उत्तराखंड में बारिश का कहर: मलबे में दबने से चार लोगों की मौत, पिता और बेटे नदी में बहे
पहाड़ों में शनिवार देर रात भारी बारिश के चलते नदी नालों के उफनने से अलग-अलग हादसों में चार लोगों की मौत हो गई जबकि पिता-पुत्र नदी के तेज बहाव में बह गए।
कपकोट तहसील के सुमगढ़ ग्राम पंचायत के ऐठाणवण तोक में पहाड़ से हुए भूस्खलन में एक मकान जमींदोज होने से पति, पत्नी और बच्चे की मौत हो गई। वहीं अल्मोड़ा की मौलेखाल तहसील के मरचूला में रामगंगा नदी में नहाते समय मुरादाबाद निवासी पिता और पुत्र पानी के तेज बहाव में बह गए, जबकि परिवार के छह लोगों की जान बच गई।
नदी में बहे पिता-पुत्र का अब तक पता नहीं चला है। उधर, रविवार की सुबह बाइक पर दोस्त शिवम गिरी के साथ मां पूर्णागिरि धाम के दर्शन कर लौट रही लालकुआं निवासी युवती आरती यादव (22) की रानीहाट के समीप बाइक के बरसाती नाले में बहने से मौत हो गई।
शनिवार की रात को तेज बारिश के बीच रात करीब दो बजे ऐठाणवण तोक की पहाड़ी पर जबरदस्त भूस्खलन हो गया। मलबा ऐठाणवण की ओर बहने लगा। इसकी जद में आने से गोविंद सिंह पंडा का मकान जमींदोज हो गया। हादसे में गोविंद सिंह (38) पुत्र प्रताप सिंह, पत्नी खष्टी देवी (32) और पुत्र हिमांशु (07) मलबे में जिंदा दफन हो गए। गोविंद का दूसरा पुत्र गुलशन बाल-बाल बच गया।
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उसने ही घर के कुछ दूरी पर रह रहे अन्य परिजनों को हादसे की सूचना दी। लोग घटनास्थल पर पहुंचे लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। आपदा कंट्रोल रूम और प्रशासन को भी सूचना दी गई लेकिन सड़क बंद होने की वजह से एसडीआरएफ, आपदा प्रबंधन और राजस्व पुलिस की टीम को मौके पर पहुंचने में करीब सात घंटे लग गए। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद तीनों मृतकों के शव मलबे से बाहर निकाले गए।
उधर, रविवार को यूपी के मुरादाबाद के पूनम विहार बैंक कालोनी निवासी राजेश कुमार ( 30) पुत्र राम अवतार, पत्नी, दो बच्चों और भाई तथा उनकी पत्नी व दो बच्चों के साथ कार्बेट पार्क से लगे मरचूला क्षेत्र में घूमने आए थे। सुबह 11 बजे सभी रामगंगा नदी में नहाने लगे। इसी दौरान एकाएक नदी में बाढ़ आ गई और पानी के तेज बहाव के बीच छह परिजन तो किसी तरह किनारे आ गए, लेकिन राजेश कुमार और उनके पुत्र कार्मिक (8) तेज बहाव में बह गए।
सूचना पर उपजिलधिकारी शिप्रा जोशी, तहसीलदार दलीप सिंह, थानाध्यक्ष धीरेंद्र पंत, राजस्व उप निरीक्षक कौशल चौहान आदि मौके पर पहुंचे। स्थानीय ग्रामीणों और गोताखोरो ने नदी में बहे पिता पुत्र की ढूंढखोज शुरू की लेकिन देर शाम तक उनका कोई पता नहीं चल सका।