चीन में एमबीबीएस करने वाले भारतीय छात्रों का भविष्य संकट में, यात्रा प्रतिबंध के कारण नहीं लौट पा रहे
चीन में एमबीबीएस का कोर्स करने वाले हजारों छात्रों का भविष्य अधर में है। पिछले साल सर्दियों में आए ये छात्र यात्रा प्रतिबंधों के हटने का इंतजार कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में उनकी आनलाइन पढ़ाई तो चल रही है, लेकिन प्रयोगात्मक प्रशिक्षण के बिना शिक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
चीन के शियान जियाओतोंग विश्वविद्यालय में एमबीबीएस की द्वितीय वर्ष की छात्रा रिचा सिंह का कहना है कि मैं आनलाइन क्लास कर रही हूं, लेकिन दो साल होने के बाद भी मेरी पढाई से प्रयोगात्मक प्रशिक्षण पूरी तरह से गायब है। 2019 के आंकडों के अनुसार भारत के 23 हजार छात्र-छात्रा विभिन्न कोर्स में अध्ययन कर रहे हैं। इनमें से 21 हजार एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं।
चीन ने भारत में कोरोना की स्थिति को खराब बताते हुए अभी यात्रा पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। अब ये छात्र-छात्राएं अपना भविष्य बचाने के लिए इंटरनेट मीडिया पर अभियान चला रहे हैं। छात्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगाई है। बता दें कि चीन के वुहान शहर में 2019 में कोविड-19 का पहला मामला सामने आया था। यहां अब महामारी को नियंत्रण में है। वर्तमान में अपने लोगों को वह काफी तेज गति से टीका लगा रहा है। अब तक, इसने वैक्सीन की लगभग 1.34 बिलियन खुराक लगा चुका है। अधिकारियों को उम्मीद है कि चीन, जिसकी आबादी 1.4 बिलियन से अधिक है, अगले साल की शुरुआत तक अपने लगभग 70 प्रतिशत लोगों का टीकाकरण कर देगा। तब तक चीन विदेश यात्रा पर प्रतिबंध जारी रख सकता है।
भारी बारिश की आशंका पर बीजिंग में सभी पर्यटन स्थल बंद
समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार चीन में भारी बारिश की चेतावनी के बाद राजधानी बीजिंग में सभी पर्यटन स्थल बंद कर दिए गए हैं। सुरक्षा के लिए आपातकाल लागू कर दिया गया है। ग्लोबल टाइम्स के अनुसार चीन में रविवार से ही जबर्दस्त बारिश और तूफान की चेतावनी दी गई है। अगले दो दिनों तक 60 से 100 मिमी. वर्षा होने की संभावना है।