टीका ही बचाएगा अभियान: एम्स में पहली बार टीकाकरण के लिए नहीं लगी कतार
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश में लाभार्थियों को पहली बार टीकाकरण के लिए कतार में खड़ा नहीं होना पड़ा। कोविड टीकाकरण महाअभियान के पहले दिन एक लाभार्थी को कोरोनारोधी टीका लगाने में महज तीन से चार मिनट का समय लिया गया। हालांकि कोविड गाइडलाइन पर पूरी तरह से अमल करते हुए आधे घंटे तक के लिए लाभार्थी चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया।
एम्स के वैक्सीनेशन सेंटर के प्रभारी असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.महेंद्र सिंह ने बताया कि मंगलवार को 561 लाभार्थियों को कोविशील्ड व कोवाक्सिन की पहली और दूसरी डोज लगाई गई। इनमें 361 लाभार्थियों कोविशील्ड और 200 लाभार्थियों को कोवाक्सिन का टीका लगाया गया। उन्होंने बताया कि एम्स ने महाअभियान के पांच हजार कोविड डोज लक्ष्य निर्धारित किया है। डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि एम्स में अब तक रिकार्ड साढ़े तीन लाख से अधिक लाभार्थियों का कोरोनारोधी टीकाकरण हो चुका है।
सुबह 10 बजे
एम्स की आयुष विंग के भवन में टीकाकरण अभियान चल रहा था। टीकाकरण के कोविशील्ड और कोवाक्सीन के अलग-अलग केंद्र बनाए गए थे। लाभार्थियों का आधार कार्ड की जानकारी रिकार्ड में दर्ज की जा रही थी। इसके बाद लाभार्थियों को टीकाकरण के लिए अंदर भेजा जा रहा था। लाभार्थी तीन से चार मिनट में टीकाकरण के बाद चिकित्सकीय निगरानी एरिया में बैठ रहे थे।
सुबह 11 बजे
टीकाकरण केंद्र के बाहर कुर्सियों पर 10-12 लाभार्थी बैठे थे। एक के बाद एक आधार वेरिफिकेश सेंटर की ओर बढ़ रहे थे। यहां से लाभार्थियों को टीकाकरण केंद्र में भेजा जा रहा था।
सुबह 11.30 बजे
कुछ युवतियां सिक्योरिटी गार्ड से केंद्र में उपलब्ध टीके की जानकारी ले रही थी। सिक्योरिटी गार्ड युवतियों को बता रहा था कि केंद्र में कोविशील्ड और कोवाक्सिन दोनों ही टीके लगाए जा रहे हैं।
दोपहर 12 बजे
धूप काफी तेज थी। टीकाकरण के लिए लाभार्थियों के आने का सिलसिला जारी थी। 250 से अधिक लाभार्थियों को टीका लग चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों से एम्स पहुंची कुछ महिलाएं टीकाकरण केंद्र की ओर बढ़ रही थी।
पानी और शेड की थी व्यवस्था
सेंटर के बाहर लाभार्थियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था की गई थी। इसके अलावा धूप से बचने के लिए शेड के नीचे वेटिंग एरिया बनाया गया था। हालांकि लोगों को टीकाकरण के लिए इंतजार नहीं करना पड़ रहा था। इसलिए वेटिंग एरिया में गिने चुने लोग ही बैठे थे।
बच्चो के साथ भी पहुंची महिलाएं
कुछ महिलाएं अपने छोटे बच्चों के साथ भी टीका लगाने के लिए पहुंची। बच्चों के साथ पहुंची महिलाओं को टीकाकरण में प्राथमकिता दी जा रही थी।