत्ति घोटाले के मुकदमे दर्ज हैं। शैक्षिक संस्थानों ने एससी, एसटी और ओबीसी के तीन हजार विद्यार्थियों के नाम पर 14 करोड़ रुपये डकार लिए थे।
स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) ने छात्रवृत्ति घोटाले में हरिद्वार के पूर्व जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर को गिरफ्तार कर लिया है। एसआईटी से जुड़े 55 मुकदमों में अनुराग शंखधर का नाम है। इससे पहले भी शंखधर को एसआईटी ने गिरफ्तार किया था। आरोपी को नई दिल्ली से गिरफ्तार कर देहरादून कोर्ट में पेश किया गया। वर्तमान में अनुराग शंखधर उप परियोजना निदेशक के पद पर तैनात थे और वह निलंबित हैं। शंखधर ने हरिद्वार और देहरादून के 22 शैक्षणिक संस्थानों को 22 करोड़ 69 लाख रुपये छात्रवृत्ति आवंटित की थी।
हरिद्वार और देहरादून जिले में समाज कल्याण विभाग से कुछ शैक्षणिक संस्थानों ने अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्र-छात्राओं के फर्जी प्रवेश दर्शाकर फीस प्रतिपूर्ति के रूप में करोड़ों रुपये की धनराशि गबन की थी। इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है। एसआईटी की ओर से जांच के बाद विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों के खिलाफ हरिद्वार में 51 और देहरादून में 32 मुकदमे दर्ज किए गए। जांच के दौरान हरिद्वार के तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंखधर वर्तमान में उप परियोजना निदेशक (निलंबित) निदेशालय जनजाति कल्याण निवासी विष्णु विहार अजबपुर कलां देहरादून की जिला हरिद्वार में दर्ज 11 और देहरादून में दर्ज चार मुकदमों में संलिप्तता पाई गई।
जिला हरिद्वार के 10 और देहरादून के एक मुकदमे में उत्तराखंड शासन से विवेचना की अनुमति प्राप्त हो चुकी है। इसके अलावा आरोपी ऊधमसिंह नगर जिले के 44 मुकदमों में वांछित है। आरोपी को अपना पक्ष प्रस्तुत करने के लिए कई बार नोटिस कार्यालय व आवास पते पर दिए गए, लेकिन वह अपना पक्ष रखने के लिए एसआईटी के समक्ष उपस्थित नहीं हुआ और गिरफ्तारी से बचने के लिए लगातार छिपता रहा।
अनुराग शंखधर की गिरफ्तारी के लिए इंस्पेक्टर मुकेश सिंह चौहान एसआईटी हरिद्वार, एसआई व प्रभारी एसओजी जीआरपी हरिद्वार प्रदीप राठौर की टीम को लगाया गया था। एसआईटी प्रभारी मंजूनाथ टीसी ने बताया कि आरोपी को शनिवार को नई दिल्ली के पहाड़गंज से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि आरोपी अनुराग शंखधर को देहरादून न्यायालय में पेश किया है।
16 और अधिकारियों को जल्द गिरफ्तार करेगी एसआईटी
200 करोड़ रुपये से अधिक के छात्रवृत्ति घोटाले में 16 और अधिकारियों (वर्तमान व निलंबित) को एसआईटी जल्द गिरफ्तार करेगी। इसमें अब तक सात सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें पांच हरिद्वार और दो देहरादून के अधिकारी शामिल हैं। अनुराग शंखधर को दो बार गिरफ्तार किया जा चुका है।
वर्ष 2018 से अब तक सरकारी अधिकारियों समेत कुल 54 (अनुराग शंखधर को दो बार) लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसआईटी के 94 अधिकारी और शिक्षण संस्थान के मालिक (संचालक व अधिकारी) गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट से स्टे भी हासिल कर चुके हैं। एसआईटी के मुताबिक उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, हरियाणा आदि राज्यों के 22 से ज्यादा अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ 38 हरिद्वार और 25 मुकदमे देहरादून में दर्ज हैं। यह मुकदमे कुल मुकदमों में शामिल हैं।
एसआईटी के अधिकारियों के मुताबिक शिक्षण संस्थानों के खिलाफ चल रही लगभग सभी जांचें पूरी हो चुकी हैं। कुल 51 मुकदमों में से 50 मुकदमों में चार्जशीट भेजी जा चुकी है। अब बारी सरकारी अधिकारियों की है। उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के कुल 16 अधिकारी ऐसे हैं, जिनके खिलाफ जांच अंतिम दौर में है। एसआईटी इन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर सकती है।
गिरफ्तारी से बचने के लिए वापस किए 14 करोड़
कार्रवाई से घबराए घपलेबाज शिक्षण संस्थानों ने पिछले दिनों 14.39 करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम लौटा दी थी। हालांकि, विभाग के पास इन संस्थानों के नाम की जानकारी नहीं थी। विभाग ने इसके लिए एक खाता अलग से खोला था, जिसमें चुपचाप इन संस्थानों ने पैसा लौटा दिया है। यह जानकारी भी आरटीआई कार्यकर्ता रविंद्र जुगरान को एक आरटीआई के जवाब में मिली थी।
करीब 200 करोड़ का है घोटाला
घोटाला जब सामने आया था उस वक्त लगभग 500 करोड़ रुपये के गबन की बात की जा रही थी, लेकिन अभी तक सभी मुकदमों की जांच में यह रकम करीब 200 करोड़ रुपये के आसपास है। हालांकि, एसआईटी ने इसका अभी पूरा आंकलन नहीं किया है। यह रकम इससे ज्यादा भी हो सकती है।
ये है कार्रवाई
कुल मुकदमें संस्थानों के खिलाफ – 51 (हरिद्वार) व 32 (देहरादून)
गिरफ्तार आरोपी- 48 (शिक्षण संस्थानों के मालिकान) और 07 (सरकारी अधिकारी)
स्टे प्राप्त आरोपी- 94
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के मुकदमे- 38 (हरिद्वार) व 25 (देहरादून)